December 27, 2024
पनामा, टैक्स... ट्रंप के अरमान, दुनिया परेशान! एक्सपर्ट से समझिए क्या है चतुर चाल

पनामा, टैक्स… ट्रंप के अरमान, दुनिया परेशान! एक्सपर्ट से समझिए क्या है चतुर चाल​

अमेरिका के राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) के पांच बयानों ने हलचल मचा दी है. आइये क्‍या है ये बयान और क्‍या हैं इन बयानों के मायने.

अमेरिका के राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) के पांच बयानों ने हलचल मचा दी है. आइये क्‍या है ये बयान और क्‍या हैं इन बयानों के मायने.

डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) अपने बयानों को लेकर हमेशा से ही सुर्खियां बटोरते रहे हैं. अमेरिकी राष्‍ट्रपति के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान ट्रंप के कई बयानों ने हलचल मचाई थी तो इस बार अमेरिका के राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही ट्रंप अपने पांच बयानों से घमासान मचा रहे हैं. अमेरिका को फिर से महान बनाने के दावे के साथ ट्रंप सत्ता में लौटे हैं. ऐसे में उनके हर बयान के मायने हैं. सबसे पहले जानते हैं कि आखिर वो कौनसे पांच बयान हैं, जिन्‍हें लेकर काफी बातें हो रही हैं. साथ ही जानेंगे कि पनामा पर उनके बयान पर क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट.

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका के कुछ उत्पादों पर काफी ज्यादा शुल्क लगाता है और उन्होंने एक बार फिर इसके बदले में भारतीय उत्पादों पर इसी तरह ज्यादा शुल्क लगाने की बात कही है. ट्रंप ने हाल ही में कहा कि आम तौर पर देखा जाता है कि अगर वे हम पर शुल्क लगाते हैं तो हम भी उन पर उतना ही शुल्क लगाते हैं, लगभग सभी मामलों में वे हम पर शुल्क लगा रहे हैं, जबकि हम उन पर शुल्क नहीं लगा रहे हैं. उन्होंने चीन के साथ संभावित व्यापार समझौते पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की. ट्रंप ने कहा कि भारत और ब्राजील उन देशों में शामिल हैं जो कुछ अमेरिकी उत्पादों पर काफी ज्यादा शुल्क लगाते हैं.

ट्रंप ने कहा कि अगर भारत हमसे 100 प्रतिशत शुल्क लेता है, तो क्या हम उससे बदले में कुछ नहीं लेंगे? आप वाकिफ हैं, वे साइकिल भेजते हैं और हम उन्हें साइकिल भेजते हैं. वे हमसे 100 और 200 प्रतिशत शुल्क लेते हैं. भारत बहुत ज्यादा शुल्क लेता है. ब्राजील भी बहुत ज्यादा शुल्क लेता है, अगर वे हमसे शुल्क लेना चाहते हैं तो ठीक है, लेकिन हम उनसे इसी तरह ज्यादा शुल्क लेंगे.

अमेरिका की राजनीति में ट्रांसजेंडर का मुद्दा काफी वक्‍त से छाया रहा है. डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे को लेकर अपना रुख साफ किया है. ट्रंप ने ऐलान किया है कि वह अमेरिका के राष्‍ट्रपति का पद संभालने के बाद सेना से ट्रांसजेंडरों को बाहर करेंगे. साथ ही उन्‍होंने कहा कि अमेरिका में दो ही जेंडर हैं. उन्‍होंने कहा कि अमेरिका की यह आधिकारिक नीति होगी कि सिर्फ दो जेंडर हैं, पुरुष और महिला.

साथ ही कहा कि मैं सबसे पहला आदेश बाल यौन विकृति को समाप्त करने, अमेरिकी सेना, प्राथमिक विद्यालयों, माध्यमिक और हाईस्कूलों से सभी ट्रांसजेंडर्स को हटाने का जारी करूंगा. उनके इस फैसले से अमेरिका की सेना में काम कर रहे 15 हजार ट्रांसजेंडर्स पर असर पड़ेगा.

डोनाल्‍ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की कि वह जनवरी में अपने पदभार ग्रहण करने के पहले दिन ही ऐसे आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसके तहत मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा. यह तब तक लागू रहेगा जब तक कि वे अपने देशों से अमेरिका में अवैध अप्रवासियों और ड्रग्स, खास तौर से फेंटानाइल के प्रवाह को न रोकें.

रिपोर्टों से पता चलता है कि ट्रंप के फ्लोरिडा रिसॉर्ट मार-ए-लागो में एक डिनर के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा और मैक्सिकों के उत्‍पादों पर टैरिफ को टालने की बात कही. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने अपने प्रस्तावित टैरिफ को सीमा सुरक्षा, ड्रग्स की तस्करी पर अंकुश लगाने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए जरूरी बताया. हालांकि, ट्रूडो ने इस पर आपत्ति जताते हुए चेतावनी दी कि ऐसे कदम कनाडा की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके बाद ट्रंप ने कहा, “शायद कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बन जाए और ट्रूडो इसके गवर्नर बन जाएं.” इससे कनाडाई नेता घबराकर हंस पड़े.

