ट्रंप ने भारतीय मूल के डॉ. भट्टाचार्य को बनाया स्वास्थ्य एजेंसी का प्रमुख, कोविड लॉकडाउन का किया था आलोचन​

 डॉ. जय भट्टाचार्य के नाम की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि स्टैनफोर्ड के शिक्षाविद और अमेरिकी कोविड नीति के आलोचक डॉ. भट्टाचार्य रॉबर्ट एफ. कैनेडी यूनियर के साथ मिलकर एनआईएच को चिकित्सा अनुसंधान के स्वर्ण मानक पर बहाल करने का काम करेंगे

अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के डॉ. जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का निदेशक नियुक्त करने की घोषणा की है. यह देश का चिकित्सा अनुसंधान को वित्तपोषित करने वाला सबसेस बड़ा सार्वजनिक संस्थान है और इसका बजट लगभग 47.3 बिलियन डॉलर है. 

डॉ. जय भट्टाचार्य के नाम की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि स्टैनफोर्ड के शिक्षाविद और अमेरिकी कोविड नीति के आलोचक डॉ. भट्टाचार्य रॉबर्ट एफ. कैनेडी यूनियर के साथ मिलकर एनआईएच को चिकित्सा अनुसंधान के स्वर्ण मानक पर बहाल करने का काम करेंगे क्योंकि वो अमेरिका की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों के अंतर्निहित कारणों और समाधानों की जांच करेंगे, जिसमें हमारी दीर्घकालिक बीमारी और रोगों का संकट भी शामिल है. 

जय भट्टाचार्य के बारे में अहम बातें –

जय भट्टाचार्य का जन्म 1968 में कोलकाता में हुआ था. डॉ. भट्टाचार्य ने स्टैनफोर्ड से 1997 में मेडिसिन में डॉक्टरेट हासिल किया था और तीन साल बाद उन्होंने इसी यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पीएच.डी की थी. डॉ. भट्टाचार्य स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर हैं और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च में शोध सहयोगी हैं. वह स्टैनफोर्ड के सेंटर फॉर डेमोग्राफी एंड इकोनॉमिक्स ऑफ हेल्थ एंड एजिंग का निर्देशन करते हैं.उनका शोध कमजोर आबादी के स्वास्थ्य और कल्याण पर केंद्रित है, जिसमें सरकारी कार्यक्रमों, जैव-चिकित्सा नवाचार और अर्थशास्त्र की भूमिका पर विशेष जोर दिया गया है.डॉ. भट्टाचार्य का हालिया शोध कोविड-19 की महामारी विज्ञान के साथ-साथ महामारी के प्रति नीतिगत प्रतिक्रियाओं के मूल्यांकन पर केंद्रित है.उन्होंने चिकित्सा, अर्थशास्त्र, स्वास्थ्य नीति, महामारी विज्ञान, सांख्यिकी, कानून और सार्वजनिक स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में शीर्ष समकक्ष-समीक्षित वैज्ञानिक पत्रिकाओं में 135 लेख प्रकाशित किए हैं.

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