नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को 2023-24 से ‘एक डिफॉल्ट व्यवस्था’ के रूप में निर्धारित किया गया है. यानी करदाता ने अगर नई और पुरानी कर व्यवस्था में से कोई विकल्प नहीं चुना है तो वह स्वत: नई कर व्यवस्था में चला जाएगा.
आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आठ करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गये हैं. इसमें से 74 प्रतिशत करदाताओं ने नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) का विकल्प चुना. सूत्रों ने यह जानकारी दी. इसके साथ ही इस वर्ष लगभग 75 लाख अपडेटेड आयकर रिटर्न (Updated Income Tax Return) दाखिल किये गये हैं. इससे 8,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर प्राप्त हुआ है.
सूत्र ने कहा कि अबतक आठ करोड़ से अधिक व्यक्तियों ने वित्त वर्ष 2023-24 में अर्जित आय के लिए आईटीआर दाखिल (ITR filing FY 2023-24)किया है. इनमें से 5.92 करोड़ से अधिक लोगों ने नई आयकर व्यवस्था (New Tax System) को अपनाया है.
नई कर व्यवस्था को 2023-24 से ‘एक डिफॉल्ट व्यवस्था’ के रूप में निर्धारित किया गया है. यानी करदाता ने अगर नई और पुरानी कर व्यवस्था में से कोई विकल्प नहीं चुना है तो वह स्वत: नई कर व्यवस्था में चला जाएगा. इसका आकलन वर्ष 2024-25 है. हालांकि, करदाता इसे आयकर रिटर्न दाखिल करते समय बदल सकते हैं.
बिना किसी व्यावसायिक आय वाले पात्र व्यक्तियों के पास प्रत्येक वित्त वर्ष में टैक्स रिजिम चुनने का विकल्प होगा. हालांकि, पुरानी व्यवस्था की तरह नई कर व्यवस्था में विभिन्न छूटों और अन्य कटौतियों (वेतन आय और पारिवारिक पेंशन के लिए मानक कटौती के अलावा) का लाभ उपलब्ध नहीं है.
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