इसके बाद ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्‍ट में कहा, “महान राज्य के कनाडा के गवर्नर जस्टिन ट्रूडो के साथ उस रात डिनर करना खुशी की बात थी. मैं जल्द ही ‘गवर्नर’ से फिर मिलने की उम्मीद करता हूं ताकि हम टैरिफ और व्यापार पर अपनी गहन बातचीत जारी रख सकें, जिसके परिणाम सभी के लिए वास्तव में शानदार होंगे.”

ग्रीनलैंड डेनमार्क का सेमी ऑटोनोमस इलाका है. खूबसूरत ग्रीनलैंड को ट्रंप अमेरिका के पास रखना चाहते हैं. अपने पहले कार्यकाल में भी उन्होंने यही इच्छा जाहिर की थी, अब कह रहे हैं कि देश की सुरक्षा और दूसरी वजहों से ग्रीनलैंड पर हमारा नियंत्रण होना बेहद जरूरी है. हालांकि ग्रीनलैंड के प्रीमियर म्यूट एगेडे ने ट्रप को सख्त जवाब दिया है. उन्‍होंने कहा कि ग्रीनलैंड हमारा है. हम बिकाऊ नहीं हैं और न कभी बिकाऊ होंगे.

डोनाल्‍ड ट्रंप के इस बयान की कई वजह हैं. दरअसल, ग्रीनलैंड कई अहम खनिजों का भंडार है. दुनिया का 10 फीसदी ताजा पानी यहीं पर है. सबसे बड़ी बात ये कि इसकी सामरिक अहमियत है और यहां चीन का बढ़ता आर्थिक दखल भी अमेरिका को पसंद नहीं है.

ग्रीनलैंड को लेकर ट्रंप का बयान नाटो देशों को लेकर उनके अनमनेपन का भी सबूत है.

ग्रीनलैंड जैसी ही धमकी वो पनामा को भी दे चुके हैं. पनामा को लेकर ट्रंप ने कहा, “हमारी नेवी और कारोबारियों के साथ बहुत ही गलत तरीके से व्यवहार होता है, जो फीस पनामा लेता है वो हास्यास्पद और बहुत ही ज्‍यादा यादा है, खास तौर पर पनामा के साथ बरती गई उदारता को देखते हुए. मैं कह रहा हूं कि हमारे देश को लूटने का काम फौरन बंद हो जाएगा, ये बंद होने जा रहा है. पनामा नहर के सुरक्षित, कुशल और भरोसेमंद संचालन में अमेरिका का बड़ा और अपना हित है.”

पनामा नहर 1999 तक अमेरिका के पास थी, अब अमेरिका इसे फिर से अपने कब्जे में लेने के लिये इसे छीनने की भी धमकी दे रहा है.

हर साल 14,000 कंटेनर शिप इस नहर से होकर गुजरते हैंपनामा नहर उत्तरी और दक्षिण अमेरिका के बीच स्थित हैअटलांटिक और प्रशांत महासागर के बीच की दूरी बहुत कम हो जाती हैयहां से गुजरने वाले जहाजों से पनामा फीस लेता हैयह नहर पनामा की आय का अहम स्रोत है

इस मुद्दे को लेकर ट्रंप को पनामा के राष्ट्रपति ने भी फटकारा और कहा कि पनामा की आजादी के साथ कोई समझौता किया ही नहीं जा सकता है.

ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं, लेकिन इससे पहले उनके बयान लगातार विवाद खड़ा कर रहे हैं. अपने पड़ोसियों से लेकर हमेशा से अमेरिका के दोस्त रहे पश्चिम यूरोपीय देश तक उनके बयानों से असहज महसूस कर रहे हैं और ये सब तो शपथ से पहले है.

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट?

सामरिक मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने एनडीटीवी से कहा कि पनामा नहर या ग्रीनलैंड का मामला एक तरह से दबाव की रणनीति है.

उन्‍होंने कहा, “ट्रंप चाहते हैं कि पनामा नहर से गुजरने वाले अमेरिकी जहाजों पर अपनी फीस कम करे. इन जहाजों को लेकर फीस घटाने के लिए ट्रंप इस तरह की धमकी दे रहे है. 1970 के दशक में अमेरिका ने पनामा के साथ जो ट्रीटी साइन की थी, उसके तहत अमेरिका के पास दोबारा पनामा नहर को लेने का कोई हक ही नहीं है.”

उन्‍होंने कहा, “डोनाल्‍ड ट्रंप चतुर बिजनेसमैन हैं और जब वो अमेरिका के लिए कोई फायदा देखते हैं तो कोशिश करते हैं कि अमेरिका के लाभों को बढ़ाएं.”

साथ ही उन्‍होंने कहा कि ट्रंप भारत के खिलाफ भी कुछ न कुछ करेंगे. वो पहले भी इस बारे में कह चुके हैं.

हालांकि चेलानी ने कहा कि कनाडा या पनामा या ग्रीनलैंड के खिलाफ ट्रंप की धमकियां खोखली हैं. वह अमेरिका में मौजूद अपने नेशनलिस्‍ट बेस को संबोधित कर रहे हैं.

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