लाइव टीवी डिबेट के दौरान ‘मनुस्मृति’ के पन्ने फाड़े जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरजेडी प्रवक्ता प्रियंका भारती की याचिका को खारिज कर दिया है. (दीपक गंभीर की रिपोर्ट)
लाइव टीवी डिबेट के दौरान ‘मनुस्मृति’ के पन्ने फाड़े जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरजेडी प्रवक्ता को राहत देने से इनकार कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरजेडी प्रवक्ता प्रियंका भारती की याचिका को खारिज कर दिया है. प्रियंका ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने और एफआईआर के आधार पर गिरफ्तार न करने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
याचिकाकर्ता प्रियंका के खिलाफ अलीगढ़ के रोरावर थाने में 29 दिसंबर 2024 को भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 299 के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता होने के साथ ही प्रियंका भारती दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की पीएचडी की छात्रा भी है. आरजेडी प्रवक्ता के रूप में भाग लेते हुए दो न्यूज चैनल में लाइव डिबेट के दौरान प्रियंका भारती पर मनुस्मृति के कुछ पन्ने फाड़े जाने का आरोप लगा है.
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील की तरफ से तर्क दिया गया कि आरोपी ने जानबूझकर या अनजाने में किसी व्यक्ति या धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा या प्रयास नहीं था और किसी भी मामले में उनके कृत्य से सार्वजनिक व्यवस्था प्रभावित नहीं होती है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि लाइव टीवी डिबेट के दौरान ‘मनुस्मृति’ के पन्ने फाड़ना प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध है. जस्टिस विवेक कुमार बिरला और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की डबल बेंच ने यह आदेश जारी किया है.
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