आज की पीढ़ी को तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों की वजह से कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, इन सारी दिक्कतों का इलाज आयुर्वेद में छिपा है. ऐसे में आज आपको ‘शिरीष’ (लेबैक) के बारे में बताएंगे, जो न केवल शरीर के दर्द से निजात दिलाता है बल्कि माइग्रेन जैसी बीमारी को भी मात देने में कारगर माना गया है.
आज की पीढ़ी को तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों की वजह से कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, इन सारी दिक्कतों का इलाज आयुर्वेद में छिपा है. ऐसे में आज आपको ‘शिरीष’ (लेबैक) के बारे में बताएंगे, जो न केवल शरीर के दर्द से निजात दिलाता है बल्कि माइग्रेन जैसी बीमारी को भी मात देने में कारगर माना गया है.
दरअसल, शिरीष का पेड़ आम तौर पर गर्मियों के मौसम में खिलता है. यह एक मैदानी इलाके का वृक्ष है, जिसकी शाखाओं पर पीले फूल खिलते हैं. ‘शिरीष’ का पेड़ बड़ा और छायादार होता है, जिसके फल ‘सेम’ की तरह दिखाई देते हैं. हालांकि, इसका फूल आंधी हो या लू या फिर गर्मी, वह हर तरह के मौसम में अपनी कोमलता और सुंदरता को बनाए रखने का काम करता है.
‘शिरीष’ को एक कारगर औषधि माना गया है. आयुर्वेद के अनुसार, ‘शिरीष’ जोड़ों के दर्द, पेट के कीड़े, वात, पित्त और कफ के दोष से लाभ मिलता है. इसके अलावा सफेद शिरीष की छाल से खून के बहने को भी रोका जा सकता है. ‘शिरीष’ इतना शक्तिशाली होता है कि इसकी छाल, फूल, बीज, जड़, पत्ते समेत हर एक हिस्से का इस्तेमाल औषधि के लिए किया जाता है. ‘शिरीष’ की सबसे मुख्य खासियत यह है कि इसकी शाखाएं बहुत ही सहजता से विकसित होती हैं.
दही खाने से पहले उसमें मिलाएं इन 4 में से कोई एक चीज, नहीं बढ़ेगा वजन, पेट की गंदगी भी रहेगा साफ
वैसे तो ‘शिरीष’ की कई प्रजातियां पाई जाती है, लेकिन तीन प्रजातियों का ही मुख्य तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें ‘लाल शिरीष’, ‘काला शिरीष’ और ‘सफेद शिरीष’ शामिल हैं. ‘शिरीष’ माइमोसेसी कुल का पौधा है और इसका वैज्ञानिक नाम ऐल्बिजिया लैबैक है. माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए भी इसे रामबाण माना गया है. बताया जाता है कि ‘शिरीष’ का इस्तेमाल करने से माइग्रेन से पीड़ित लोगों को लाभ मिलता है. इसके अलावा आंखों की बीमारी के लिए भी ‘शिरीष’ फायदेमंद है. इसके रस को आंखों में काजल की तरह लगाया जाता है.
साथ ही ‘शिरीष’ का इस्तेमाल कान के दर्द, दांतों की परेशानी, खांसी की बीमारी, सांसों की दिक्कत, पेट, बवासीर, पेशाब में दर्द और जलन में लाभदायक है. हालांकि, इसका इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से किया जाता है.
Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?
NDTV India – Latest
More Stories
टीवी पर बज रहा था घुंघरू टूट जावेगा गाना और सपना चौधरी लगा रही थीं पोछा, एक्ट्रेस ने कुछ यूं दिया रिएक्शन की लोग बोले- जमीन से…
महाकुंभ की मोनालिसा पर पॉपुलैरिटी पड़ी भारी, मेले में पहुंची तो हुआ कुछ ऐसा कि छिपाना पड़ा चेहरा, लोग बोले- अकेला छोड़ दो उसे
फैंसी ड्रेस कंपटीशन में राज कपूर की तरह तैयार हुआ ये बच्चा है बॉलीवुड का सुपरस्टार, बेटिया तो हैं टॉप एक्ट्रेसेस