Delhi Air Pollution: दिल्ली-NCR में एक बार फिर वायू प्रदूषण का दौर जारी है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी ‘खराब’ श्रेणी में रही और कुछ निगरानी केंद्रों ने इसका स्तर ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया है. प्रदूषण पर सियासत भी जारी है. दिल्ली सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का एक कारण पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश हैं.
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरे के निशान के पार पहुंच गया है. दिल्ली एनसीआर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां का एक्यूआई 300 से ज्यादा है. स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एनसीआर में ग्रैप का पहला चरण लागू कर दिया है. ग्रैप-1 लागू होते ही दिल्ली में निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन से संबंधित निर्देश लागू होते हैं. खुली जगहों पर कचरा जलाने और फेंकने पर रोक लगाई गई है. नियमित रूप से कूड़ा उठाने के निर्देश दिए गए हैं. सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए कुछ दिनों के अंतराल पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है. डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है.वायु गुणवत्ता के ‘खराब’ श्रेणी में पहुंचने के बाद नई दिल्ली नगर निगम ने निर्माण स्थलों पर निरीक्षण कर धूल नियंत्रण उपायों के उल्लंघन के लिए 50,000 रुपये का चालान किया. नगर निगम ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न पहल शुरू की हैं और निरीक्षण, निगरानी तथा कार्रवाई करने वाली टीमों द्वारा उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना लगाया जा रहा है.दिल्ली के निवासियों को वायु गुणवत्ता में गिरावट का असर महसूस होने लगा है, क्योंकि बुधवार को तड़के चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 230 दर्ज किया गया. आईटीओ, चांदनी चौक और लोधी रोड स्थित मौसम निगरानी केंद्र पर वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में रही. आनंद विहार में एक्यूआई 430 के गंभीर स्तर पर पहुंच गया, जबकि मुंडका स्टेशन ने 327 के ‘बहुत खराब’ स्तर की सूचना दी.शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.हवा की गुणवत्ता खराब होने का एक और बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना है. उपग्रह से प्राप्त आंकड़े के मुताबिक, बुधवार को पराली जलाने के पंजाब में 99, हरियाणा में 14, उत्तर प्रदेश में 59 और दिल्ली में एक मामले सामने आए.आप के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले एक से 14 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 27 फीसद की कमी आई है, जबकि हरियाणा में 23 और उत्तर प्रदेश में 71 फीसद की वृद्धि हुई है.मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि धूल नियंत्रण के लिए प्रदूषण की आशंका वाले स्थानों और प्रमुख सड़कों पर 300 से अधिक ‘स्मॉग गन’ लगाए जाएंगे.राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण सर्दियों से पहले ही ग्रेप-1 लागू किया गया है. इसको लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली का बढ़ता प्रदूषण सरकार की विफलता को दिखाता है. जब भी कोई समस्या आती है, आम आदमी पार्टी की सरकार ऐसे काम करती जिसका कोई फायदा नहीं है.नोएडा प्राधिकरण की कई टीमों ने अलग-अलग इलाकों में निरीक्षण भी शुरू कर दिया है और 20 टैंकर से धूल नियंत्रण करने के लिए पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है. नोएडा के समस्त क्षेत्रों में मुख्य मार्गों पर 20 टैंकरों के माध्यम से 63.58 किलोमीटर लंबाई में शोधित जल का छिड़काव किया गया है. जिससे सड़कों पर उड़ने वाली धूल पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके.सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के मामले में उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाने को लेकर हरियाणा और पंजाब सरकारों को बुधवार को फटकार लगाई. दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को 23 अक्टूबर को उसके समक्ष पेश होकर स्पष्टीकरण देने को भी कहा है.
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