February 26, 2025
रूस यूक्रेन जंग रुकवाने का प्लान कितना पुख्ता? ट्रंप से मुलाकात के बाद मैक्रों ने किया बड़ा खुलासा

रूस-यूक्रेन जंग रुकवाने का प्लान कितना पुख्ता? ट्रंप से मुलाकात के बाद मैक्रों ने किया बड़ा खुलासा​

मैक्रों के अनुसार युद्धविराम से पहले यह देखना जरूरी है कि आगे बढ़ने के लिए किस प्रकार की सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता है. इसके लिए दो विकल्प हो सकते हैं: पहला, यूक्रेन की क्षमता को बढ़ाना ताकि वह रूसी मोर्चे पर एक मजबूत सेना बनाए रख सके. दूसरा, फ्रांस और ब्रिटेन के लिए एक प्रस्ताव पर मिलकर काम करना होगा कि दोनों राष्ट्र संयुक्त सेना को यूक्रेन में भेजेंगे.

मैक्रों के अनुसार युद्धविराम से पहले यह देखना जरूरी है कि आगे बढ़ने के लिए किस प्रकार की सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता है. इसके लिए दो विकल्प हो सकते हैं: पहला, यूक्रेन की क्षमता को बढ़ाना ताकि वह रूसी मोर्चे पर एक मजबूत सेना बनाए रख सके. दूसरा, फ्रांस और ब्रिटेन के लिए एक प्रस्ताव पर मिलकर काम करना होगा कि दोनों राष्ट्र संयुक्त सेना को यूक्रेन में भेजेंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच व्हाइट हाउस में एक मैराथन बैठक हुई. इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की गई और इसके समाधान के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार किया गया. बैठक के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए एक योजना प्रस्तुत की, जिसमें सुझाव दिया गया है कि कुछ ही हफ्तों में शांति समझौता या युद्धविराम समझौता होने की संभावना है.

राष्ट्रपति ट्रंप के साथ आज की बैठक में राष्ट्रपति मैक्रों ने यूरोपीय संघ के नेताओं की चिंताओं पर बात की, जो अपनी सुरक्षा को लेकर एक साझा चिंता साझा करते हैं. पिछले सप्ताह में मैक्रों ने पेरिस में यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी, जिसमें यूक्रेन संकट और यूरोपीय सुरक्षा पर चर्चा की गई थी.

मैक्रोंने ट्रंप को बताया ‘गेम-चेंजर’

ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है कि यूक्रेन युद्ध, जो तीन साल से जारी है. अब कुछ ही हफ्तों में समाप्त हो जाएगा. इस दावे को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी समर्थन दिया है. उन्होंने ट्रंप को ‘गेम-चेंजर’ बताया है. मैक्रों ने कहा है कि ट्रंप जानते हैं कि अमेरिका की पूर्ण प्रतिरोध क्षमता के साथ रूस के साथ फिर से कैसे जुड़ना है. यह बयान यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए एक नए दौर की शुरुआत का संकेत देता है. हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप के इस दावे को कैसे अमल में लाया जाएगा और क्या यह वास्तव में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में मदद करेगा.

मास्को के साथ समझौते में जल्दबाजी न करें. मैक्रों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि 2014 में रूस के साथ हुए शांति समझौते का उल्लंघन किया गया था और रूस ने हर बार इसका उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा, “मुद्दा विश्वास और विश्वसनीयता का है. यह कैसे सुनिश्चित किया जाए कि रूस दोबारा ऐसा न करे?

इमैनुएल मैक्रों,

फ्रांस के राष्ट्रपति

क्या बातचीत से खत्म होगा युद्ध?

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया है. उन्होंने कहा है कि युद्धविराम समझौते के लिए पहले अमेरिका और रूस के बीच बातचीत होनी चाहिए और फिर अमेरिका और यूक्रेन के बीच. यह कदम यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ एक अल्पकालिक बैठक करने के इच्छुक हैं. यह बैठक यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आशा व्यक्त की है कि आने वाले हफ्तों में यूक्रेन में वास्तविक संघर्ष विराम हो सकता है. इसके लिए जमीन, हवा और समुद्र में संघर्ष विराम हासिल करना होगा. साथ ही यूक्रेन में स्थापित बुनियादी ढांचे पर भी संघर्ष विराम लागू होना चाहिए. मैक्रों का मानना है कि रूस को इस संघर्ष विराम का सम्मान करना चाहिए. यदि रूस ऐसा नहीं करता है, तो यह स्पष्ट होगा कि मास्को शांति समझौते और यूक्रेन की संप्रभुता के बारे में गंभीर नहीं है.

