रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रणथंभौर में एक साल से 75 बाघों में से 25 बाघों के कोई पुख्ता साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए हैं. यानी एक साल से ये बाघ लापता हैं.
रणथंभौर टाइगर रिजर्व, सवाई माधोपुर में एक साल में 25 बाघों के लापता होने की बड़ी खबर सामने आई है. वन विभाग की टाइगर मॉनिटरिंग रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रणथम्भौर में एक साल से 75 बाघों में से 25 बाघों के कोई पुख्ता साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए हैं. यानी एक साल से ये बाघ लापता हैं. इन्हें ट्रैक नहीं किया जा सका है. इस खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है और रणथंभौर के प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीके उपाध्याय ने बताया कि रणथंभौर के लापता बाघों के संबंध में एक जांच कमेटी गठित की गई है.
कमेटी लापता बाघों के संबंध में छानबीन कर अपनी रिपोर्ट देगी. तीन सदस्यों की इस कमेटी में राजेश कुमार गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अध्यक्ष होंगे और डॉ. टी मोहनराज, वन संरक्षक (वन्यजीव) जयपुर, मानस सिंह, उप वन संरक्षक (वन्यजीव) भरतपुर को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. कमेटी इस बात का पता लगाएगी कि सवाईमाधोपुर में बाघों के लापता होने के कारण क्या हैं.
क्षेत्र निदेशक एवं संबंधित उप क्षेत्र निदेशक के स्तर पर बाघों को ढूढ़ने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं. कमेटी टाइगर मॉनिटरिंग के समस्त रिकॉर्ड की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. इसके अलावा कमेटी किसी अधिकारी कर्मचारी की लापरवाही पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रस्ताव भी प्रस्तुत करेगी. कमेटी व्यवस्था की खामियों को दूर करने के लिए अपने सुझाव भी रिपोर्ट में शामिल करेगी. कमेटी आवश्यकता होने पर विशेषज्ञों की राय ले सकेगी. कमेटी को 2 महीने में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं.
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