पहले भाव को स्वयं का भाव माना जाता है. यानी खुद के प्रति हमारा नजरिया क्या है और दूसरे लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं, इसी तथ्य पर पहला भाव आधारित है. पहले भाव को रिश्ते, व्यापार, करियर और दूसरों के साथ व्यवहार का कारक माना जाता है.
Shani ka kundali par prabhav : कुंडली के पहले भाव को लग्न भाव भी कहा जाता है. इस भाव में शनि काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. आम तौर पर शनि को नकारात्मक ग्रह माना जाता है और उनके नाम से लोग डर जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. शनि न्यायप्रीय होते हैं. ऐसे में वे आपके कर्मों के मुताबिक ही फल देते हैं. शनि के प्रभाव से व्यक्ति में गंभीरता और अनुशासन के साथ ही जिम्मेदारी की भावना भी आती है. सबसे अहम बात यह है कि पहले भाव में शनि की मौजूदगी का प्रभाव व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता पर पड़ता है. उसे निर्णय लेने में परेशानी भी हो सकती है. पहले भाव को स्वयं का भाव माना जाता है. यानी खुद के प्रति हमारा नजरिया क्या है और दूसरे लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं, इसी तथ्य पर पहला भाव आधारित है. पहले भाव को रिश्ते, व्यापार, करियर और दूसरों के साथ व्यवहार का कारक माना जाता है.
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शनि के सकारात्मक प्रभाव
पहले भाव में शनि के प्रभाव से व्यक्ति को कई तरह के शुभ फल मिलते हैं. व्यक्ति अपनी मेहनत और प्रयास से उच्च पद भी प्राप्त कर सकता है. ऐसे लोग अपने लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाकर काम करते हैं. खास तौर पर शनि के प्रभाव से व्यक्ति की नौकरी में ही रूचि होती है और उन्हें अपने सीनियर्स का भी सहयोग मिलता है. इस भाव में शनि व्यक्ति को कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित करते हैं. जातक दीर्घायु होता है.
शनि के नकारात्मक प्रभाव
पहले भाव में शनि के सकारात्मक प्रभाव के साथ ही इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं. पहले भाव में शनि के प्रभाव से जातक को अपने शुरुआती समय में कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. अगर आप खुद को स्वच्छ रखते हैं, आलस्य और व्यर्थ के विवादों से दूर रहते हैं, तो शनि के दुष्प्रभाव से बचे रह सकते हैं. शनि के प्रभाव से जातक को वात रोग हो सकता है. हालांकि, आम तौर पर इनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
वैवाहिक जीवन पर प्रभाव
शनि के प्रभाव से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है और रिटायरमेंट के बाद का उनका जीवन भी सुखद ही व्यतीत होता है. हालांकि, ग्रह के विपरीत प्रभाव के कारण जीवनसाथी के साथ वैचारिक मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. शनि के प्रभाव से कार्यों में विलंब भी होता है. ऐसे में कुंडली के पहले भाव में शनि के कारण जातक के विवाह में विलंब हो सकता है.
करियर पर प्रभाव
पहले भाव में शनि के करियर पर प्रभाव की बात करें, तो इन्हें विभिन्न विषयों का ज्ञान होता है. स्वभाव से ये गंभीर होते हैं, ऐसे में खुफिया एजेंट, जासूस आदि कार्यों के लिए ये उपयुक्त माने जाते हैं. ये तकनीकी विशेषज्ञ भी हो सकते हैं. कानून, सरकार और शिक्षा के क्षेत्र के लिए भी ये बेहतर होते हैं. व्यापार से भी इन्हें लाभ होता है.
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