130 करोड़ रुपये की कीमत के इन तीन सुपर कंप्यूटरों (Super Computer) का निर्माण टेक्नोलॉजिकल इंडिपेंडेंस और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए देश की NSM पहल के तहत किया गया है.
भारत के स्वदेशी सुपरकंप्यूटर के लिए 5-सूत्रीय चीटशीट यहां पर देखिए
परम रुद्र में लेटेस्ट कटिंग हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसके ज्यादातर कंपोनेंट्स का निर्माण और संयोजन भारत में ही किया गया है.परम रुद्र बहुत तेज़ स्पीड से जटिल कैलकुलेशन और सिमुलेशन को करने की क्षमता रखता है. ये स्वदेशी और विकसित सुपरकंप्यूटर भारत की तकनीकी प्रगति के प्रमुख उदाहरण हैं.परम रुद्र का इस्तेमाल मौसम पूर्वानुमान, जलवायु मॉडलिंग, दवा खोज, पदार्थ विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में रिसर्च के लिए किया जाता है. ये सुपरकंप्यूटर रिसर्चर्स को चुनौतीपूर्ण समस्याओं से निपटने और अहम खोज करने के लिए जरूरी कम्प्यूटेशनल उपकरण प्रदान करते हैं.इन सुपरकंप्यूटरों को पुणे, दिल्ली और कोलकाता में अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान की सुविधा के लिए तैनात किया गया है.
पुणे में विशालकाय मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRC) फास्ट रेडियो बर्स्ट और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपर कंप्यूटर का लाभ उठाएगा. दिल्ली में ये इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी जैसे क्षेत्रों में रिसर्च को बढ़ावा देगा. इन सुपरकंप्यूटरों को भारत के राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत तैयार किया गया है. जिसकी स्थापना देश को शिक्षाविदों, रिसर्चर्स, एमएसएमई और स्टार्टअप्स की बढ़ती कम्प्यूटेशनल मांगों को पूरा करने के लिए सुपरकंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए की गई है. यह देश की कंप्यूटिंग शक्ति को बढ़ावा देने की अपनी तरह की पहली कोशिश है.
पुणे में विशालकाय मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRC) फास्ट रेडियो बर्स्ट और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपर कंप्यूटर का लाभ उठाएगा. दिल्ली में ये इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी जैसे क्षेत्रों में रिसर्च को बढ़ावा देगा. इन सुपरकंप्यूटरों को भारत के राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत तैयार किया गया है. जिसकी स्थापना देश को शिक्षाविदों, रिसर्चर्स, एमएसएमई और स्टार्टअप्स की बढ़ती कम्प्यूटेशनल मांगों को पूरा करने के लिए सुपरकंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए की गई है. यह देश की कंप्यूटिंग शक्ति को बढ़ावा देने की अपनी तरह की पहली कोशिश है.
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