April 1, 2025
राम गोपाल वर्मा की आग के लिए यह चाइनीज एक्टर था पहली पसंद, असफलता के लिए अमिताभ और साशा सिप्पी को ठहराया जिम्मेदार, लेकिन...

राम गोपाल वर्मा की आग के लिए यह चाइनीज एक्टर था पहली पसंद, असफलता के लिए अमिताभ और साशा सिप्पी को ठहराया जिम्मेदार, लेकिन…​

फिल्म की असफलता को लेकर आरजीवी ने मज़ाक में पोस्टर डिज़ाइनर साशा सिप्पी और यहां तक कि अमिताभ बच्चन को भी दोषी ठहराया, लेकिन अंततः ज़िम्मेदारी खुद ली.

फिल्म की असफलता को लेकर आरजीवी ने मज़ाक में पोस्टर डिज़ाइनर साशा सिप्पी और यहां तक कि अमिताभ बच्चन को भी दोषी ठहराया, लेकिन अंततः ज़िम्मेदारी खुद ली.

जब राम गोपाल वर्मा ने आग बनाने का फैसला किया, तो उनका पहला विचार इसे आधुनिक समय की सेटिंग में रखना था. और उनका मानना ​​है कि अगर उन्होंने इसे सत्या की तरह ईमानदारी से बनाया होता, तो यह कमाल कर सकती थी. हालांकि, चीजें तब बिगड़ गईं. फिल्म कभी भी उस तरह से नहीं बनी, जैसा उन्होंने सोचा था. एक नए बातचीत में फिल्म निर्माता ने शोले पर आधारित फिल्म बनाने के पीछे की असली वजह का खुलासा किया. उन्होंने मज़ाक में अमिताभ बच्चन, साशा सिप्पी और कुछ अन्य लोगों को फिल्म की असफलता के लिए दोषी ठहराया.

कोमल नाहटा के साथ उनके YouTube चैनल गेम चेंजर्स पर बात करते हुए, आरजीवी ने संक्षेप में बताया कि कहानी एक मिल मालिक के इर्द-गिर्द घूमता है जो अपने मृत बेटे का बदला लेना चाहता है, और अपने बेटे को मारने वाले अपराधियों को मारने के लिए एक गैंगस्टर को काम पर रखता है. उन्होंने कहा, “अगर मैंने इसे सत्या की तरह गंभीरता से शूट किया होता, तो मुझे यकीन है कि यह अच्छा प्रदर्शन करती. लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया.” कहानी में गड़बड़ी के पीछे का कारण बताते हुए, फिल्म निर्माता ने शेयर किया, “फिल्म का सीक्वल बनाने का विचार जीपी सिप्पी के पोते साशा सिप्पी की वजह से आया.

उन्होंने एक बार मुझे फोन करके कहा कि उनके दादाजी मुझसे मिलना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास शोले सीक्वल के लिए एक कहानी है.” जिसमें गब्बर सिंह हेलेन के चरित्र के साथ एक बच्चे का पिता बनता है. सालों बाद, ‘जूनियर गब्बर’ वीरू और बसंती के परिवार से बदला लेना चाहता है. इसमें जैकी चैन को कास्ट करने की प्लानिंग थी. हालांकि वर्मा को यह प्लानिंग बेतुकी लगी और उन्होंने इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया. इस बातचीत ने शोले को एक अलग तरीके से रीमेक बनाने के के लिए उन्हें विचार आया. उनकी टीम के एक पोस्टर डिजाइनर ने सरकार में अमिताभ बच्चन के लुक के आधार पर गब्बर सिंह की एक छवि बनाई.फिर अमिताभ से वह मिले, अमिताभ ने सरकार की सफलता को देखते हुए वर्मा पर भरोसा किया और इसका हिस्सा बनें.

फिल्म की असफलता को लेकर आरजीवी ने मज़ाक में पोस्टर डिज़ाइनर साशा सिप्पी और यहां तक कि अमिताभ बच्चन को भी दोषी ठहराया, लेकिन अंततः ज़िम्मेदारी खुद ली. फिल्म 2007 में रिलीज़ हुई. आरजीवी की आग में अमिताभ बच्चन के साथ मोहनलाल, अजय देवगन और सुष्मिता सेन ने अभिनय किया था. फिल्म को भारी नकारात्मक समीक्षा मिली और इसे अभी भी बॉलीवुड की सबसे बड़ी आपदाओं में से एक माना जाता है.

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