खालिस्तानी समर्थक कनाडाई सांसद ने भारत के राजनयिक पर प्रतिबंध लगाने की थी बात. उनके इस बयान पर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछे थे.
भारत और कनाडा के बीच जारी हालिया तनाव के बीच खालिस्तानी समर्थक कनाडाई सांसद जगमीत सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार सुर्खियों में आने की वजह बनी है वो प्रेस कॉन्फ्रेंस जिसे बीच में छोड़कर उन्हें भागना पड़ा. दरअसल, हुआ कुछ यूं कि भारत-कनाडा में जारी तल्खी के बीच जगमीत सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे थे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खालिस्तानी समर्थक कनाडाई नेता जगमीत सिंह ने कहा कि हमें भारतीय राजनयिकों पर कड़े प्रतिबंध लगाने की जरूरत है. मेरा मतलब ये है कि हम भारतीय राजनयिकों पर कड़े प्रतिबंध लगाने के अलावा और कह ही क्या सकते हैं? भारतीय राजनियकों पर कड़े प्रतिबंध की बात को लेकर वहां मौजूद पत्रकारों ने जगमीत सिंह से सीधा सवाल पूछा.पत्रकारों के सवाल पर जवाब देने की बजाय जगमीत सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में छोड़कर ही भाग गए. जब जगमीत सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीच में छोड़कर जा रहे थे तो उसी दौरान एक पत्रकार ने उनका मजाक उड़ाया जिसे सुनकर वहां मौजूद अन्य पत्रकार भी हंसने लगे.
भारत ने अपने ऊपर आरोपों को निराधार बताया था
खालिस्तानी आतंकी निज्जर हत्या की हत्या को लेकर कनाडा बीते लंबे समय से भारत पर आरोप लगाता रहा है. हालांकि, भारत ने पहले दिन से ही ये साफ किया है कि निज्जर की हत्या से उसका दूर-दूर तक कोई लेना नहीं है. लेकिन कनाडा है कि आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहा है. इसी मुद्दे को लेकर भारत और कनाडा के बीच संबंध बेहद खराब हो चुके हैं.
भारत के खिलाफ लगाए थे गंभीर आरोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार के अधिकारी शामिल थे. ट्रूडो ने कहा था कि देश के राष्ट्रीय पुलिस बल रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के पास स्पष्ट और पुख्ता सबूत हैं कि भारत सरकार के एजेंट ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और अब भी शामिल हैं जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा हैं. इसमें गुप्त सूचना एकत्र करने की तकनीकें, दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को निशाना बनाने वाला बलपूर्वक व्यवहार और हत्या सहित एक दर्जन से अधिक धमकी भरे और हिंसक कृत्यों में शामिल होना शामिल है. यह अस्वीकार्य है.
भारत ने वापस बुलाए थे अपने राजयनिक
आपको बता दें कि भारत ने कुछ दिन पहले बड़ा कदम उठाते हुए कनाडा के 6 राजनयिकों को भारत छोड़ने के लिए कहा था. हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या की जांच से राजनयिकों को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने यह कार्रवाई की थी. विदेश मंत्रालय ने कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त राजदूत स्टीवर्ट रॉस व्हीलर को तलब करने के कुछ ही देर बाद फैसले की घोषणा की थी.
भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को 19 अक्टूबर रात 11:59 बजे तक या उससे पहले देश छोड़ने के लिए कहा था. इसके साथ ही भारत ने अपने उच्चायुक्त को भी वापस बुला लिया था. भारत सरकार ने कनाडा के जिन 6 राजनयिकों को निष्कासित करने का निर्णय लिया है, उनमें कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर और उप उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट शामिल हैं. इसके साथ ही फर्स्ट सेक्रेटरी मैरी कैथरीन जोली, फर्स्ट सेक्रेटरी लैन रॉस डेविड, फर्स्ट सेक्रेटरी एडम जेम्स चुइप्का और फर्स्ट सेक्रेटरी पाउला ओरजुएला शामिल थे.
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