एनआईए की खुफिया रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की खुफिया रिपोर्ट में पंजाब में थानों पर हमले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी हैप्पी पेंसिया और जीवन फौजी का हाथ बताया गया है.
पंजाब (Punjab) में एक बार फिर आतंकी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. पंजाब के कई थाने आतंकियों के निशाने पर हैं. डेड ड्रॉप मॉडल के जरिए हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. इसे लेकर एनआईए ने अपनी एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. आज भी अमृतसर के एक थाने में विस्फोट की खबर है. वहीं पिछले एक महीने के दौरान पंजाब के अलग-अलग पुलिस स्टेशन और चौकियों पर हमले किए गए हैं, जिनमें इसी डेड ड्रॉप मॉडल का इस्तेमाल किया गया है.
एनआईए की खुफिया रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की खुफिया रिपोर्ट में पंजाब में थानों पर हमले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी हैप्पी पेंसिया और जीवन फौजी का हाथ बताया गया है.
पंजाब पुलिस को किया था आगाह
सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने कुछ दिन पहले पंजाब पुलिस को अपनी स्टेटस रिपोर्ट दी थी, जिसमें थानों पर हमले को लेकर आगाह किया था. यह रिपोर्ट खालिस्तानी आतंकियों, उनके ओवरग्राउंड वर्कर से पूछताछ और रेड में बरामद डिजिटल एविडेंस के आधार पर तैयार की गई थी.
एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 1984 की तरह खालिस्तानी आतंकी पंजाब में पुलिस स्टेशनों को डैड ड्राप मॉडल के तहत टारगेट कर रहे हैं.
क्या है डेड ड्राप मॉडल?
डेड ड्राप मॉडल में आतंकी संगठन किसी भी बिल्डिंग या शख्स को टारगेट करने के लिए मेमोरी चिप, पेन ड्राइव या डिजिटल चिप के जरिए अपना मेसेज जिसमें टारगेट, विस्फोटक की जगह बताई जाती है, उसकी जानकारी अपने ओवर ग्राउंड वर्कर से शेयर करते हैं.
सर्च के दौरान हाल ही में NIA को ऐसी कई डिजिटल चिप और पेनड्राइव हासिल हुई. उसी के आधार पर ये स्टेटस रिपोर्ट बनाई गई है.
जांच एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती
पिछले एक महीने के दौरान पंजाब में अलग-अलग पुलिस स्टेशन और चौकियों पर हमले किए गए हैं, जिनमें इसी डेड ड्रॉप मॉडल का इस्तेमाल किया गया है. डेड ड्राप मॉडल के जरिए आतंकियों की साजिश को पकड़ना जांच एजेंसियों के सामने एक बड़ी चुनौती होती है.
इस मॉडल के ज़रिए आतंकी संगठन ज्यादातर नए लड़कों का इस्तेमाल करते हैं जिन्हें विदेश बुलाने और पैसे का लालच दिया जाता है.
अब तक इन थानों को बनाया निशाना
पिछले एक महीने में डेड ड्राप मॉडल का इस्तेमाल कर कई हमलों को अंजाम दिया गया है. इनमें अमृतसर के इस्लामाबाद थाने में हमला भी शामिल है. वहीं चार दिसंबर को अमृतसर के मजीठा थाने में धमाका हुआ था. उस वक्त थाने में हैंड ग्रेनेड फेंकने की बात सामने आई थी. इस धमाके की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी हैप्पी पेंसिया ने ली थी.
28 नवंबर को अमृतसर पुलिस की पुरानी चौकी गुरबख्श नगर में ब्लास्ट हुआ था. यहां भी हैंड ग्रेनेड फेंकने की बात सामने आई थी. इसकी जिम्मेदारी भी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए ली गई थी.
अमृतसर में 23-24 नवंबर की रात को अजनाला थाने के बाहर आईईडी भी प्लांट किया गया था. हालांकि तकनीकी खराबी के कारण वह फटा नहीं था. गुरदासपुर जिले में भी पुलिस थाने को निशाना बनाते हुए ग्रेनेड फेंका जा चुका है.
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