स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी के बीच हाई अलर्ट बनाए रखने के कुछ सप्ताह बाद फ्रांस में नए एमपॉक्स वायरस का पहला मामला सामने आया है.
हाल ही में फ्रांस में नए एमपॉक्स (Monkeypox) वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है. फ्रांस ने ब्रिटनी में एमपॉक्स वायरस क्लेड 1बी वैरिएंट के अपने पहले मामले की पुष्टि की है. जो एक नई स्वास्थ्य चुनौती को जन्म दे सकता है. यह वायरस, जो पहले से ही कुछ अन्य देशों में फैला हुआ था अब यूरोप के प्रमुख देशों में चिंता का विषय बन चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी के बीच हाई अलर्ट बनाए रखने के कुछ हफ्ते बाद फ्रांस में नए एमपॉक्स वायरस का पहला मामला सामने आया है. पश्चिमी ब्रिटनी क्षेत्र में क्लेड 1बी वैरिएंट के एक मामले की पुष्टि हुई है और “निगरानी उपायों को लागू किया गया है”, मंत्रालय ने एक बयान में कहा.
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एमपॉक्स वायरस
एमपॉक्स वायरस, जिसे पहले “स्मॉलपॉक्स-लाइक वायरस” कहा जाता था, 1950 के दशक में पहली बार अफ्रीका में पहचाना गया था. हालांकि यह वायरस इंसानों के लिए गंभीर खतरा नहीं होता था, लेकिन 2022 में इसका प्रकोप पूरी दुनिया में बढ़ने लगा. यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, त्वचा के घावों, बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षणों के जरिए फैलता है.
एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था और चेचक से संबंधित है, संक्रमित जानवरों द्वारा मनुष्यों में फैलने वाले वायरस के कारण होता है, लेकिन निकट शारीरिक संपर्क के जरिए भी यह एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैल सकता है. इससे बुखार, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर बड़े फोड़े जैसे घाव हो सकते हैं और यह जानलेवा भी हो सकता है.
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अगस्त में घोषिक की थी इमरजेंसी
डब्ल्यूएचओ ने अगस्त में वायरस के लिए इमरजेंसी घोषित किया था और 22 नवंबर को डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में प्रकोप के बाद इसे अपडेट किया.
फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह मामला “एक ऐसे व्यक्ति से संबंधित है जिसने मध्य अफ्रीका की यात्रा नहीं की थी, एक ऐसा क्षेत्र जहां वायरस के कई क्लेड वैरिएंट कई महीनों से हैं.”
मध्य अफ्रीका से लौटे दो लोगों के संपर्क में था व्यक्ति
“हालांकि यह व्यक्ति मध्य अफ्रीका से लौटे दो लोगों के संपर्क में था. संक्रमण की उत्पत्ति का पता लगाने और संपर्क में आए सभी लोगों की पहचान करने के लिए जांच चल रही है.”
इस साल अब तक क्लेड 1बी और अन्य एमपॉक्स स्ट्रेन 80 देशों में रिपोर्ट किए गए हैं – जिनमें से 19 अफ्रीका में हैं – डब्ल्यूएचओ ने पहले कहा था. एजेंसी ने यूरोपीय देशों को नवीनतम वैरिएंट को रोकने के लिए “तेजी से कार्रवाई” के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है.
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