दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमे ये बात समझनी होगी कि दिल्ली में जो आज प्रदूषण है उसके लिए सिर्फ दिल्लीवाले ही जिम्मेदार नहीं है. दिल्ली में ज्यादातर प्रदूषण दिल्ली के आसपास के इलाकों की वजह से हो रहा है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली में प्रदूषण की वजह भी बताई. हालांकि, गोपाल राय ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिलहाल दिल्ली में GRAP 3 को लगाने की घोषणा नहीं की है. उन्होंने इस दौरान ये जरूर कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए दिल्ली वाले ही जिम्मेदार नहीं हैं. गोपाल राय ने प्रदूषण को लेकर दिल्ली में 12 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच का डेटा एनालिसिस भी सबके सामने रखा. राय ने कहा कि ये डेटा हमे बताती है कि दिल्ली के अंदर ये प्रदूषण किसकी वजह से है.
“दिल्ली में प्रदूषण के लिए दिल्लीवाले ही जिम्मेदार नहीं”
इस डेटा से साफ हो जाता है कि दिल्ली में जितना प्रदूषण है उसमें से 30.34 फीसदी जिम्मेदार दिल्ली वाले हैं. जबकि 34.97 फीसदी प्रदूषण की वजह से एनसीआऱ के दूसरे जिले हैं. जबकि 27 फीसदी जो प्रदूषण दिल्ली में पाया जा रहा है उसके लिए एनसीआर के इलाकों से लगने वाले दूसरे जिले शामिल हैं. यानी दिल्ली में दिल्लीवालों की वजह से सिर्फ 30.34 फीसदी ही प्रदूषण हो रहा है. इसके अलावा 69.66 फीसदी प्रदूषण एनसीआर के इलाकों और दूसरे जिलों से दिल्ली में आता है. दिल्ली के लोगों को प्रदूषण की मार झेलनी पड़ती है वो केवल दिल्ली वालों की वजह से नहीं, बल्कि चारों तरफ के प्रदूषण का जो स्तर है उसका असर दिल्ली वालों पर हो रहा है. गोपाल राय ने इस दौरान कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली-एनसीआर और बाहर के जिलों को लेकर ज्वाइंट एक्शन बनाना पड़ेगा. सबको अपने हिस्से के प्रदूषण को कम करने पर काम करना होगा.
पराली अब नहीं है समस्या
गोपाल राय ने कहा कि डेली बेसिस पर जारी हो रहे डेटा के अनुसार 2022 में जब हमारी सरकार पंजाब में बनी 14 अक्टूबर से 13 नवंबर 45172 पराली जलने की घटना थी. जब 2023 में हमने काम किया तो यह घटकर 26127 ऐसी घटनाएं हुई. ठीक उतने ही पीरियड में 7492 घटना हुई है पंजाब में है. हमारी सरकार ने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने में असाधरण काम किया है. हमने लगभग 80 फीसदी पराली जलने की घटना आम आदमी पार्टी ने कम किया है. ये डेटा केंद्र सरकार के द्वारा डेली बेसिस पर जारी होता है. उत्तर प्रदेश के अंदर जो दिल्ली से सटा हुआ है, वहां पर 2022 में 12371 पराली जलाने की घटना हुई थी और इस साल इसी पीरियड में 20167 घटनाएं हो चुकी है.
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