रजनीकांत ने 26 फरवरी, 1981 को लता रजनीकांत से शादी की थी. हर साल, वे अपनी बेटियों और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताकर अपनी सालगिरह मनाते हैं. हालांकि, श्रीदेवी की मृत्यु के बाद उनकी 37वीं शादी की सालगिरह का जश्न नहीं मनाया.
श्रीदेवी भारतीय सिनेमा की सुपरस्टार से कहीं बढ़कर थीं. वह अपने आप में एक अद्भुत शख्सियत थीं. उनकी खूबसूरती, शालीनता और अभिनय कौशल ने इंडस्ट्री पर हमेशा के लिए छाप छोड़ी. हर पीढ़ी के फैंस उनके दीवाने हैं. उनके चाहने वालों की लंबी लिस्ट थी. उनमें से एक साउथ के सुपरस्टार रजनी कांत भी थे. कहा जाता है कि साउथ सिनेमा के ‘थलाइवर’ बॉलीवुड की सुपरस्टार श्रीदेवी के प्यार में पागल थे. ऐसा कहा जाता है कि रजनीकांत श्रीदेवी से बेहद प्यार करते थे, लेकिन उन्होंने कभी अपनी भावनाओं को जाहिर नहीं किया क्योंकि कुछ अप्रत्याशित घटनाओं के कारण उन्हें लगा कि यह एक बुरा शगुन है. हालाकि दोनों अच्छी दोस्ती और सफल ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री थी. श्रीदेवी और रजनीकांत पहली बार 1976 में के. बालचंदर द्वारा निर्देशित तमिल रोमांटिक थ्रिलर फिल्म मूंदरू मुदिचु के सेट पर हुई. उस समय, श्रीदेवी केवल 13 वर्ष की थीं और उन्होंने फिल्म में रजनीकांत की सौतेली मां की भूमिका निभाई थी. यह फिल्म दोनों के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी. श्रीदेवी और रजनीकांत ने तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी समेत कई भाषाओं में 19 फिल्मों में साथ काम किया है. उनकी केमिस्ट्री को फैंस ने खूब पसंद किया और जल्द ही दोनों भारतीय सिनेमा की सबसे पसंदीदा जोड़ियों में से एक बन गए.
कई रिपोर्टों के अनुसार, फिल्मों में साथ काम करने के दौरान रजनीकांत धीरे-धीरे श्रीदेवी के प्यार में पड़ गए. वह उनके परिवार, खासकर उनकी मां के बहुत करीब थे और एक बार उन्होंने श्रीदेवी के 16 साल की होने पर उनसे शादी करने की इच्छा भी जताई थी. हालांकि, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. एक पुराने इंटरव्यू में, फिल्म निर्माता के. बालचंदर ने एक बार खुलासा किया था कि रजनीकांत अपनी भावनाओं को लेकर इतने गंभीर थे कि उन्होंने श्रीदेवी के घर जाकर उन्हें प्रपोज करने का फैसला किया. लेकिन जैसे ही वह गृह प्रवेश समारोह के दौरान उनके घर पहुंचे, अचानक बिजली चली गई और घर में अंधेरा छा गया. अत्यधिक अंधविश्वासी होने के कारण, रजनीकांत ने इसे एक अपशकुन के रूप में देखा और अपने प्यार को कबूल किए बिना ही चले गए. उन्होंने फिर कभी इस विषय को नहीं उठाया और आखिरकार श्रीदेवी ने 1996 में निर्माता बोनी कपूर से शादी कर ली. श्रीदेवी भी रजनीकांत की बहुत परवाह करती थीं. जब राणा की शूटिंग के दौरान वे गंभीर रूप से बीमार पड़ गए, तो उन्होंने सात दिनों तक उपवास रखा और उनके ठीक होने की प्रार्थना की. दोनों जीवन के अलग-अलग रास्ते पर चल पड़े इसके बाद भी उनका आपसी सम्मान और प्यार भी कम नहीं हुआ. अपने अनकहे प्यार के बावजूद रजनीकांत और श्रीदेवी ने अपने करियर के दौरान एक मजबूत रिश्ता बनाए रखा. श्रीदेवी कमल हासन और के. बालचंदर के अलावा उन चुनिंदा लोगों में से एक थीं,जिनके पास रजनीकांत का पर्सनल फोन नंबर था.
24 फरवरी, 2018 को दुबई में श्रीदेवी के असामयिक निधन की खबर से पूरा देश सदमे में आ गया था. शोक में डूबे रजनीकांत तुरंत दिवंगत अभिनेत्री को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए मुंबई पहुंचे. अपने ट्विटर पर एक्टर ने एक पोस्ट में श्रीदेवी के निधन पर शोक व्यक्त किया, जिसमें लिखा था, “मैं स्तब्ध और बहुत परेशान हूं. मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया है. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं. #RIPSridev…आपकी कमी खलेगी.”
बता दें कि रजनीकांत ने 26 फरवरी, 1981 को लता रजनीकांत से शादी की थी. हर साल, वे अपनी बेटियों और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताकर अपनी सालगिरह मनाते हैं. हालांकि, श्रीदेवी की मृत्यु के बाद उनकी 37वीं शादी की सालगिरह का जश्न नहीं मनाया.
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