महाराष्ट्र CM देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि उनके बयानों से समाज में द्वेष पैदा न हो. उन्होंने मंत्रियों को दिवंगत BJP नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ‘राज धर्म’ की सलाह की याद दिलाई.
औरंगजेब कब्र विवाद से नागपुर में ऐसी हिंसा भड़कीं, जिसका डर लोगों में साफ दिख रहा है. अब इस हिंसा मामले में पुलिस की तरफ से उन लोगों की धरपकड़ जारी है, जिनकी वजह से शहर का माहौल खराब हुआ. इसी सिलसिले में नागपुर पुलिस ने बुधवार तक 6 FIR दर्ज की थी, लेकिन अब इन एफआईआर की संख्या बढ़कर 10 तक पहुंच गई है. शहर की पुलिस की तरफ से ताजा एफआईआर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने, भड़काने , उकसाने के मामलों में भी FIR दर्ज की गई.

मामले की तह में जाने के लिए एक्सपर्ट की मदद
औरंगजेब के पुतले पर लगी हरे चादर पर क्या लिखा गया, उसे समझने के लिए मौलाना और एक्सपर्ट की मदद ली गई. चादर पर कोई धार्मिक शब्द, कथन नहीं था. इसी तरह की मिलती हुई चादर को एक्सपर्ट और धर्म प्रमुख को दिखाया गया. नागपुर हिंसा मामले में कुल गिरफ्तारी अब तक 84 लोग है. बुधवार को गुरुवार की दरमियानी रात और भी गिरफ्तारी संभव है. गुरुवार सुबह तक गिरफ्तारी का आकड़ा 100 के करीब भी पहुंच सकता है.
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नागपुर में कब हटेगा कर्फ्यू
नागपुर हिंसा के बाद से कर्फ्यू है, जिसे गुरुवार के दिन सुरक्षा समीक्षा करने के बाद कर्फ्यू में राहत दी जा सकती है. महाराष्ट्र पुलिस ने नागपुर हिंसा के सिलसिले में अब तक 84 लोगों को हिरासत में लिया गया है. वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री योगेश कदम ने कहा कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. गृह राज्य मंत्री ने बताया कि हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और कानून का डर पैदा किया जाएगा.

किसी को नहीं बख्शा जाएगा
कदम ने कहा कि दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों पर हमला करने का दुस्साहस किया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम दिखाएंगे कि पुलिस का डर क्या होता है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.” मंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पुलिस का मनोबल प्रभावित न हो. उन्होंने कहा कि सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. कदम ने कहा, ‘‘पुलिस हिंसा के पीछे के मुख्य षड्यंत्रकारी की तलाश कर रही है.” मंत्री ने सोशल मीडिया पर गलत वीडियो प्रसारित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी.
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आखिर कैसे भड़कीं हिंसा
सोमवार को यह सब तब शुरू हुआ जब एक दक्षिणपंथी संगठन ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान धार्मिक ग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैल गई, जिसने आग में घी डालने का काम किया.देखते ही देखते मध्य नागपुर के इलाकों में भीड़ सड़कों पर उतर आई. कुछ लोगों ने पेट्रोल की बोतलें, लाठियां और पत्थरों के साथ हमला शुरू कर दिया. हिंसा के बारे में बताते हुए एक स्थानीय निवासी ने कहा, “उपद्रवियों ने दरवाजे पर लातें मारीं, गाड़ियां तोड़ीं और खिड़कियों पर पत्थर फेंके. हम डर के मारे घर में छिपे रहे.
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