महाकुंभ से इंजीनियर बाबा अभय सिंह की कहानी वायरल हो रही है. अब उनके पिता करन ग्रेवाल ने NDTV से कहा, “हम चाहते हैं कि अभय सिंह घर लौट आए. लेकिन, हम ये भी जानते हैं कि इतना कुछ हासिल करने के बाद अभय सिंह के लिए आध्यात्म का रास्ता छोड़कर घर लौटना मुमकिन नहीं है.”
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे आस्था के महापर्व महाकुंभ (Maha Kumbh Mela 2025)में आए कई ऐसे संन्यासी हैं, जो अब तक गुमनामी में रहकर आध्यात्मिक जीवन का आनंद ले रहे थे, लेकिन अब लाइमलाइट में आ गए हैं. महाकुंभ मेले में आए ऐसे ही एक संन्यासी हैं अभय सिंह. इन्हें ‘IITian बाबा’, ‘मसानी गोरख बाबा’ और ‘इंजीनियर बाबा’ के नाम से जाना जाता है. इंटरनेट पर इनकी तस्वीरें और इंटरव्यू वायरल हो रहे हैं. अभय सिंह बॉम्बे IIT से एयरोस्पेस में इंजीनियरिंग की डिग्री ले चुके हैं. दिल्ली और कनाडा में नामचीन कंपनी में काम कर चुके हैं. फिर सबकुछ छोड़कर वह संन्यासी बन गए. NDTV को दिए इंटरव्यू में अभय सिंह ने बताया कि कैसे परिवार में हो रहे झगड़ों की वजह से वह परेशान रहने लगे थे. आखिरकार वैराग्य लेने का फैसला लिया. इस इंटरव्यू के बाद अब अभय सिंह के पिता का बयान आया है.
इंजीनियर बाबा के पिता करन ग्रेवाल ने NDTV से कहा, “हम चाहते हैं कि अभय सिंह घर लौट आए.” उन्होंने कहा, “लेकिन हम ये भी जानते हैं कि इतना कुछ हासिल करने के बाद अभय सिंह के लिए आध्यात्म का रास्ता छोड़कर घर लौटना मुमकिन नहीं है. हमारा बेटा आध्यात्म की राह पर बहुत आगे निकल चुका है.”
अभय सिंह के पिता करन ग्रेवाल हरियाणा के झज्जर में एडवोकेट हैं. उन्होंने बताया, “अभय सिंह हमेशा से ही पढ़ाई और बाकी एक्टिविटी में बेस्ट रहे. उसने बॉम्बे IIT से इंजीनियरिंग की. डिजाइन में मास्टर डिग्री के बाद कुछ समय के लिए दिल्ली में काम किया. बाद में उसकी नौकरी कनाडा में लग गई. कुछ साल सब ठीक था. फिर अचानक वह कनाडा से भारत लौट आया.” पिता कहते हैं, “अभय को आध्यात्मिकता बहुत आकर्षित करती थी. भारत आने के बाद उसने शिमला, मसूरी और धर्मशाला जैसी जगहों पर लंबा वक्त गुजारा.”
उन्होंने बताया, “इसके बाद ही अभय ने संन्यासी बनने का फैसला लिया. वह हमेशा आध्यात्मिकता के प्रति एक झुकाव महसूस करता था.”
6 महीने पहले अभय सिंह ने ब्लॉक कर दिया पिता का नंबर
क्या अभय सिंह से अभी कॉन्टैक्ट है? इसके जवाब में करन ग्रेवाल कहते हैं, “6 महीने पहले तक मैं अपने बेटे के साथ कॉन्टैक्ट में था. फिर अचानक उसने मेरा नंबर ब्लॉक कर दिया. उसने कॉन्टैक्ट के सारे रास्ते बंद कर दिए.”
हरिद्वार में बेटे से मिलने की अधूरी रह गई इच्छा
अभय सिंह के पिता कहते हैं, “कुछ दिनों पहले मुझे पता चला कि वह हरिद्वार में है. मैं वहां उससे मिलने जाना चाहता था, लेकिन ऐसा हो न सका. अब वह मीडिया में वायरल हो चुका है.”
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क्या आप अपने बेटे को वापस चाहते हैं? इस सवाल के जवाब में ग्रेवाल कहते हैं, “बिल्कुल. मैं चाहता हूं कि अभय सिंह अपने घर अपने परिवार के पास लौट आए. उसकी मां ने उसे घर लौटने के लिए कहा था, ताकि वह परिवार का ख्याल रख सके. लेकिन उसने कहा था कि एक बार संन्यासी बनने के बाद ऐसा करना संभव नहीं है.”
हमेशा से रहे आजाद ख्याल
करन ग्रेवाल ने बताया, “अभय सिंह हमेशा से आजाद ख्याल रहा है. उन्होंने जो फैसला ले लिया, वो ले लिया. मेरी समझ से हर किसी को अपनी जीवन अपनी इच्छा से जीने का हक है. अभय ने भी वही किया. मैं उस पर दबाव नहीं डाल सकता.”
आखिरी बार बेटे को समझाने की करेंगे कोशिश
क्या वह आखिरी बार अपने बेटे को समझाने की कोशिश करेंगे? करन ग्रेवाल ने कहा, “मैं कोशिश करूंगा, लेकिन मुझे लगता है कि इस स्तर पर पहुंचने के बाद वह हमारी बात सुनेगा… इसकी गुंजाइश नहीं है.”
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अभय सिंह ने मेंटल हेल्थ पर की थी बात
IIT बाबा अभय सिंह ने बुधवार को NDTV को दिए इंटरव्यू में अपने परिवार के बारे में बताया था. उन्होंने बताया था कि कैसे बचपन में मां-बाप के बीच रोज होते झगड़ों से उनका मेंटल हेल्थ खराब होने लगा था. वह ट्रॉमा में रहते थे.
मां-पिता के झगड़ों की वजह से चुना एकांत जीवन
अभय सिंह ने बताया था कि वह घर के झगड़ों से बचने के लिए शाम से रात तक सोए रहते थे और देर रात उठकर पढ़ाई करते थे. जब उनसे शादी न करने के फैसले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि अपने मां-बाप के झगड़ों को देखकर उन्होंने शादी नहीं करने का फैसला लिया. आखिरकार उन्होंने एकांत और आध्यात्मिक जीवन चुना.
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