Tahawwur Rana : एनआईए राणा से पूछताछ करेगी और उसके बाद उस पर अदालत में मुकदमा चलेगा. राणा को मुंबई में ले जाया जा सकता है, जहां पर हमला हुआ था और घटनास्थल पर ले जाकर उससे पूछताछ हो सकती है.
तहव्वुर राणा को 18 दिनों की एनआईए रिमांड पर भेज दिया गया है. एनआईए ने 20 दिनों की रिमांड मांगी थी. लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 दिनों की रिमांड को मंजूरी दी. राणा को अब एनआईए के स्पेशल सेल में रखा जाएगा, जहां कड़ी सुरक्षा के बीच उससे पूछताछ की जाएगी. इस विशेष सेल में 12 अधिकारियों के अलावा किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी.
एनआईए राणा से पूछताछ करेगी और उसके बाद उस पर अदालत में मुकदमा चलेगा. राणा को मुंबई में ले जाया जा सकता है, जहां पर हमला हुआ था और घटनास्थल पर ले जाकर उससे पूछताछ हो सकती है.
क्या कहता है प्रत्यर्पण संधि
अमेरिका और भारत के बीच 1997 में हुई प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, जिस अपराध में मुकदमा चलाने और सजा देने के लिए प्रत्यर्पण मांगा जा रहा है, अगर वह अपराध प्रत्यर्पण का अनुरोध करने वाले देश में मृत्युदंड से दंडित किया जा सकता है, लेकिन यदि प्रत्यार्पित करने वाले देश में उस अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान नहीं है तो वह देश प्रत्यार्पण की मांग ठुकरा सकता है. यह क्लॉज तहव्वुर राणा के मामले में लागू नहीं होगा क्योंकि उस पर आतंकवाद का आरोप है और आतंकवाद के अपराध में अमेरिका में भी मृत्युदंड की सजा है.
राणा को क्या सजा होगी, यह न्यायिक मामला
राणा को क्या सजा होगी, यह न्यायिक मामला है. भारत लाए जाने के बाद एनआईए और अन्य एजेंसियां उससे पूछताछ करेंगी और उसके बाद उस पर अदालत में मुकदमा चलेगा, फिर सजा होगी. भारत की न्यायपालिका ने फांसी की सजा के लिए रेयरेस्ट आफ रेयर का सिद्धांत तय कर रखा है. लेकिन आंतकवादियों को फांसी देने में कोताही नहीं करती है. पहले भी मुंबई हमलों का दोषी अजमल कसाब, संसद हमलों का दोषी अफजल गुरू और मुंबई में सीरियल बम धमाकों का दोषी याकूब मेमन के मामलों में देखा गया है. आंतकवादियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया गया है.
तहव्वुर राणा के वकील ने क्या कहा?
मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को 18 दिनों की NIA हिरासत में भेजा गया. तहव्वुर राणा के वकील दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि NIA ने 20 दिनों की हिरासत मांगी थी और काफी विचार-विमर्श के बाद अदालत ने 18 दिनों की हिरासत दी है. अगर NIA को और समय चाहिए तो वे आवेदन करें. मेडिकल टेस्ट के लिए (अदालत ने विशेष निर्देश दिए हैं), उन्हें (NIA) बताया गया है कि हिरासत में लिए जाने के बाद और रिमांड के अंत में अदालत में वापस लाने से पहले एक व्यापक मेडिकल टेस्ट किया जाएगा. उनकी सभी मेडिकल आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने अनुरोध किया है कि अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करने वाले किसी भी व्यक्ति, खासकर जब से हम DLSA से हैं और अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, वकीलों के खिलाफ कोई सार्वजनिक आक्रोश नहीं होना चाहिए.
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