महाकुंभ के दौरान उत्तर मध्य रेलवे 13,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन करेगा. इन ट्रेनों में 10,000 से अधिक नियमित गाड़ियां यात्रियों की सेवा में होंगी. इसके अलावा, 3,000 से अधिक विशेष गाड़ियां चलाई जाएंगी.
महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के सफल आयोजन के लिए भारतीय रेलवे, विशेष रूप से उत्तर मध्य रेलवे, ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इस पवित्र आयोजन के दौरान, रेलवे का उद्देश्य लाखों श्रद्धालुओं को सुगम, सुरक्षित और कुशल यात्रा सुविधा प्रदान करना है, जिससे वे आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंचकर इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक आयोजन का हिस्सा बन सकें. इसे देखते हुए महाकुंभ के दौरान उत्तर मध्य रेलवे 13,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन करेगा.
इन ट्रेनों में 10,000 से अधिक नियमित गाड़ियां यात्रियों की सेवा में होंगी. इसके अलावा, 3,000 से अधिक विशेष गाड़ियां चलाई जाएंगी. विशेष ट्रेनों में 2,000 आउटवर्ड गाड़ियां होंगी (जिन्हें आयोजन से बाहर जाने के लिए संचालित किया जाएगा), जबकि 800 इनवर्ड गाड़ियां (वापसी की यात्रा के लिए) होंगी.
तीर्थयात्रियों के लिए शुरू की जाएगी रिंग रेल मेमू सेवा
महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रिंग रेल मेमू सेवा शुरू की जाएगी. यह सेवा अयोध्या, काशी और चित्रकूट जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा को सहज और सुगम बनाएगी. तीर्थयात्रियों को इस सेवा के माध्यम से बिना किसी परेशानी के सीधी यात्रा का अनुभव मिलेगा.
2013 के मुकाबले ज्यादा स्पेशल ट्रेनों का संचालन
महाकुंभ 2013 में भारतीय रेलवे ने कुल 1,122 विशेष गाड़ियों का संचालन किया था. जबकि, महाकुंभ 2025 के लिए विशेष गाड़ियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है, इससे यात्रियों को और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.
प्रयागराज में अगले साल होने जा रहे महाकुंभ के दौरान भीड़ भाड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए, 23 जोड़ी (कुल 46 ट्रेनों) को प्रयागराज और नैनी जंक्शन पर अतिरिक्त ठहराव दिया जाएगा. यह पहल तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक और आरामदायक बनाएगी.
एआई की मदद से संदिग्धों पर रखेंगे नजर
वहीं, महाकुंभ में लगभग 10 करोड़ लोगों का ट्रेन से आने का अनुमान है. इसे लेकर रेलवे सुरक्षा और व्यवस्था के सारे इंतजाम कर रही है. प्रयागराज रेल मंडल द्वारा महाकुंभ के दौरान रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के लिए पहली बार सीसीटीवी कैमरों के साथ एफआर कैमरे भी लगाए जा रहे हैं.
एफआर कैमरे एआई की मदद से संदिग्ध गतिविधियों और अराजक तत्वों पर नजर रखने में कारगर हैं. एफआर कैमरे एआई तकनीक से काम करते हैं. फेस रिकॉग्निशन या एआई तकनीक की मदद से चेहरे की पहचान करने में सक्षम होते हैं.
ये आसानी से संदिग्धों को भीड़ में भी पहचान कर तलाश लेते हैं. जिससे भीड़ में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों या भगदड़ जैसी स्थिति को बनने से पहले काबू किया जा सकता है. एफआर कैमरे किसी भी असामान्य घटना को आसानी से पकड़ सकते हैं, उन पर तत्काल प्रतिक्रिया कर दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.
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