यमुना के पानी में फिर से झाग बन रहा है. ऐसे में छठ के दौरान यमुना नदी में स्नान करना और सूर्य देव को अर्घ्य देना सेहत के लिए रिस्की हो सकता है.
Chhath bathing tips : दिल्ली एनसीआर में इस समय AQI (Air index quality) बहुत ज्यादा गिरावट आई है. आसमान में इस समय केवल धुंध ही नजर आ रही है. जिसके कारण कुछ लोगों को गले में खुस्की, सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन का भी सामना करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ यमुना के पानी में फिर से झाग बन रहा है. ऐसे में छठ के दौरान यमुना नदी में स्नान करना और सूर्य देव को अर्घ्य देना सेहत के लिए रिस्की हो सकता है.
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एटोपिक डर्मेटाइटिस हो सकता है
दरअसल, हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पानी में मौजूद विषैले झाग त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं. त्वचा में जलन हो सकती है और एटोपिक डर्मेटाइटिस हो सकता है.
त्वचा रंजकता हो सकती है
इसके अलावा पानी में स्नान करने से त्वचा रंजकता का भी सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, पानी में औद्योगिक प्रदूषण के कारण विटिलिगो या अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां हो सकती हैं.
हार्मोनल गड़बड़ी हो सकती है
वहीं, यमुना नदी में स्नान करने से फेफड़े भी संक्रमित हो सकते हैं. टायफायड के भी चांसेस बढ़ सकते हैं और हार्मोनल इनबैलेंस भी हो सकता है. तो आप इन बातों को ध्यान में रखकर आस्था के महापर्व में शामिल हों ताकि पूजा में भी कोई बाधा न आए और सेहत भी न बिगड़े.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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