सर्दियां आते ही दिल्ली ही हवा में सांस लेना मुश्किल हो जाता है. शहर की आबोहवा में घुला जहर सांस के जरिए इंसान में शरीर में पहुंचता है और सेहत पर बुरा असर डालता है. यही वजह है कि इन दिनों दिल्ली में लोगों को आम दिनों के मुकाबले सांस संबंधी दिक्कतों से ज्यादा दो चार होना पड़ता है.
देश की राजधानी दिल्ली की हवा (Delhi Air Pollution) में घुलता जहर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. शहर की हवा किस कदर प्रदूषित हो चुकी है इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि लगातार पिछले 8 दिनों से दिल्ली में एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका था. हालांकि आज दिल्ली की हवा थोड़ी साफ जरूर हुई है. जिस वजह से सुबह शहर का औसत एक्यूआई खतरनाक स्तर से सुधरकर बेहद खराब कैटेगरी पर जा पहुंचा. नतीजतन सुबह का औसत एक्यूआई 384 दर्ज किया गया. दिल्ली की हवा में बीते दिनों इतना जहर घुला कि एक्यूआई 500 के स्तर को भी छू गया. भले ही आज दिल्ली की हवा थोड़ी साफ जरूर हुई हो लेकिन हालात अभी भी सुधरे नहीं है.
खराब श्रेणी में दिल्ली का AQI
ई-कॉमर्स वेबसाइट को पटाखों की बिक्री बंद करने के आदेश
दिल्ली पुलिस ने ई-कॉमर्स वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस से राजधानी में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री बंद करने के निर्देश दिए हैं. दिल्ली सरकार द्वारा 14 अक्टूबर को जारी किए गए आदेश के तहत दिल्ली में अगले साल एक जनवरी तक सभी तरह के पटाखों के निर्माण, भंडारण और उन्हें फोड़ने पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने एक बयान में कहा कि 19 नवंबर को ई-कॉमर्स वेबसाइट को ई-मेल के माध्यम से निर्देश जारी किए गए. निर्देश के अनुसार, पुलिस ने उनसे पटाखे दिल्ली के ग्राहकों को बेचना बंद करने को कहा है.
दिल्ली में लगातार बढ़ने के साथ ही एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री भी बढ़ चुकी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, पिछले कई दिनों से एक्यूआई ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया था और शहर का औसत एक्यूआई 400 के ऊपर दर्ज किया जा रहा था. जो कि इस मौसम का सबसे खराब स्तर है. बढ़ते प्रदूषण में दिल्लीवासियों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, जिससे एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग बढ़ गई है.
दिल्ली में50 फीसदी सरकारी कर्मचारी करेंगे वर्क फ्रॉम होम
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने एयर पॉल्यूशन को कम करने और जनता को तुरंत राहत पहुंचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार के फैसले की जानकारी साझा करते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि प्रदूषण कम करने के लिए ग्रेप-4 के प्रावधानों के तहत सरकार ने कई कदम उठाए हैं. उसी सिलसिले में बुधवार को दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता से खुलेंगे, जबकि 50 प्रतिशत कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे.
‘ग्रैप’ के तीसरे, चौथे चरण में स्कूल बंद रखना अनिवार्य
ग्रैप के तीसरे और चौथे चरण के तहत दिल्ली एवं एनसीआर के जिलों में विद्यालयों को बंद रखना अनिवार्य कर दिया. पहले इन उपायों को लागू करने का फैसला राज्य सरकारों के विवेक पर छोड़ दिया जाता था. एनीसीआर और उसके आसपास के क्षेत्रों में, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रैप में संशोधन किया. तीसरे और चौथे चरण के तहत दिल्ली एवं एनसीआर के जिलों — गुरूग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर– में स्कूल को बंद रखना अनिवार्य कर दिया. ग्रैप के तीसरे चरण के तहत एक अतिरिक्त निर्देश के अनुसार, अब राज्य सरकारों को दिल्ली और एनसीआर जिलों में सार्वजनिक कार्यालयों और नगर निकायों के समय अलग-अलग निर्धारित करने होंगे.
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