वायरल वीडियो में लड़की को यह कहते सुना जा सकता है, “अगर आप बुर्का पहनती हैं, तो मरने के बाद आपके शरीर को कुछ नहीं होता. लेकिन अगर आप छोटे कपड़े पहनती हैं, तो आप नर्क में जाएंगी.
‘अगर आप बुर्का पहनती हैं तो आपको जन्नत नसीब होगा. यदि आप शार्ट्स पहनती हैं तो आपको दोजख (नरक) में जगह मिलेगी.’ कर्नाटक के क्लास-4 की एक बच्ची का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. देखने से यह वीडियो किसी स्कूल में आयोजित किसी प्रदर्शनी का लग रहा है. जिसमें बच्चे अपने द्वारा बनाए गए मॉडल पेश करते हैं और उसके बारे में बताते हैं. इस वीडियो को देखकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. कई लोगों ने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को टैग करते हुए इस वीडियो पर सवाल उठाए हैं.
वीडियो वायरल होने पर कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच करवाई. जिसमें आधिकारिक रूप में कहानी कुछ और निकली. हालांकि स्कूल प्रशासन द्वारा दिए जा रहे दलीलों पर लोग सवाल उठा रहे हैं.
पहले जानिए क्या है पूरा मामला
इस पूरे विवाद की शुरुआत वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हुई. वीडियो जब वायरल होना शुरू हुआ तब बताया गया कि कर्नाटक के चामराजनगर जिले के एक निजी स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी के दौरान क्लास-4 की एक छात्रा ने बुर्का पहनने और नहीं पहनने पर अपना मॉडल पेश किया.
छोटे कपड़े पहनने पर बिच्छू खाएंगे
कथित तौर पर यह वीडियो 5 जनवरी 2025 का है. वायरल वीडियो में लड़की को यह कहते सुना जा सकता है, “अगर आप बुर्का पहनती हैं, तो मरने के बाद आपके शरीर को कुछ नहीं होता. लेकिन अगर आप छोटे कपड़े पहनती हैं, तो आप नर्क में जाएंगी और सांप और बिच्छू आपके शरीर को खा जाएंगे.”
इस वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर आक्रोश पैदा कर दिया है, कई लोगों ने इस बयान की निंदा की है और स्कूलों में दी जा रही शिक्षा की प्रकृति पर सवाल उठाए हैं.
अधिकारी बोले- मैंने बीईओ को भेजा वीडियो, जांच के दिए निर्देश
मामले में चामराजनगर डीडीपीआई राजेंद्र राजे उर्स ने कहा इस घटना की पृष्ठभूमि की जांच करने की आवश्यकता है. मैंने शहर के बीईओ से संपर्क किया है और उनके साथ वीडियो साझा किया है. स्कूल के प्रशासनिक कर्मचारियों, शिक्षकों से मिलने और बच्चे के प्रवेश विवरण की पुष्टि करने के बाद, वे एक विस्तृत जांच करेंगे.
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में स्कूल को मिली क्लीन चिट
वरीय अधिकारियों द्वारा मिले जांच के निर्देश के बाद ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) के नेतृत्व में गठित दो सदस्यीय टीम ने आज स्कूल का दौरा किया. टीम ने लगभग दो घंटे तक मामले की गहन जांच की. जांच के दौरान, स्कूल प्रबंधन और प्रिंसिपल ने लिखित बयान में स्पष्ट किया कि स्कूल परिसर में ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था. हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि वीडियो में नजर आ रही बच्ची उनके ही स्कूल में पढ़ती है.
जांच में विज्ञान प्रदर्शनी के बात की नहीं हो सकी पुष्टि
आरोप था कि जनवरी में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी के दौरान यह विवादित धार्मिक मुद्दा एक्जीबिशन का हिस्सा था. हालांकि, जांच में यह पुष्टि नहीं हो सकी. स्कूल प्रशासन के किसी भी सदस्य ने कैमरे पर बयान देने से इनकार कर दिया, लेकिन एक जिम्मेदार पदाधिकारी ने ऑफ रिकॉर्ड बताया कि नवंबर में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में इस बच्ची ने यह मॉडल प्रदर्शित किया था. यह कार्यक्रम मुस्लिम समुदाय से जुड़े एक व्यक्ति द्वारा किसी अन्य स्थान पर आयोजित किया गया था.
वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच करवाई, जिसमें प्रारंभिक रूप से स्कूल को क्लीन चिट दे दी गई है.
जांच अधिकारी ने क्या कुछ बताया
ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर हनुमंत शेट्टी ने बताया कि आज हमने हुदा पब्लिक स्कूल में जांच की, हमने उस वीडियो क्लिप की जांच की, ये वीडियो क्लिप स्कूल में चौथी क्लास में पढ़ने वाली छात्रा का है. हमने उर्दू जानने वाले एक विशेषज्ञ से इसका कन्नड़ में तर्जुमा करवाया, प्राइमरी फेस में हमें इस वीडियो में कुछ भी विवादास्पद नहीं लगा है.
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