डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “इंसान होने के नाते मैं कह सकता हूं कि यह आसान नहीं है कि अचानक जिंदगी में इस तरह का बदलाव आना. हालांकि, कई बार मैं ऐसा सोचता हूं कि जीवन में मैंने कितनी चीजें आत्मसात कर ली हैं लेकिन कितनी ही चीजें मैंने खोई भी हैं.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हुए थे. उनकी रिटायरमेंट को लगभग 15 दिन हुए हैं और रविवार सुबह एनडीटीव इंडिया संवाद के दौरान जब उनसे पूछा गया कि रिटायरमेंट के बाद उनके 15 दिन कैसे रहे तो उन्होंने कहा, “साढे़ आठ साल की आदत थी और उससे पहले 24 साल तक मैं जज रहा हूं और इसके अलावा मेरी दुनिया में इसके अलावा कुछ और काम नहीं था. बस सुबह उठकर केस फाइल पढ़ना, कोर्ट जाना, शाम को आकर जजमेंट डिक्टेट करना और रात को अगले दिन की फाइल पढ़ना”.
उन्होंने आगे कहा, “इंसान होने के नाते मैं कह सकता हूं कि यह आसान नहीं है कि अचानक जिंदगी में इस तरह का बदलाव आना. हालांकि, कई बार मैं ऐसा सोचता हूं कि जीवन में मैंने कितनी चीजें आत्मसात कर ली हैं लेकिन कितनी ही चीजें मैंने खोई भी हैं. मैं 24 सालों में अपने परिवार के साथ लंच नहीं कर पाया और कई बार डिनर के वक्त भी मैं अपने ऑफिस में ही रहता था. तो ऐसी कई चीजें हैं, जो मैं अब करना चाहता हूं और कर पा रहा हूं”.
DY चंद्रचूड़ ने कहा, “प्राइवेट सिटिजन बनकर और जुडीशियल ऑफिस की बाउंडेशन में नहीं होने के बाद मुझे अच्छा लग रहा है.”
NDTV India – Latest
More Stories
हमारे संविधान की सुंदरता उसकी विविधता है.., ‘NDTV INDIA संवाद’ में पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ की कही 10 प्रमुख बातें
भारत के संविधान में क्या है खास? जस्टिस सीकरी, पूर्व CEC और फैजान मुस्तफा ने बताया
फिल्म मेकर ने नेहरू और सरदार पटेल को कहा जय-वीरू, इस पाकिस्तानी नेता को बताया गब्बर