उत्तर प्रदेश के हरदोई (Hardoi) में लाल खून के काले खेल का मामला सामने आया है. यहां पर एक मरीज को ब्लड की जरूरत पड़ी. उसके परिजन खून के लिए भटक रहे थे. इसी बीच मेडिकल कालेज के बाहर एक व्यक्ति मिला जिसने 7000 रुपये में खून दिलाने की बात कही. उसने जो खून दिलाया वह नकली निकला. यही नहीं, ब्लड के पैक के ऊपर लगी स्लिप भी नकली थी. अब स्वास्थ्य महकमा इस मामले की जांच में जुट गया है.
उत्तर प्रदेश के हरदोई (Hardoi) में लाल खून के काले खेल का मामला सामने आया है. यहां पर एक मरीज को ब्लड की जरूरत पड़ी. उसके परिजन खून के लिए भटक रहे थे. इसी बीच मेडिकल कालेज के बाहर एक व्यक्ति मिला जिसने 7000 रुपये में खून दिलाने की बात कही. उसने जो खून दिलाया वह नकली निकला. यही नहीं, ब्लड के पैक के ऊपर लगी स्लिप भी नकली थी. अब स्वास्थ्य महकमा इस मामले की जांच में जुट गया है.
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में नकली खून (Fake blood) के कारोबार का एक मामला सामने आया है. यहां चंद पैसों के लालच में लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. हरदोई के मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज को एक यूनिट ब्लड की जरूरत थी. मरीज के परिजन ने ब्लड के लिए अपने एक रिश्तेदार के माध्यम से बात की. उन्होंने एक नर्सिंग होम से 7000 रुपये में ब्लड लाकर दे दिया.
मरीज के परिजन ब्लड लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे. उन्होंने डॉक्टर से ब्लड चढ़ाने के लिए कहा, लेकिन रात होने के कारण डॉक्टर ने ब्लड चढ़ाने के लिए मना कर दिया. डॉक्टर ने लाया गया खून ब्लड बैंक में रखने को कहा. इसके बाद मरीज के परिजन ब्लड लेकर ब्लड बैंक पहुंचे और उसे वहां जमा कर दिया.
ब्लड के पैक पर लगी पर्ची फर्जी
सुबह जब मरीज के परिजन ब्लड बैंक पहुंचे और कर्मचारियों से ब्लड मांगा तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने ब्लड देने के लिए निकाला और उसकी जांच की. जांच में ब्लड के पैक पर लगी पर्ची फर्जी निकली. ब्लड में हीमोग्लोबिन की मात्रा बहुत कम निकली. इसके बाद ब्लड बैंक से मरीज को एक यूनिट दूसरा ब्लड दे दिया गया.
दरअसल कोतवाली देहात इलाके के बाहर गांव के रहने वाले कृष्ण मुरारी को मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. उनको वहां ब्लड चढ़ाया जाना था. कृष्ण मुरारी के रिश्तेदार कौशल किशोर मिश्रा ने बताया कि ब्लड के लिए वह लोग इधर-उधर भटक रहे थे इसी बीच एक व्यक्ति मिला जिसने 7000 रुपये में ब्लड दिलाया, लेकिन वह खून नकली निकला.
एफआईआर दर्ज कराई गई
इस मामले को लेकर ब्लड बैंक के प्रभारी डॉक्टर पवन कुमार ने बताया कि जब जांच पड़ताल की गई तो पाया गया कि ब्लड सही नहीं है और उसमें हेरफेर की गई है. ब्लड बैंक की जो पर्ची है वह भी उससे मैच नहीं हो रही है.
इस प्रकरण को लेकर सीएमएस डॉक्टर जेके वर्मा ने बताया कि इस तरह का मामला सामने आया है. अब इस मामले की एफआईआर कराई जा रही है. जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. इस तरह का खेल करने वालों को बक्शा नहीं जाएगा.
(हरदोई से मोहम्मद आसिफ की रिपोर्ट)
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