जम्मू के कटरा में रैली करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस को डंके की चोट पर कह रहा है. हम जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के एजेंडे को लागू नहीं होने देंगे. दुनिया की कोई ताकत जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी नहीं करा सकती.”
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. 18 सितंबर को पहले फेज की वोटिंग हो चुकी है. 25 सितंबर को दूसरे फेज के लिए मतदान होना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और कटरा में दो रैलियां कीं. इस दौरान पीएम मोदी ने कटरा में कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस पर जमकर निशाना साधा. प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से स्टेटहुड की बात कही. उन्होंने कहा कि हमने देश की संसद में कहा है कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा दिलाएंगे. दुनिया की कोई ताकत जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की वापसी नहीं करा सकती. BJP स्टेटहुड का वादा पूरा करेगी.
पढ़ें कटरा के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में पीएम मोदी के भाषण की 10 खास बातें:-
कांग्रेस-NC पर निशाना पीएम मोदी ने कहा, “दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक ये लोग बौखलाए हुए हैं. इन्हें लगता है, जैसे-तैसे कुर्सी पर कब्जा जमाना और फिर आपको लूटना, ये इनका पैदायशी हक है. जम्मू-कश्मीर की आवाम को उनके जायज हक से महरूम रखना ही इनका सियासी एजेंडा रहा है. इन्होंने सिर्फ डर और अराजकता ही दी है. अब कोई इनके शिकंजे में रहने वाला नहीं है.”
कश्मीर के युवाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “जिन नौजवानों को आगे नहीं बढ़ने दिया गया. वे इनके खिलाफ मैदान में उतर आए हैं. आज वादी का जो नौजवान 20-25 साल का है, उनमें से कई पढ़ाई-लिखाई से महरूम रह गए हैं. कई ऐसे हैं, जिन्हें 10वीं-12वीं या कॉलेज तक पहुंचने में देश के बाकी बच्चों से ज्यादा साल लगे हैं. ये इसलिए हुआ, क्योंकि कांग्रेस-NC और PDP के तीन खानदान फेल हुए हैं.”
मोदी ने कहा, “इन लोगों सियासी दुकान चलाने के लिए दशकों तक नफरत का सामान बेचा है. आप वो वक्त याद रखिए, जो स्कूल कॉलेज बच गए, वहां कई-कई सालों तक पढ़ाई नही हो पाती थी. ये तीन खानदान उनके हाथों में पत्थर थमा कर खुश रहते थे.”
पीएम मोदी ने कहा, “यहां के 3 खानदानों ने 80 के दशक में क्या किया था. इन्होंने सियासत को अपनी जागीर समझ रखा था. किसी दूसरे को आगे आने ही नहीं देना चाहते. इन्होंने पंचायत, डीडीसी के इलेक्शन को क्यों रोका. इन्हें लगता था कि नए लोग सियासत में आएंगे, जो इन्हें चैलेंज करेंगे. इसका नतीजा क्या हुआ? नौजवानों में जम्हूरियत से भरोसा कम होता गया.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “एक दौर था, जब लाल चौक पर आना, यहां तिरंगा फहराना… जान जोखिम में डालने वाला काम था. बरसों तक यहां लोग लाल चौक में आने से डरते थे. लेकिन अब तस्वीर बदल गई है. श्रीनगर के बाजारों में अब ईद और दीवाली दोनों की रौनक देखने को मिलती है. अब लाल चौक बाजार में देर शाम तक चहल-पहल रहती है, यहां देश-दुनिया से रिकॉर्ड टूरिस्ट आ रहे हैं.”
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