नीट पेपर लीक मामले (NEET Paper Leak Case) में सीबीआई ने तीसरी चार्जशीट दाखिल की है और इसमें 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है. आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी.
नीट पेपर लीक मामले (NEET Paper Leak Case) को लेकर सीबीआई (CBI) ने शनिवार को पटना के सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में सीबीआई ने 21 लोगों को आरोपी बनाया है. तीसरी चार्जशीट 5500 से ज्यादा पेज की है. पेपर लीक मामले में अभी तक कुल 49 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें मुख्य साजिशकर्ता और सॉल्वर्स शामिल हैं. साथ ही अभी तक 40 आरोपियों के खिलाफ तीन चार्जशीट दाखिल की गई है और जांच लगातार जारी है.
तीसरी चार्जशीट में इन 21 लोगों को बनाया आरोपी
इन धाराओं के तहत दाखिल की गई चार्जशीट
यह चार्जशीट 120 बी, 108, 201, 380, 409, 411, 420 आईपीसी, सेक्शन 13(2), 13(1)(a) और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के तहत पटना के सीबीआई कोर्ट में दाखिल की गई है.
चार्जशीट में सीबीआई ने 298 गवाहों के बयान, 290 डॉक्युमेंट्स, 45 मैटेरियल ऑब्जेक्ट्स शामिल किए हैं.
हजारी बाग के स्कूल से चोरी हुआ था प्रश्न पत्र
जांच में सामने आया है कि नीट यूजी 2024 प्रन पत्र हजारीबाग के OASIS स्कूल के कंट्रोल रूम से 5 मई 2024 की सुबह चुराया गया था, जब ट्रंक बैंक वॉलेट से सुबह 8 बजे स्कूल पहुंचे थे.
आरोपी पंकज कुमार को प्रिंसिपल अहसान उल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज ने साजिश रचकर कंट्रोल रूम में एंट्री कराई थी.
पंकज कुमार ने ट्रंक से नीट का एक प्रश्न पत्र निकालकर उसकी फोटो ली थी और इसके बाद पेपर को वापस रखकर कंट्रोल रूम से बाहर आ गया था.
पंकज ने ट्रंक को खोलने के लिए एक आधुनिक टूल का इस्तेमाल किया था, जिसे सीबीआई ने पंकज कुमार के घर से बरामद किया था. स्कूल से निकलकर पंकज ने अपने साथी सुरेंद्र को पेपर की फोटो दी थी, जो हजारी बाग के राज गेस्ट हाउस में रुका हुआ था.
पेपर को प्रिंंट कराने के बाद सॉल्वर ग्रुप को दिया
राज गेस्ट हाउस में ही चोरी किए गए पेपर को प्रिंट किया गया और सॉल्वर के एक ग्रुप को दिया गया, जिनके नाम करन जैन, कुमार शानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, रौनक राज, संदीप कुमार और अमित कुमार थे.
ये सभी एमबीबीएस के स्टूडेंट्स हैं, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में मेरिट पर सीट हासिल की थी.
इन सभी स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया गया था. इन स्टूडेंट्स ने एक साथ मिलकर पेपर को सॉल्व किया था. बॉटनी और जूलॉजी के बाद कैमेस्ट्री और फिर आखिर में फिजिक्स के पेपर को सॉल्व किया गया था.
सॉल्वड पेपर को दूसरी जगहों पर भी भेजा
सॉल्वड पेपर को उन कैंडिडेट्स को डिस्ट्रीब्यूट किया गया था, जो राज गेस्ट हाउस में मौजूद थे. हजारीबाग के गेस्ट हाउस में पेपर को बांटकर सॉल्व पेपर को स्कैन किया गया और डिजिटली दूसरी जगहों पर भेजा गया था, जहां पर आरोपियों ने इसे रिसीव किया.
इसके बाद गैंग के सदस्यों ने सॉल्वड पेपर की कॉपी प्रिंट कराई और उस वक्त मौजूद कैंडिडेट्स को दी, जिन कैंडिडेट्स ने एडवांस में पेमेंट किया था, उन्हें ही पेपर वितरण की जगह पर बुलाया गया था.
इन कैंडिडेट्स को 12.15 बजे के बाद उनके एग्जाम सेंटर जाने दिया गया, लेकिन अपने साथ पेपर की कॉपी ले जाने के लिए मना किया गया था.
आरोपियों ने सॉल्व पेपर को नष्ट किया
हर लोकेशन पर आरोपियों ने सॉल्व पेपर की कॉपी को नष्ट कर दिया था. कैंडिडेट्स से कॉपी लेकर उसे जला दिया गया था. इन जगहों पर कैंडिडेट्स को मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं थी.
लर्न प्ले स्कूल से जला हुआ पेपर मिला था और पेपर पर मौजूद कोड के जरिये ही सीबीआई पटना और फिर हजारीबाग पहुंची थी.
इसके बाद सीबीआई ने गैंग मेंबर्स और सॉल्वर्स की पहचान की थी. सीबीआई ने उन 144 स्टूडेंट्स की पहचान की, जिन्होंने अलग-अलग लोकेशन पर चोरी के पेपर से फायदा उठाया था. इनके खिलाफ एक्शन लिया गया. साथ ही इस मामले में मुख्य आरोपियों के 21 फोन जब्त किए गए थे.
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