मायावती का चुनाव के लिए फुल प्रूफ प्लान, इधर-उधर नहीं भटकेंगे, अकेले चलेंगे​

 मायावती का कहना है कि बीएसपी विभिन्न पार्टियों-संगठनों और उनके स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि ‘बहुजन समाज’ के विभिन्न अंगों को आपसी भाईचारा और सहयोग के बल पर संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनाने और उनको शासक वर्ग बनाने का आंदोलन है.

उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव से पहले मायावती ने एकला चलो रे का संदेश (Mayawati On Alliance) दिया है. मायावती का कहना है कि उनकी पार्टी ने चुनाव के लिए फुल प्रूफ प्लान तैयार कर लिया है. वे  इधर-उधर नहीं भटकने के बजाय अकेले चलेंगे. उन्होंने कहा कि बीएसपी चुनावों में किसी से भी गठबंधन नहीं करेगी. बहुजन समाज पार्टी अकेले अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी. 

बीएसपी प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी के हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम और इससे पहले पंजाब चुनाव के अनुभव कड़वे रहे हैं. इसी वजह से आज हरियाणा और पंजाब की समीक्षा बैठक में क्षेत्रीय पार्टियों से भी अब आगे गठबंधन नहीं करने का फैसला लिया गया है. जबकि बीजेपी, एनडीए,  कांग्रेस, इंडिया गठबंधन से दूरी पहले की तरह ही जारी रहेगी.

4. बीएसपी विभिन्न पार्टियों/संगठनों व उनके स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि ‘बहुजन समाज’ के विभिन्न अंगों को आपसी भाईचारा व सहयोग के बल पर संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनाने व उनको शासक वर्ग बनाने का आन्दोलन है, जिसे अब इधर-उधर में ध्यान भटकाना अति-हानिकारक।

— Mayawati (@Mayawati) October 11, 2024

‘स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं है BSP’

मायावती का कहना है कि बीएसपी विभिन्न पार्टियों-संगठनों और उनके स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि ‘बहुजन समाज’ के विभिन्न अंगों को आपसी भाईचारा और सहयोग के बल पर संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनाने और उनको शासक वर्ग बनाने का आंदोलन है, जिसे अब इधर-उधर में ध्यान भटकाना बहुत ही नुकसान देह होगा.

पार्टी कैडर को निराशा से बचानाा जरूरी

मायावती ने ट्वीट की एक सीरीज एक्स पर पोस्ट कर ये बात कही है. बीएसपी प्रमुख का कहना है कि यूपी समेत दूसरे राज्यों के चुनाव में भी बीएसपी का वोट गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर हो जाते. लेकिन उनका वोट बीएसपी को ट्रांसफर कराने की क्षमता उनमें नहीं होने की वजह से और अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिलने से पार्टी कैडर में होने वाली निराशा और नुकसान से बचाना जरूरी है. 

BSP को कमजोर करने की कोशिशें

उन्होंने कहा कि देश की एकमात्र प्रतिष्ठित अम्बेडकरवादी पार्टी बीएसपी और उसके आत्म-सम्मान और स्वाभिमान मूवमेन्ट के कारवां को हर तरह से  कमजोर करने की चौतरफा जातिवादी कोशिशें लगातार जारी हैं. लेकिन पार्टी पहले की तरह ही खुद का बचाव करेगी. 
 

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