April 13, 2025

देविका ने 9 साल की उम्र में झेला कसाब की गोली का दर्द, तहव्वुर पर बोली- फांसी दो​

Mumbai 26/11 Terror Attack: मुंबई के 26-11 आतंकी हमले की कसाब की गोली से घायल हुई देविका ने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत लाना अच्छी बात है. उसे भारत लाए जाने के बाद उससे आतंकियों से संबंधित जानकारी निकालने के बाद फांसी देनी चाहिए.

Mumbai 26/11 Terror Attack: मुंबई के 26-11 आतंकी हमले की कसाब की गोली से घायल हुई देविका ने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत लाना अच्छी बात है. उसे भारत लाए जाने के बाद उससे आतंकियों से संबंधित जानकारी निकालने के बाद फांसी देनी चाहिए.

Tahawwur Rana Extraction: मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है. उसे भारत लाने के लिए अधिकारियों की एक विशेष टीम अमेरिका गई है. तहव्वुर राणआ के कल भारत पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. अमेरिका से वापस लाए जाने के बाद राणा को दिल्ली की एक अदालत में पेश किए किया जाएगा. जिसके बाद उस पर आगे की कार्रवाई होगी. तहव्वुर राणा की भारत वापसी के साथ ही उसे फांसी की सजा दिए जाने की मांग तेज हो गई है. 26-11 के आतंकी हमले के पीड़ितों ने राणा के फांसी की सजा की मांग की है.

देविका ने ही कोर्ट में जाकर की थी कसाब की पहचान

26-11-2008 की रात जब अजमल कसाब और उसके साथी, मुंबई में जब फायरिंग कर रहे थे तो उस वक्त मुंबई के छत्रपति शिवाजी महराज टर्मिनल स्टेशन पर देविका रोटावन (Devika Rotawan) भी इस हमले की शिकार हुई थी. देविका बताती हैं कि जब हमला हुआ था तो वे नौ साल की थीं. उनके पैर में गोली लगी थी. देविका ने ही कोर्ट में अजमल कसाब की पहचान की थी.

देविका के पैर में लगी थी आतंकी कसाब की गोली

देविका बताती हैं कि 26 नवंबर 2008 की रात वह छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल पर गोलीबारी में फंस गई थी. उसके पैर में गोली लगी थी. अब जब तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है तो देविका ने कहा कि ऐसे आतंकवादी को फांसी होनी चाहिए जिसकी वजह से कई सैकड़ों लोगों की जान गई.

एनडीटीवी से बातचीत में देविका ने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत लाना अच्छी बात है. उसे भारत लाए जाने के बाद उससे अच्छे तरीके से पूछताछ कर आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

मैं उस दिन की यादें कभी भूल नहीं सकतीः देविका

देविका ने आगे कहा कि 26-11 की घटना को 16 साल हो गए, लेकिन मैं उस समय की यादें कभी भूल नहीं सकी, कभी मैं उसे भूल भी नहीं सकूंगी. आज भी पाकिस्तान में बैठे आतंकी हमले कर रहे हैं. मैं मोदी सरकार को शुक्रिया कहूंगी, जो तहव्वुर राणा को पकड़ कर भारत लाई है. तहव्वुर राणा को फांसी की सजा देनी चाहिए.

परिवार के साथ पुणे जाते समय हमले की शिकार हुई थी देविका

मालूम हो कि देविका रोटावन 26/11 आतंकी हमले के दिन अपने परिवार के साथ पुणे जा रही थीं. उनका परिवार उस समय रेलवे स्टेशन पर था, जब कसाब और उसके साथी ने फायरिंग करनी शुरू कर दी. उस हमले में देविका भी घायल हुई थीं. देविका ने ही कोर्ट रूम में अजमल कसाब की पहचान की थी.

26-11 के मास्टरमाइंड आज भी पाकिस्तान में खुले घुम रहे हैंः देविका

देविका ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि “आखिरकार तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है. मैं भारत और यूएस सरकार को धन्यवाद कहना चाहती हूं. 26/11 के मास्टरमाइंट अभी भी पाकिस्तान में खुले घुम रहे हैं. ना जाने उनके मन में अभी भी क्या प्लानिंग चल रही होगी? आज तक उन्हें सजा नहीं दी गई.”

तहव्वुर राणा से जानकारी निकालने के बाद उसे मौत की सजा देनी चाहिएः देविका

10 जून 2009 को कोर्ट में जाकर देविका ने कसाब की पहचान की थी. देविका ने बताया कि मैं इस मामले में आज भी और आगे भी कोर्ट में जाने को तैयार हूं. देविका ने आगे कहा, “जब मास्टरमाइंड पकड़ा जाएगा और खत्म हो जाएगा तब लगेगा कि पूरा इंसाफ मिला. तहव्वुर राणा को लाने में 16 साल लग गए. तहव्वुर राणा से आतंकियों की जानकारी निकाले के बाद उसे फांसी देनी चाहिए या फिर उसका एनकाउंटर होना चाहिए.

शहीद के बेटे ने भी की फांसी की मांग

दूसरी ओर 26-11 की आतंकी हमले में शहीद हुए राहुल शिंदे के बेटे सुभाष शिंदे ने भी तहव्वुर राणा के लिए फांसी की सजा की मांग की है. सुभाष शिंदे ने बताया कि ताज होटल में आंतकियों के हमले में मेरे पिता 26 नवंबर 2008 को शहीद हुए थे. इस आतंकी घटना को अंजाम देने वाले सभी आतंकियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए.

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