तोशाम विधानसभा सीट पर इस बार हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के पोते और पोती के बीच टक्कर देखने को मिलेगी. कांग्रेस ने तोशाम सीट से अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है. अनिरुद्ध चौधरी का मुकाबला अपनी चचेरी बहन और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी से है.
हरियाणा की तोशाम विधानसभा सीट राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बंसीलाल के परिवार का गढ़ है. इस सीट से बंसीलाल का परिवार साल 1967 से अब तक 14 बार चुनावी मैदान में उतरा है. इस सीट से बंसीलाल परिवार ने 12 बार जीत दर्ज की है. बंसीलाल ने कुल सात बार यहां से चुनाव लड़ा था और छह बार जीत हासिल की थी. यहीं से जीतकर बंसीलाल तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे. बंसीलाल के बाद उनके बेटे सुरेंद्र सिंह ने कुल चार बार यहां से चुनाव लड़ा और तीन बार जीत दर्ज की. साल 2005 में सुरेंद्र सिंह के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ और उनकी पत्नी किरण चौधरी ने जीत दर्ज की. साल 2009 से लेकर 2019 तक इस सीट पर किरण चौधरी का ही कब्जा रहा. वहीं इस बार तोशाम विधानसभा सीट परबंसीलाल बनाम बंसीलाल मुकाबला होने वाला है.
कौन हैं बंसीलाल
बंसीलाल को चौधरी बंसीलाल के नाम से भी जाना जाता है. हरियाणा के मुख्यमंत्री के अलावा इन्होंने भारत के रक्षा मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं देश को दी हैं. साल 1996 में कांग्रेस से अलग होने के बाद इन्होंने हरियाणा विकास पार्टी की स्थापना की थी. हालांकि साल 2004 में वह कांग्रेस पार्टी में लौट आए और 2005 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलवाने में मदद की
बंसीलाल के पोते और पोती में टक्कर
तोशाम विधानसभा सीट पर इस बार बंसीलाल के पोते और पोती के बीच टक्कर देखने को मिलेगी. कांग्रेस ने क्रिकेट प्रशासक से नेता बने अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है. अनिरुद्ध चौधरीका मुकाबला अपनी चचेरी बहन और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी से है. श्रुति चौधरी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उम्मीदवार बनाया है. श्रुति चौधरी बंसीलाल के छोटे बेटे दिवंगत सुरेंद्र सिंह और भाजपा नेता किरण चौधरी की बेटी हैं. अनिरुद्ध चौधरी, रणबीर सिंह महेंद्र के बेटे हैं. महेंद्र, बंसीलाल के बड़े बेटे हैं.
किरण चौधरी ने जून में बेटी श्रुति चौधरी और अपने समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया था. श्रुति चौधरी कांग्रेस की हरियाणा इकाई की कार्यकारी अध्यक्ष थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि हरियाणा में पार्टी की राज्य इकाई को “व्यक्तिगत जागीर” के रूप में चलाया जा रहा था. भाजपा ने किरण चौधरी को राज्यसभा भेज दिया है.
अनिरुद्ध चौधरी पहली बार लड़ रहे हैं चुनाव
48 साल के अनिरुद्ध चौधरी ने एलएलबी कर रखी है और वो पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अनिरुद्ध चौधरी ने तोशाम सीट से चुनाव लड़ने की इच्छी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि तोशाम से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ूंगा. ये बात मैनें पहले ही साफ कर दी थी. यहां के युवाओं का हमें साथ मिल रहा है. तोशाम से टिकट मिलने पर टिकट की दौड़ वाले सभी कांग्रेस नेता मेरा साथ देंगे.
अपनी चाची पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि मेरी चाची किरण चौधरी नहीं चाहती कि मैं तोशाम से चुनाव लडूं. भाजपा में जाकर चाची ने मुझे राजनीतिक तौर पर बहुत मजबूत बना दिया है.
श्रुति चौधरी को है काफी अनुभव
श्रुति चौधरीको राजनीति का अच्छा खासा अनुभव है और साल 2009 में वो लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बनीं थी. हालांकि साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वहीं साल 2024 में कांग्रेस ने उनको टिकट ही नहीं दी थी.
दूसरी बार होगा बंसीलाल बनाम बंसीलाल
ये पहला मौका नहीं है जब इस सीट परबंसीलाल बनाम बंसीलाल मुकाबला देखने को मिलेगा. साल 1998 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बंसीलाल परिवार आमने-सामने आया था. इस दौरान बंसीलाल के दोनों बेटे सुरेंद्र सिंह और रणबीर सिंह महेंद्र ने एक दूसरे को टक्कर दी थी. रणबीर सिंह महेंद्र ने कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा था. जबकि सुरेंद्र सिंह ने अपने पिता की पार्टी हविपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी.
पांच अक्टूबर को है मतदान
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान पांच अक्टूबर को होना है. नामांकन की अंतिम तिथि 12 सितंबर है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 13 सितंबर को होगी. नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 16 सितंबर है. मतपत्रों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी.
हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं. इनमें 73 सामान्य और 17 अनुसूचित जाति (एससी) की सीटें हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस बार के चुनाव में 10,321 शतायु मतदाता लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा होंगे. हरियाणा विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल तीन नवंबर को समाप्त हो रहा है.
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