खुद को मानव अधिकार न्याय आयोग का अध्यक्ष (fake Human Rights Justice Commission Chairman) बताने वाला शख्स इतना शातिर था कि उसने रौब झाड़ने के लिए फर्जी लेटर हेड भी छपवा रखे थे. अब उसकी पोल खुल चुकी है. देखिए पिंटू तोमर की रिपोर्ट…
गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने एक फर्जी मानव अधिकार न्याय आयोग अध्यक्ष को गिरफ्तार किया है. दसवीं पास यह शख्स खुद को उत्तर प्रदेश के मानव अधिकार न्याय आयोग का अध्यक्ष बताकर लोगों को झांसे (Ghaziabad Crime News) में लेता था. फर्जी अधिकारी पिछले कई महीने से पुलिस से एस्कॉर्ट यातायात सुरक्षा आदि ले रहा था. पुलिस ने जब पता लगान की कोशिश की तो ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला. हैरान करने वाली इस फर्जी अधिकारी के लेटर पैड पर अशोक की लाट भी थी.
फर्जी अधिकारी बन पुलिस को दे रहा था चकमा
गाजियाबाद में एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद राय ने बताया कि गाजियाबाद जिला अधिकारी के यहां अनस मलिक नाम के व्यक्ति का एक लेटर आया था, जिसमें लेटर पैड पर राष्ट्रीय चिन्ह अशोक की लाट नीति आयोग और अध्यक्ष मानव अधिकार न्याय आयोग उत्तर प्रदेश की स्टांप थी.वह चाहता था कि उसके गाजियाबाद दौरे के दौरान उसे पुलिस सुरक्षा एस्कॉर्ट और यातायात सुरक्षा मिले.
पुलिस ने जब जांच करवाई तो इस तरह का कोई शख्स मिला ही नहीं. जिसके बाद अनस मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया. यह शख्स इतना शातिर है कि इसके पास से अर्दली का साफा, लेटर पैड और उत्तर प्रदेश सरकार और ह्यूमन राइट लिखी हुई कार भी थी. पुलिस ने इन सभी चीजों को उसके पास से बरामद कर लिया है.
पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह पहले फोर सीलिंग का काम करता था और सिर्फ दसवीं पास है. धीरे-धीरे नेताओं के संपर्क में आने के बाद उनको पुलिस सुरक्षा और अन्य सुविधा लेते देख उसका भी इस तरह का लाइफस्टाइल जीने का मन करने लगा. इसके बाद उसने फर्जी लेटर हेड छपवा लिया. जब भी उसे कहीं जाना होता था तो वह उसलेटर हेड को मेल कर देता था. इसके साथ वह निजी सचिव स्टाफ, कार चालक पीएसओ आदि का नाम और नंबर भी लिख देता था.
वह इतना शातिर था कि अपने साथ चलने वाले व्यक्ति को सफेद कपड़े पहनकर अर्दली का साफा लगवा देता था. हरान करने वाली बात यह है कि इसी धांधली के दम पर वह कई बार पुलिस की सुरक्षा ले चुका था. लोगों की नौकरी लगवाने के नाम पर भी वह पैसे ऐंटने का काम करता था. अब अनस पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है.
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