Kashi Vishwanath Temple Prasad: काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रसाद बनाने का काम अमूल को दिया गया है. पहले 100 रुपए में में लड्डू का पैकेट मिलता था जो अब 120 रुपए में मिल रहा है. (पीयूष आचार्य की रिपोर्ट)
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों के लिए कुछ पुरानी व्यवस्थाओं को और अधिक उन्नत किया गया है. बाबा विश्वनाथ के प्रसाद की गुणवत्ता पर कोई सवाल न उठे, इसलिए काशी विश्वनाथ धाम खुद ही अपनी निगरानी में प्रसाद बनवा रहा है, जो थोड़ा सा महंगा जरूर है लेकिन उसकी क्वालिटी पर सवाल उठाना मुश्किल है.
काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रसाद बनाने का काम अमूल को दिया गया है. पहले 100 रुपए में में लड्डू का पैकेट मिलता था. अब 120 रुपए में मिल रहा है लेकिन एकदम शुद्ध. खास बात है कि इस तंडुल महाप्रसाद में बाबा पर चढ़े बेलपत्र का अंश भी मिला है जो इसे महाप्रसाद बनाता है.
शुद्ध देशी घी से बने लड्डू मे कोई प्रिजर्वेटिव भी नहीं मिला है और ना ही किसी भी तरह का केमिकल. बाबा के भक्तों को ये पसंद भी आ रहा है. लोग उसके स्वाद और शुद्धता के कायल होते जा रहे हैं. विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण की माने तो प्रसाद बनाने में सनातन धर्म की परम्परा को ध्यान में रखा गया है.
सुगम दर्शन को लेकर बदल गए नियम
काशी विश्वनाथ मंदिर में रोज लाखों भक्त दर्शन करने आते है और जिसके पास अल्प समय हो उनके लिए तीन सौ रुपए के टिकट की पूर्व की व्यवस्था थी. इसमें दर्शन के साथ प्रशाद देने की भी व्यवस्था थी. मंदिर की तरफ से अब सुगम दर्शन के टिकट का दान पचास रुपए कम करके 250 रुपए कर दिया है. हालांकि, उसी पैसे में प्रसाद देने की सुविधा को समाप्त कर दिया गया है. अब अलग से प्रसाद सुगम दर्शन में भी लेना पड़ेगा.
लड्डू को लेकर तिरुपति मंदिर में हो चुका है विवाद
बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ने बीते दिनों में दावा किया था कि तिरुपति मंदिर में श्रद्धालुओं को बांटने के लिए जो लड्डू तैयार किए जाते हैं, उनमें इस्तेमाल हुए घी में 3 जानवरों का फैट मिला था. लड्डू बनाने के लिए बेसन, देसी घी, काजू, किशमिश, इलायची और चीनी का इस्तेमाल होता है. लेकिन रिपोर्ट दावा करती है कि लड्डू में इस्तेमाल हुए घी में फॉरिन फैट भी मिला है. लड्डुओं के लिए इस्तेमाल हुए घी में भैंस की चर्बी, फिश ऑयल और सूअर की चर्बी की मिलावट पाई गई है.
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