November 24, 2024
मंत्री विक्रमादित्य का स्ट्रीट वेंडरों को 'नेमप्लेट' लगाने का निर्देश, हिमाचल सरकार असहमत; कहा 'पहले लोगों से...'

मंत्री विक्रमादित्य का स्ट्रीट वेंडरों को ‘नेमप्लेट’ लगाने का निर्देश, हिमाचल सरकार असहमत; कहा- ‘पहले लोगों से…’​

हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान से किनारा कर लिया है. कांग्रेस सरकार ने कहा कि रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नेमप्लेट समेत अन्य सुझावों पर कैबिनेट विचार करेगी. अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान से किनारा कर लिया है. कांग्रेस सरकार ने कहा कि रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नेमप्लेट समेत अन्य सुझावों पर कैबिनेट विचार करेगी. अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

यूपी की योगी सरकार के बाद हिमाचल प्रदेश में भी रेस्टोरेंट, फास्टफूड सेंटर और रेहड़ी-फड़ी वालों को दुकानों के सामने नेम प्लेट लगाने की वकालत की जा रही है. हिमाचल की कांग्रेस सरकार में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार (25 सितंबर) को कहा कि उतर प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी रेहड़ी-पटरी वालों को उनकी फोटो लगे लाइसेंस दिए जाएंगे. इन्हें दुकानों के बाहर लगाना अनिवार्य होगा. हालांकि, हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान से किनारा कर लिया है. कांग्रेस सरकार ने कहा कि रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नेमप्लेट समेत अन्य सुझावों पर कैबिनेट विचार करेगी. अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. बता दें कि यूपी की योगी सरकार ने मंगलवार को ही इस बारे में आदेश जारी किया है.

हिमाचल प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी के बारे में समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव मिले हैं. इस मामले के हर पहलू पर संवेदनशीलता के साथ विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने या अन्य पहचान अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है. प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर्स से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस संदर्भ में फैसला लेने से पहले सभी सुझावों पर संवेदनशीलता से विचार किया जाएगा.

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राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस संदर्भ में संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कांग्रेस और BJP विधायकों की एक कमेटी बनाई गई है. ग्रामीण विकास व पंचायती मंत्री अनिरूद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक अनिल शर्मा, सतपाल सती, रणधीर शर्मा और हरीश जनारथा इस कमेटी के सदस्य हैं.

कमेटी इस मामले में प्रदेश सरकार को अपनी सिफारिशें देने से पूर्व विभिन्न हितधारकों के सुझावों की समीक्षा करेगी. प्रवक्ता ने कहा कि कैबिनेट इन सिफारिशों का गहनता से मूल्यांकन करने के बाद ही आखिरी फैसला लेगी.

विक्रमादित्य सिंह ने क्या कहा था?
विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को शिमला में मीडिया से बातचीत में कहा, “नेम प्लेट लगाने के लिए शहरी विकास विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं. खासकर खाने-पीने का सामान बेचने वालों को साफ-सफाई के लिहाज से भी ध्यान रखने की जरूरत है. सफाई को लेकर लोगों ने चिंताएं व्यक्त की हैं. स्ट्रीट वेंडर कमेटी बन चुकी है. इसी कमेटी से फोटो वाला लाइसेंस लिया जाएगा.”

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हिमाचल में स्ट्रीट वेंडर का विवाद कई सालों से चल रहा है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि तहबाजारी (रेहड़ी लगाने वाले) केवल हिमाचली रखे जाए, कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए, हम ऐसा कोई निर्णय नहीं लेंगे जो कोर्ट से स्टे हो जाए. उन्होंने कहा कि पॉलिसी बना रहे हैं. इसमें निर्धन, SC, ST और महिलाओं को भी रेहड़ी लगाने का प्रावधान किया जा रहा है.”

यूपी में योगी सरकार लाई कौन सा कानून?
उत्तर प्रदेश में मंगलवार (24 सितंबर) से खाने-पीने की दुकानों पर नेमप्लेट लगाना अनिवार्य हो गया है. CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट की गहन जांच और हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाए. खाने की चीजों की शुद्धता के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम में जरूरी बदलाव किए जाएं.”

नए आदेश के मुताबिक, खान-पान केंद्रों पर संचालक, प्रौपराइटर, मैनेजर का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा। पूरे रेस्टोरेंट में CCTV लगाने होंगे. साथ ही कर्मचारियों को मास्क-ग्लव्ज पहनना जरूरी होगा.

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