केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार का देश का आम बजट पेंश करेंगी. आइये जानते हैं कि विभिन्न वर्गों को इस बजट से क्या उम्मीदें हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को आम बजट पेश करेंगी. बजट की वजह से आम लोगों के साथ कारोबारी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. हालांकि कुछ व्यापारियों में चिंता भी जताई है. व्यापारियों को ई-कॉमर्स से जुड़ी चिंता है. हालांकि, वडोदरा के व्यापार विकास संगठन और सीएआईटी गुजरात के प्रमुख परेश पारीख ने उम्मीद जताई है कि जीएसटी सरलीकरण और ‘वन नेशन वन टैक्स’ के कारण व्यापार की गति में तेजी आएगी.
सीएआईटी के अध्यक्ष परेश पारेख ने कहा, “पूरे साल व्यापारियों के लिए हमारा काम जारी रहा. शनिवार को निर्मला सीतारमण यूनियन बजट पेश करने जा रही हैं. हमारी मुख्य मांगों में से एक है कि जीएसटी का पूरी तरह से सरलीकरण होना चाहिए. जीएसटी में ऐसे प्रावधान होने चाहिए, जिससे छोटे-छोटे व्यापारियों से लेकर एमएसएमई सेक्टर तक सब आसानी से टैक्स भर सकें, और किसी को कोई दिक्कत न हो. सरकार को ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स के लिए नई पॉलिसी बनानी चाहिए. लंबे समय से, सीएआईटी ने मंत्रियों से ई-कॉमर्स के लिए नई पॉलिसी बनाने का अनुरोध किया है, ताकि छोटे व्यापारियों को कोई परेशानी न हो. अगर सरकार इस बजट में ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स की एक नई पॉलिसी बनाती है, तो देश भर में व्यापारी अच्छी तरह से और बेहतर बिजनेस कर सकेंगे. मुख्यतः, सरकार को वन नेशन वन टैक्स का एक फॉर्मूला अपनाना चाहिए, जिससे व्यापार करना आसान हो जाए.”
टैक्स स्लैब कम करने की उम्मीद
बिजनेस मैनेजर आकाश शर्मा ने कहा, “जैसा कि आप सोच रहे हैं, यूनियन बजट में आम इंसान के टैक्स स्लैब को कम करना चाहिए. दूसरी बात, लोगों ने जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन किया है, उस पर लगाया गया डायरेक्ट फ्लैट टैक्स हटा दिया जाना चाहिए. पहले जो सिस्टम था, वह अच्छा था और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 30 प्रतिशत टैक्स भी नहीं होना चाहिए. युवा और वर्किंग क्लास के लिए, उम्मीद है कि 30 प्रतिशत से टैक्स को कम करके कम से कम 20 प्रतिशत तक लाया जाएगा. इसके अलावा, जो इनकम टैक्स स्लैब 10 लाख रुपये पर है, उसे 15 लाख रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए. इससे दोनों तरफ से फायदा होगा और जो पैसा बाजार में जाएगा, उससे देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी.”
व्यापारियों की टैक्स में राहत की मांग
जीतू नाम के शख्स ने कहा, “हम बस आशा करते हैं कि व्यापारियों को थोड़ा फायदा हो. जिस तरह से सरकार ने हर तरफ से टैक्स लगा रखे हैं, उसमें कुछ कमी या राहत मिलनी चाहिए. सरकार ने जिस तरह ऑनलाइन व्यापार को बढ़ावा दिया है, उससे यहां की दुकानें हर दो-तीन महीने में बंद हो रही हैं और व्यापारी धीरे-धीरे बर्बाद हो रहे हैं. सरकार को इसके लिए कुछ सोचना चाहिए.”
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर परवानी ने कहा, “मध्यवर्गीय परिवार और निम्न मध्यवर्गीय परिवारों के लिए इस बजट में सबसे बड़ा तोहफा होगा अगर हमारी केंद्रीय वित्त मंत्री 10 लाख रुपये तक की आय पर जीरो टैक्स कर दें. यह एक बड़ी मदद होगी. इसके साथ, अगर हाउसिंग लोन पर मिलने वाली छूट को 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख किया जाए और होम लोन पर डिडक्शन को 1.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख किया जाए, तो प्रधानमंत्री के हर भारतीय को घर देने के विजन को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा. यह कंस्ट्रक्शन कार्य को भी तेज करेगा जिससे लगभग 200 ट्रेड्स को फायदा होगा. छत्तीसगढ़ जैसे लैंडलॉक राज्य के आर्थिक विकास के लिए रेल और सड़क कनेक्टिविटी बहुत महत्वपूर्ण है. यहां खनन, कृषि, और फूड प्रोडक्ट्स की बहुत संभावना है और टूरिज्म भी बढ़ाया जा सकता है. सरगुजा और बस्तर में रेल कनेक्टिविटी कम है, जिसे सुधारने की जरूरत है. रायपुर से सीधी कनेक्टिविटी, जैसे सूरत या अन्य व्यापारिक क्षेत्रों के साथ जोड़ने की आवश्यकता है.”
‘सबके लिए लाभदायक हो बजट’
उन्होंने आगे कहा, “सड़क नेटवर्क भी बेहतर होना चाहिए और इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का योगदान प्रशंसनीय है. छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार आने से राज्य को बहुत फायदा होगा. हम सबकी निगाहें इस बजट पर टिकी हुई हैं, जिसे हम एक विजन डॉक्यूमेंट के रूप में देखना चाहते हैं. 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य के लिए हर साल हमें आगे बढ़ना होगा. अगर वित्त मंत्री हमारे और व्यापार-उद्योग जगत के सुझावों को स्वीकार करती हैं, तो मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री का 2047 तक विकसित भारत का सपना हकीकत बन सकता है.”
पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब के रहने वाले लखबीर सिंह ने कहा, “बीजेपी सरकार ने 2014 से लेकर अब तक कई बजट पेश किए हैं, जो बहुत ही उम्दा रहे हैं. इस बार भी हमें उम्मीद है कि बहुत ही अच्छा बजट पेश किया जाएगा. एजुकेशन सेक्टर में भी पहले सरकार ने काफी कुछ किया है, और इस बार भी उम्मीद है कि कुछ नया किया जाएगा. वंदे मातरम ट्रेन की तरह, सरकार ने आम जनता और गरीब वर्ग के लिए भी कई योजनाएं शुरू की हैं. बीजेपी सरकार ने पहले भी कई अच्छे कदम उठाए हैं, तो हमें उम्मीद है कि इस बजट में भी कुछ ऐसा ही होगा जो सबके लिए लाभदायक हो.”
अनुराग शर्मा ने कहा, “2014 के बाद से जितने भी बजट पेश हुए हैं, वे बहुत ही अच्छे रहे हैं. इस बार भी हमें उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी की सरकार एक बहुत ही बढ़िया बजट पेश करेगी. महिलाओं के लिए एक विशेष तौर पर बजट में प्रावधान होना चाहिए, जिससे उन्हें आर्थिक राहत और सहायता मिल सके. युवाओं के लिए, जो देश-विदेश में मेडल और उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं, उन्हें सरकारी नौकरियों और पुरस्कारों के माध्यम से प्रोत्साहित करना चाहिए. पंजाब में नशे के मुद्दे को देखते हुए, केंद्र सरकार को इस समस्या को गंभीरता से लेकर बजट में इसके लिए विशेष प्रावधान करना चाहिए.”
क्या कहते हैं रत्न और आभूषण व्यापारी?
कोलकाता में भारतीय रत्न एवं आभूषण निर्माण के अध्यक्ष और कलकत्ता रत्न एवं आभूषण कल्याण संघ के सचिव प्रमोद दुगर ने कहा, “शनिवार को आने वाले बजट में हमारी उम्मीद है कि सरकार सोने की मौजूदा कीमतों को ध्यान में रखते हुए व्यवसाय को सहयोग करेगी. सरकार को ड्यूटी में थोड़ी कमी करनी चाहिए और जीएसटी को भी कम करना चाहिए. इससे हमारा व्यवसाय और अधिक बढ़ सकता है. यह कदम व्यापार के लिए बहुत लाभदायक होगा. कुछ समय पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक्साइज ड्यूटी में कुछ छूट दी थी, जिससे हमारा व्यवसाय एक नए स्तर पर पहुंचा और निर्यात में भी बहुत फायदा हुआ. लोकल व्यवसाय के बावजूद हमारी आय में सुधार की उम्मीद है. हम चाहते हैं कि सरकार इस बजट में जेम्स और ज्वेलरी सेक्टर की तरफ भी ध्यान दे.”
बजट से क्या चाहती हैं महिलाएं?
हिमाचल प्रदेश के मंडी की रहने वाली एक महिला बताती हैं, “हम सरकार से बहुत उम्मीदें रखते हैं कि हमारे रोजगार को बढ़ावा दिया जाए और हमारे सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की तरफ भी ध्यान दिया जाए. हमें अभी तक कुछ खास मिला नहीं है, हालांकि, कभी-कभी छोटे-मोटे लोन मिल जाते हैं, लेकिन बैंक वाले भी लोन देने में कई तरह की परेशानियां खड़ी करते हैं. हमने लोन लिया है, लेकिन हमें यहां बैठने में भी काफी दिक्कतें आ रही हैं. हमें कहा जाता है कि हमने काफी कमाई कर ली है और अब हमें यहां से हट जाना चाहिए, लेकिन हमने जो 10 लाख रुपये का लोन लिया है, उसे चुकाने के लिए हमें कहां से पैसा मिलेगा?”
शिवसेना नेता अरुण सावंत ने कहा, “मध्यम वर्ग इस बजट से टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव की उम्मीद कर रहा है. इसी तरह, किसान भी केंद्र सरकार से नई घोषणाओं की प्रतीक्षा कर रहे हैं. भारत की जलवायु परिवर्तन को देखते हुए, बजट में इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए. गृहिणियां विशेष रूप से रसोई के बजट पर इस बजट के प्रभाव को देखना चाह रही हैं. विभिन्न वर्ग इस बजट पर ध्यान रख रहे हैं, और हमें पूरा विश्वास है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पिछले दस वर्षों में देश की प्रगति को ध्यान में रखते हुए आम आदमी को राहत देने के लिए कुछ करेंगी.”
इन्फो इनफॉर्मेटिक रेटिंग्स के सीनियर अर्थशास्त्री डॉ मनोरंजन शर्मा ने बताया, “भारत सरकार ने आर्थिक सर्वे सदन की पटल पर रख दिया है. इसमें बहुत अच्छे आंकड़े दर्शाए गए हैं. इसमें यह दर्शाया गया है कि इस साल विकास दर 6.3 से 6.8 फीसद तक होगी. खासकर ऐसे माहौल में जब वैश्विक स्तर पर बहुत चिंताएं हैं. रूस-यूक्रेन, इजरायल-गाजा पट्टी और चीन जैसी तमाम चिंताएं दुनिया के सामने हैं. ऐसे में भारत की यह बड़ी छलांग है.”
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