November 25, 2024
बिहार में हेलीकॉप्टर हादसे से कैसे बचे एनडीटीवी के रिपोर्टर? जानिए घटना का एक एक विवरण

बिहार में हेलीकॉप्टर हादसे से कैसे बचे एनडीटीवी के रिपोर्टर? जानिए घटना का एक-एक विवरण​

IAF Helicopter Crash in Bihar: बिहार हेलीकॉप्टर हादसे में पायलट समेत सभी 4 कर्मचारी सुरक्षित हैं. हालांकि, इस घटना ने हरिवंश राय बच्चन की एक बात तो साबित कर दी...जानिए कैसे बचे एनडीटीवी के रिपोर्टर...

IAF Helicopter Crash in Bihar: बिहार हेलीकॉप्टर हादसे में पायलट समेत सभी 4 कर्मचारी सुरक्षित हैं. हालांकि, इस घटना ने हरिवंश राय बच्चन की एक बात तो साबित कर दी…जानिए कैसे बचे एनडीटीवी के रिपोर्टर…

IAF Helicopter Crash in Muzaffarpur: एनडीटीवी (NDTV) के रिपोर्टर प्रभाकर बिहार हेलीकॉप्टर हादसे से बच गए. उन्हें खरोंच तक नहीं आई. हादसे के बारे में प्रभाकर ने बताया कि वह उस हेलीकॉप्टर पर जाने वाले थे. जब से यह एयर ड्रॉपिंग का काम शुरू हुआ था तो उन्होंने बिहार सरकार के एक बहुत बड़े अधिकारी से रिक्वेस्ट की थी कि एनडीटीवी की टीम को उस पर जाने की इजाजत दें, क्योंकि इससे दर्शकों को एक तो बाढ़ की असली स्थिति से अवगत कराया जाना आसान हो जाता और दूसरा ये भी पता चलता कि फूड पैकेट्स की एयर ड्रॉपिंग कैसे हो रही है.

फिर दोबारा कॉल आई

प्रभाकर की रिक्वेस्ट को मानते हुए बुधवार सुबह उन्हें उन्हीं अधिकारी का फोन आया कि आपके लिए बात हो गई है. आप चले जाएं.दरभंगा के एयरबेस से चौपर उड़ने वाला है. आप तुरंत पहुंचे. उसके बाद प्रभाकर तत्काल दरभंगा के लिए रवाना हो गए. पटना से मुश्किल से 20 25 किलोमीटर बढ़ते ही प्रभाकर को दोबारा कॉल आता है और बताया जाता है कि एयरफोर्स के लोग यह बोल रहे हैं कि आज वह हेलीकॉप्टर पर आपको नहीं ले जा पाएंगे. अभी बहुत ज्यादा प्रेशर है राहत सामग्री का, सो एक-दो दिन रुक जाइए, राहत सामग्री बंट जाने दीजिए सब जगहों पर उसके बाद आपको ले जाया जाएगा. अधिकारी ने यह भी बताया कि वे लोग राहत सामग्री बांटने के लिए दो-तीन और चॉपर अभी डेप्यूट कर रहे हैं.

हेलीकॉटर क्रैश की खबर

इस फोन कॉल के आने से प्रभाकर काफी निराश हुए और वापस पटना लौट गए. प्रभाकर को लौटे अभी तीन-चार घंटे ही हुए थे कि खबर आई कि वही हेलीकॉप्टर गिर गया. हालांकि भगवान की कृपा यह रही कि उस हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं और किसी को कुछ नहीं हुआ, लेकिन ये हादसा कितना भयावह होगा इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. हालांकि बिहार में ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई. जब कोसी का बाढ़ आया था, जिसको कोसी फ्लड बोलते हैं, उस समय भी ऐसी घटना हुई थी. एयरफोर्स का चॉपर एक गर्ल्स हॉस्टल के ऊपर से कुछ लड़कियों को इवेक्युएट कर रहा था तभी वो गिर गया था और फिर बुधवार को ऐसी ही घटना फूड पैकेट्स गिराते समय हो गई.

पायलट ने दिखाई सूझबूझ

बुधवार को हेलीकॉप्टर हादसे का कारण इंजन फेल होना बताया जा रहा है. हालांकि, इसके पायलट ने बहुत ही सूझबूझ का परिचय दिया और उन्होंने शैलो वाटर (जहां कम पानी होता है) में हेलीकॉप्टर को उतारा. अगर यह
डीप वाटर में उतरता तो स्थिति कुछ और हो सकती थी, क्योंकि हेलीकॉप्टर डूब जाता और उसमें बैठे हुए सारे लोग डूब जाते. अगर लैंडिंग हार्ड सरफेस पर यानी जमीन पर करता तो ये और जानलेवा होता. ऊपर वाले की कृपा से पायलट काफी एक्सपीरियंस वाले थे और उन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए शैलो वाटर खोजा और वहां पर हेलीकॉप्टर को लैंड किया. वहां पर ना कोई घर था ना और कोई इंसान था.

याद आए बच्चन

जब यह घटना हुई तो उसके बाद स्थानीय लोगों ने हेलीकॉप्टर में सवार लोगों को बचाया. फिर स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स को सूचना दी गई. सूचना मिलते ही टीम पहुंची और हेलीकॉटर में सवार चारों लोगों को मुजफ्फरपुर के अस्पताल में भर्ती कराया. सिर्फ एक कर्मचारी को हल्की चोट आई है. बाकी सभी सुरक्षित और स्वस्थ हैं. हरिवंश राय बच्चन अकसर कहा करते थे कि मन का हो तो अच्छा और मन का न हो तो और भी अच्छा. कुछ ऐसा ही प्रभाकर के साथ भी हुआ. वो इस हेलीकॉप्टर में न जाने की वजह से निराश थे, लेकिन अगर वो चले गए होते तो उन्हें भी इस खतरनाक हादसे को झेलना पड़ता. हालांकि, प्रभाकर अब भी उत्साहित हैं और फिर से बाढ़ त्रासदी को कवर करने के लिए बिहार सरकार से इजाजत मिलने पर हेलीकॉप्टर में सवार होने को तैयार हैं.

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