November 24, 2024
डीआरडीओ और भारतीय नौसेना को बड़ी कामयाबी, सरफेस टू एयर मिसाइल का सफल परीक्षण

डीआरडीओ और भारतीय नौसेना को बड़ी कामयाबी, सरफेस टू एयर मिसाइल का सफल परीक्षण​

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय नौसेना की टीमों की उनकी उपलब्धि के लिए सराहना करते हुए कहा कि यह परीक्षण वीएल-एसआरएसएएम हथियार प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता की पुष्टि करता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय नौसेना की टीमों की उनकी उपलब्धि के लिए सराहना करते हुए कहा कि यह परीक्षण वीएल-एसआरएसएएम हथियार प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता की पुष्टि करता है.

भारतीय नौसेना और डीआरडीओ ने गुरुवार को ओडिशा तट से कम दूरी की वर्टिकली लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह उड़ान परीक्षण आईटीआर रेंज लांचर से किया गया, जिसमें कम ऊंचाई पर उड़ रहे एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य को निशाना बनाया गया. इस बारे में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल प्रणाली ने लक्ष्य का पता लगाया और उसे भेद दिया.

आईटीआर रेंज से किया गया परीक्षण

इसके साथ ही कहा, “रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने ओडिशा तट से दूर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से वर्टिकल प्रक्षेपित कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया.” मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण का उद्देश्य हथियार प्रणाली के कई अद्यतन तत्वों को प्रमाणित करना था, जिसमें ‘प्रॉक्सिमिटी फ्यूज’ और ‘सीकर’ भी शामिल थे.

रक्षा मंत्री ने की डीआरडीओ और भारतीय नौसेना की सराहना

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इस प्रणाली के प्रदर्शन की आईटीआर चांदीपुर में तैनात रडार इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री जैसे विभिन्न उपकरणों द्वारा सावधानीपूर्वक निगरानी व पुष्टि की गई.” इस प्रक्षेपण की निगरानी विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और भारतीय नौसेना के प्रतिनिधियों द्वारा की गई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय नौसेना की टीमों की उनकी उपलब्धि के लिए सराहना करते हुए कहा कि यह परीक्षण वीएल-एसआरएसएएम हथियार प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता की पुष्टि करता है.

डीआरडीओ के अध्यक्ष तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी और इस बात पर जोर दिया कि यह प्रणाली भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी और बल गुणक के रूप में कार्य करेगी.

(भाषा इनपुट्स के साथ)

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