हेल्थ कोच ल्यूक कॉउटिन्हो ने कहा कि भारत में मोटापे से लड़ने के लिए जंक फूड पर जागरूकता की आवश्यकता है. उन्होंने देश में मोटापे से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की प्रशंसा की.
हेल्थ कोच ल्यूक कॉउटिन्हो ने कहा कि भारत में मोटापे से लड़ने के लिए जंक फूड पर जागरूकता की आवश्यकता है. उन्होंने देश में मोटापे से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की प्रशंसा की. नई दिल्ली में एक आंगनवाड़ी केंद्र के दौरे के दौरान कोउटिन्हो ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटापे की समस्या से निपटने के अपने दृष्टिकोण में बिल्कुल सही हैं.”
कॉउटिन्हो ने कहा, “हमें बच्चों और वयस्कों को जंक फूड के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है, जो मोटापे जैसे बड़ी समस्या में योगदान दे रहा है.” उन्होंने कहा कि पोषण की शुरुआत कम उम्र से ही होनी चाहिए और पोषण के बारे में शिक्षा देश भर की भाषाओं में दी जानी चाहिए.
उन्होंने मोटे अनाज जैसे स्थानीय सुपरफूड तक पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. ल्यूक कॉउटिन्हो होलिस्टिक हीलिंग सिस्टम के सह-संस्थापक कॉउटिन्हो ने कहा, ” पीएम मोदी ने हमें स्थानीय सुपरफूड का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया है. हम इन खाद्य पदार्थों के साथ एक प्राकृतिक संतुलित आहार बनाए रख सकते हैं और प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा संतुलित मात्रा में हासिल कर सकते हैं.
‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में प्रधानमंत्री मोदी ने मोटापे के बढ़ते मामलों और इसे रोकने की आवश्यकता पर चर्चा की क्योंकि यह उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कैंसर जैसी कई बीमारियों का कारण बन सकता है. हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, आज हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे की समस्या से परेशान है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “बीते सालों में मोटापे के मामले दोगुने हो गए हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि बच्चों में भी मोटापे की समस्या चार गुना बढ़ गई है. डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में दुनिया भर में करीब 250 करोड़ लोग ओवरवेट थे, यानी उनका वजन जरूरत से ज्यादा था.”
उन्होंने “खाद्य तेल की खपत में 10 प्रतिशत की कमी लाने” का सुझाव दिया.
मोटापे के खिलाफ अभियान के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “एक भारतीय नागरिक के रूप में सभी को व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेनी चाहिए, अपना योगदान देना चाहिए, सही भोजन चुनना चाहिए, प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए तथा अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए.”
इस मामले में एक्सपर्ट का कहना है कि हमें जागरूकता और सजगता की आवश्यकता है तथा भारत को स्वस्थ बनाने के लिए घर के खाने को बढ़ावा देना होगा.
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