हरियाणा की 90 विधानसभा सीट पर एक चरण में पांच अक्टूबर को मतदान होगा और मतों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच हरियाणा में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
हरियाणा चुनाव को लेकर कांग्रेस बड़े फूंक-फूंककर कदम रख रही है. कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नौ उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की. इन 9 उम्मीदवारों से कांग्रेस ने कई समीकरण साधने की कोशिश की है. कांग्रेस ने उचाना कलां से बृजेंद्र सिंह और गुरुग्राम से मोहित ग्रोवर को मैदान में उतारा गया है. इस लिस्ट के साथ, कांग्रेस ने 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए कुल 41 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बृजेंद्र सिंह और ग्रोवर के अलावा कांग्रेस ने थानेसर से अशोक अरोड़ा, गन्नौर से कुलदीप शर्मा, टोहाना से परमवीर सिंह, तोशाम से अनिरुद्ध चौधरी, महम से बलराम दांगी, नांगल चौधरी से मंजू चौधरी और बादशाहपुर से वर्धन यादव को मैदान में उतारा है.
गन्नौर विधानसभा सीट
कांग्रेस ने पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा को गन्नौर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है. कुलदीप शर्मा गन्नौर सीट पर पिछला चुनाव हार चुके हैं कुलदीप शर्मा पूर्व विधानसभा स्पीकर रह चुके हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में वो गन्नौर सीट से मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अब पार्टी ने एक बार फिर से उनक पर दांव खेला है और गन्नौर सीट से सियासी मुकाबले में उतारा है. फिलहाल इस सीट पर बीजेपी की ओर से अभी तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है.
उचाना कलां विधानसभा सीट
कांग्रेस ने उचाना कलां विधानसभा सीट से हिसार के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह पर दांव लगाया है. सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं. हरियाणा की यह सीट अब रोचक हो गई है. इस सीट पर जननायक जनता पार्टी से पूर्व डेप्युटी सीएम दुष्यंत चौटाला मैदान में में हैं.
तोशाम विधानसभा सीट
तोशाम से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बंसीलाल के पोते और पोती के बीच टक्कर होगी. क्रिकेट प्रशासक से नेता बने अनिरुद्ध चौधरी, बंसीलाल के पोते हैं और उनका मुकाबला अपनी चचेरी बहन और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी से होगा, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार हैं. श्रुति चौधरी बंसीलाल के छोटे बेटे दिवंगत सुरेंद्र सिंह और भाजपा नेता किरण चौधरी की बेटी हैं, जबकि अनिरुद्ध चौधरी, रणबीर सिंह महेंद्र के बेटे हैं. महेंद्र, बंसीलाल के बड़े बेटे हैं. (इस सीट का पूरा समीकरण पढ़ने के लिए क्लिक करें)
थानेसर विधानसभा सीट
पूर्व विधानसभा स्पीकर और पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा को मैदान में उतारा गया है. कांग्रेस ने एक बार फिर अशोक अरोड़ा पर इस सीट से दांव खेला है. पिछली बार इस सीट से बीजेपी के सुभाष सुध ने जीत हासिल की थी. अब देखते हैं कि थानेसर से इस बार अशोक अरोड़ा, कुछ कमाल कर पाते हैं नहीं.
गुरुग्राम विधानसभा सीट
सुखबीर कटारिया का टिकट कटा है. मोहित ग्रोवर को मैदान में उतारा गया है. वहीं, बीजेपी ने इस सीट से मुकेश शर्मा को टिकट दिया है. ये सीट बीजेपी का गढ़ रही है. हालांकि, इस बार मुकाबला यहां कड़ा नजर आ रहा है. मोहित ग्रोवर ने पिछली बार गुरुग्राम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और 25 प्रतिशत से ज्यादा वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे.
टोहाना विधानसभा सीट
फतेहाबाद जिले की टोहाना सीट से पूर्व कृषि मंत्री परमवीर सिंह को टिकट दिया गया है. उनका मुकाबला भाजापा के देवेंद्र बबली से होगा. बबली कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हैं. 2019 में जेजेपी के देवेंद्र सिंह बबली ने टोहाना निर्वाचन क्षेत्र से जीत की थी. वहीं, 2009 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार परमवीर सिंह ने निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की थी.
महम विधानसभा सीट
रोहतक की महम सीट से बलराम दांगी को कांग्रेस ने टिकट दिया है. वह पूर्व विधायक आनंद सिंह दांगी के बेटे हैं. दांगी, हुड्डा के खास माने जाते हैं. बीते कई चुनावों से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था लेकिन 2019 में इस सीट पर निर्दलीय की जीत हुई है. महम विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 22 फीसदी है. महम में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 1 लाख 80 हजार से भी ज्यादा है.
नांगल चौधरी विधानसभा सीट
कांग्रेस ने इस बार नांगल चौधरी सीट से राजा राम गोलवा का टिकट काटकर मंजू चौधरी को टिकट दिया गया है. पिछले चुनाव में इस सीट से बीजेपी के डॉ. अभे सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के राजा राम तीसरे स्थान पर रहे थे. यही वजह है कि कांग्रेस ने मंजू सिंह पर इस बार दांव खेला है. नांगल चौधरी में कुल 102606 वोटर हैं। उनमें से 79463 पुरुष वोटर हैं.
बादशाहपुर विधानसभा सीट
बादशाहपुर सीट पर वर्धन यादव को मैदान में उतारा गया है. यहां से पूर्व मंत्री नरबीर बीजेपी की तरफ से मैदान में हैं. इस सीट पर भी मुकाबल रोचक बन गया है. पिछली बार इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार राकेश दौलताबाद ने चुनाव जीता था. चौंकानेवाली बात यह भी थी कि इस सीट पर 2019 में कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों टॉप 10 में भी शामिल नहीं थे.
हरियाणा की 90 विधानसभा सीट पर एक चरण में पांच अक्टूबर को मतदान होगा और मतों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच हरियाणा में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
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