मैक्रों के अनुसार संघर्ष विराम की अवधि के दौरान, सुरक्षा गारंटी पर बातचीत की जाएगी, जिसमें मॉस्को द्वारा प्रदान की जाने वाली गारंटी शामिल होगी. इसके अलावा भूमि और क्षेत्रों के बारे में भी बातचीत की जाएगी, जिसमें रूस द्वारा वापस लेने या आत्मसमर्पण करने के लिए कदम उठाने होंगे. यह यूक्रेनी राष्ट्रपति की जिम्मेदारी होगी कि वे कीव के हितों की रक्षा करें.

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि वाशिंगटन के लिए खनिज सौदा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह यूक्रेन की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा करेगा और पीछे नहीं हटेगा. मैक्रों का मानना है कि यह सौदा यूक्रेन की संप्रभुता को बनाए रखने में मदद करेगा और अंततः एक शांति समझौता सुनिश्चित करेगा.

युद्धविराम के बाद सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता

फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा है कि रूस को भविष्य में संधि का उल्लंघन नहीं करने की गारंटी देने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे. उनका मानना है कि नाटो के लिए या यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के लिए आम सहमति नहीं है. लेकिन अगर यूरोपीय नाटो सदस्य यूक्रेन को अकेला छोड़ देते हैं, तो रूस द्वारा एक और आक्रमण का जोखिम है. मैक्रों के अनुसार युद्धविराम से पहले यह देखना जरूरी है कि आगे बढ़ने के लिए किस प्रकार की सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता है. इसके लिए दो विकल्प हो सकते हैं: पहला, यूक्रेन की क्षमता को बढ़ाना ताकि वह रूसी मोर्चे पर एक मजबूत सेना बनाए रख सके. दूसरा, फ्रांस और ब्रिटेन के लिए एक प्रस्ताव पर मिलकर काम करना होगा कि दोनों राष्ट्र संयुक्त सेना को यूक्रेन में भेजेंगे. लेकिन अग्रिम पंक्ति में नहीं जाएंगे और न ही टकराव पर जाएंगे. मैक्रों का मानना है कि यह सैनिकों की उपस्थिति बनाए रखने के लिए होगा, ताकि यूक्रेन में रूस की विश्वसनीयता पर नजर रखी जा सके. यह अमेरिका के समर्थन से होगा.

‘ अगर हमला हुआ तो… अमेरिका हमारा समर्थन करेगा’

राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि हम (यूरोप) बोझ का अपना उचित हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं, क्योंकि यह यूरोप में है. मैंने पहले ही लगभग 30 यूरोपीय नेताओं से बात की है और उनमें से कई इस तरह की रक्षा संरचना का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं. लेकिन यूरोप अमेरिका से गारंटी और एकजुटता चाहता है कि अगर रूस द्वारा उल्लंघन होता है और अगर यूक्रेन या यूरोप पर हमला होता है तो अमेरिका हमारा समर्थन करेगा.

मैक्रों ने कहा कि मैंने आज सुबह राष्ट्रपति ट्रंप के साथ इस पर चर्चा की और उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से इसकी घोषणा की. अगर हमें अमेरिका से यह गारंटी और एकजुटता मिलती है, तो मुझे लगता है कि हमारे पास एक समझौता है.

यह युद्ध.. इंसानियत की हारती कहानी

रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण की अनुमानित लागत बढ़कर $524 बिलियन हो गई है, जो 2024 में अपेक्षित आर्थिक उत्पादन से लगभग तीन गुना अधिक है. यह युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप का सबसे घातक संघर्ष बन गया है, जिसने दोनों पक्षों पर अनेक मानवीय और आर्थिक घाव छोड़े हैं.

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