दिल्ली- NCR में आज सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 4 मापी गई. पिछले कुछ घंटों में तिब्बत से दिल्ली तक कई बार घरती हिली है. आखिर, धरती इतनी क्यों डोल रही है.
Delhi EARTHQUAKE: दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में आज सुबह-सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इसका एपिक सेंटर दिल्ली बताया जा रहा है. भूकंप की तीव्रता 4 मापी गई है. भूकंप सुबह 5.37 बजे के करीब आया. झटके इतने तेज थे कि इमारतें हिलने लगीं और लोग अपने घरों से बाहर निकल गए. तिब्बत से लेकर दिल्ली तक पिछले 13 घंटों में 8 भूकंप आए हैं, आखिर इतनी जल्दी-जल्दी घरती क्यों हिल रही है? धरती के नीचे आखिर क्या हो रहा है, जिससे तिब्बत से लेकर दिल्ली तक भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं? तिब्बत में 16 फरवरी को शाम 3 बजकर 52 मिनट पर 3.5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गए. इसके बाद पिछले कुछ घंटों में अरुणाचल, तिब्बत, इंडोनेशिया और भारत में भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं.
तिब्बत से दिल्ली तक 13 घंटों में 8 बार हिली घरती
तिब्बत में 16 फरवरी यानि रविवार को अलग-अलग समय पर भूकंप के कई झटके महसूस किये गए. रविवार को तिब्बत में भूकंप का पहला झटका 3:52 बजे लगा. इसके बाद 8:59 बजे दूसरा, 9:58 पर तीसरा, 11:59 पर चौथा भूकंप का झटका महसूस किया गया. इन भूकंप के झटकों की तीव्रता 3.5 से लेकर 4.5 तक मापी गई. बीते कुछ घंटों में 4 भूकंप के झटके महसूस करने के बाद तिब्बत के लोग दहशत में हैं.
अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग में 16 फरवरी को सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किये गए. हालांकि, ये झटके तेज नहीं थे, भूकंप की तीव्रता 2.8 थी. भूकंप की गहराई लगभग 10 किलोमीटर थी. इस भूकंप में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन धरती हिलने से लोग डर जरूर गए.
बंगाल की खाड़ी में बीती रात 11 बजकर 16 मिनट पर भूकंप आया. इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई. इसकी गहराई 35 किलोमीटर नीचे थी.
आज सुबह दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किये गए. भूकंप का केंद्र नई दिल्ली में जमीन से पांच किलोमीटर की गहराई पर बताया जा रहा है. यह 28.59 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 77.16 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था. गहराई कम होने और केंद्र दिल्ली में होने के कारण दिल्ली-एनसीआर में इसे ज्यादा महसूस किया गया.
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके
दिल्ली में क्यों आया भूकंप?
भूवैज्ञानिकों बताते हैं कि दिल्ली हिमालय के करीब स्थित है. हिमालय के करीब होने के कारण दिल्ली एक ‘भूकंपीय क्षेत्र’ माना जाता है. हिमालय भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से बना है, जिसके कारण इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते हैं. दिल्ली में कई भ्रंश रेखाएं( Fault Lines) हैं, जो पृथ्वी की सतह में दरारें हैं. जब इन भ्रंश रेखाओं के साथ तनाव जमा होता है, तो भूकंप आ सकता है. दिल्ली में आज आया भूकंप इन भ्रंश रेखाओं में आया तनाव ही हो सकता है. इसके अलावा दिल्ली की मिट्टी रेतीली और जलोढ़ है, जो भूकंप के दौरान अस्थिर हो सकती है और इमारतों को नुकसान पहुंचा सकती है. इसलिए कहा जाता है कि दिल्ली में यदि तेज भूकंप आया, तो भारी नुकसान हो सकता है.
क्यों महसूस होते हैं भूकंप के झटके?
भूकंप एक प्राकृतिक घटना है, जो पृथ्वी की सतह के हिलने के कारण होती है. दरअसल, पृथ्वी की सतह कई टेक्टोनिक प्लेटों में बंटी हुई है. ये प्लेटें लगातार धीमी गति से चलती रहती हैं. इस दौरान जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं या एक-दूसरे के नीचे खिसकती हैं, तो तनाव पैदा होता है. जब यह तनाव एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है, तो चट्टानें टूट जाती हैं और काफी ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे भूकंप आता है.
भूकंप के किस जोन में आता है दिल्ली?
भारत को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा गया है- जोन 2, जोन 3, जोन 4 और जोन 5. इनमें से जोन 5 सबसे खतरनाक जोन है, जहां काफी बड़े-बड़े भूकंप आने का खतरा रहता है. वहीं, जोन 2 सबसे कम खतरनाक माना जाता है. जहां तक दिल्ली की बात है, तो ये जोन 4 में आता है. इसका मतलब है कि यहां भूकंप का खतरा बना रहता है. भूकंपीय क्षेत्र होने के नाते दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक हैं. जोन 4 में आने वाले क्षेत्रों में भूकंप का खतरा अधिक होता है. इसलिए दिल्ली के बारे में कहा जाता है कि अगर यहां तीव्र गति का भूकंप आया, तो काफी भारी नुकसान हो सकता है.
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