पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल का मानना है कि अगर अमेरिका के पास भारत में रिश्वतखोरी की कोई जानकारी थी, तो उन्हें भारतीय कानूनी सिस्टम से संपर्क कर जानकारी देनी चाहिए थी, और किसी भारतीय नागरिक पर एकतरफा मुकदमा नहीं चलाना चाहिए था.
भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने भारत की भूमि पर भारतीय नागरिक द्वारा कथित रूप से की गई रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिकी अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने को गलत कदम करार दिया है. माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर सिब्बल ने अमेरिकी अदालती कदम पर सवाल खड़े किए हैं, जिन्हें वह अमेरिका द्वारा खुद के न्यायिक अधिकारक्षेत्र का अतिक्रमण करना मानते हैं. कंवल सिब्बल ने अमेरिकी कार्रवाई को ‘कतई मनमानी’ और ‘अमेरिका की ताकत का घटिया इस्तेमाल’ करार दिया है.
पूर्व विदेश सचिव का मानना है कि अगर अमेरिका के पास भारत में रिश्वतखोरी की कोई जानकारी थी, तो उन्हें भारतीय कानूनी सिस्टम से संपर्क कर जानकारी देनी चाहिए थी, और किसी भारतीय नागरिक पर एकतरफा मुकदमा नहीं चलाना चाहिए था.
This is sheer high-handedness. An abusive use of US power.
If the US has information on acts of bribery they should move the Indian legal system. The indictment is against an Indian national for acts committed on Indian soil. The extraterritorial jurisdiction claimed by the US… https://t.co/X2ITvz8A2v
— Kanwal Sibal (@KanwalSibal) November 21, 2024
ट्वीट में कंवल सिब्बल ने लिखा, “यह indictment भारत की धरती पर किए गए कृत्यों के लिए भारतीय नागरिक के ख़िलाफ़ किया गया है… अपनी हद से बाहर जाकर किया गया अमेरिका का यह कृत्य अन्य देशों की संप्रभुता का उल्लंघन करता है…”
पूर्व विदेश सचिव ने सवाल किया कि अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में कैसे जांच की हो सकती है, क्योंकि यह तो भारतीय कानून और राष्ट्रीय संप्रभुता का सीधा-सीधा उल्लंघन रहा होगा. उन्होंने लिखा, “अमेरिकी अभियोजक ने भारत में मामले की जांच कैसे की…?”
यही नहीं, कंवल सिब्बल ने अमेरिका पर तंज़ कसते हुए यह भी कहा कि अमेरिका को अमेरिकी राजनैतिक सिस्टम में गहरी जड़ें जमाए भ्रष्टाचार पर फोकस करना चाहिए, जो ‘बड़े-बड़े कॉरपोरेशनों तथा राजनेताओं के बीच गठजोड़’ का परिणाम है.
उन्होंने अमेरिका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कानूनी पहुंच बढ़ाने के बजाय घरेलू मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया.
पूर्व राजनयिक ने इसके बाद अपने ट्वीट में यह चेतावनी भी दी है कि इस तरह की कार्रवाइयों से भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ सकता है.
इससे पहले, अमेरिका में लगाए गए रिश्वत के आरोपों को अदाणी ग्रुप ने झूठा और निराधार करार दिया है. एक बयान जारी कर समूह ने अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय के बयान का ज़िक्र करते हुए कहा कि Indictment में केवल आरोप शामिल हैं तथा प्रतिवादियों को उस वक्त निर्दोष समझा जाएगा, जब तक वे गुनहगार साबित न हो जाएं. अदाणी समूह इस मामले में कानूनी कदम उठाने जा रहा है. बयान के मुताबिक, अदाणी समूह प्रबंधन और पारदर्शिता के उच्चतम मापदंडों का पालन करता है, तथा जिस मुल्क में भी काम करता है, वहां के कानून को पूरी तरह मानता है.
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