Budget 2025: बजट 2025 एक मिडिल क्लास फैमिली में किस तरह की खुशहाली लाया है, इसे इस स्टोरी के जरिए समझें. हर एज ग्रुप के लोगों को कुछ न कुछ ऐसा मिला है, जिसका उसे लंबे समय से इंतजार था…
Budget 2025: देश के सबसे ‘बेचारे’ मिडिल क्लास वाले शर्मा जी के घर में आज रौनक है. सब खुश हैं. शर्मा जी के मन में खुद लड्डू फूट रहे हैं. बड़ा बेटा कुछ ज्यादा ही चहक रहा है. जनाब 10 लाख कमाते थे और टैक्स में ज्यादा ही गंवाते थे. वही रूखी-सूखी सैलरी और टैक्स के बोझ का मिडिल क्लास वाला दर्द. साल में जमा-बचत जीरो और टैक्स कटे सो अलग. बजट में 12 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री क्या हुई, शर्मा जी के बेटे के फ्यूचर प्लैन बनने लगे हैं. 80 हजार के करीब बचेंगे. बेटा उम्मीद कर रहा है इंक्रिमेंट मिलाकर सैलरी 12 के करीब आएगी और टैक्स छूट की 100 पर्सेंट वाली मलाई उसके हिस्से ही आएगी.
खुद शर्मा जी भी मन ही मन मुस्कुरा रहे हैं. वित्त मंत्री के बजट भाषण की नीचे दी गई पंक्तियां बार-बार पढ़ रहे हैं.
‘मैं टीडीएस की दरों और सीमाओं की संख्या कम उसे युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करती हूं. इसके अलावा, बेहतर स्पष्टता और एकरूपता के लिए टीडीएस हेतु राशि की सीमा बढ़ाई जा रही है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा `50,000 से दोगुनी बढ़ाकर `1 लाख की जा रही है. इसी प्रकार, किराए पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा `2.40 लाख से बढ़ाकर `6 लाख कर दी गई है. इससे टीडीएस देयता वाले लेन-देनों की संख्या में कमी आएगी और कम भुगतान पाने वाले छोटे करदाता लाभान्वित होंगे.
दरअसल, शर्मा जी ने रिटायरमेंट में मिली जमा पूंजी की एफडी करवा दी थी. ब्याज से अपना काम चला रहे थे. उनके लिए गुड न्यूज यह आई है कि ब्याज पर 50 हजार की टैक्स छूट दोगुनी हो गई है. अब 1 लाख के ब्याज पर कोई टैक्स शर्मा जी नहीं भरेंगे, लेकिन वित्त मंत्री ने तो शर्मा जी के दोनों हाथों में लड्डू दे दिए हैं. किराए पर टैक्स की सीमा को 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दिए हैं.
गांव में शर्मा जी की एक बीघे जमीन है. वित्त मंत्री ने कुछ ऐसा कर दिया है कि शर्मा जी को वो भी याद आने लगा है. दरअसल, शर्मा जी की जमीन पर कुछ पैदा नहीं होता. खुद तो खेती की नहीं, कोई और भी उस जमीन को खेती करने के लिए नहीं लेता. जमीन ऐसी जगह है कि बेच भी नहीं सकते. दूसरा पुरखों को भी तो ऊपर जाकर मुंह दिखाना है. सो जमीन है, लेकिन आमदनी कुछ नहीं. बजट में वित्त मंत्री ने 100 ऐसे जिलों को फोकस करने के लिए योजना की शुरूआत हैं, जहां ना के बराबर पैदावार होता है या जहां सिंचाई की व्यवस्था सबसे खराब है. अब शर्मा जी को लग रहा है कि गांव वाली जमीन भी उपजाऊ हो गई तो कुछ पैसे आने लगेंगे.
बजट ने शर्मा को नई इलेक्ट्रिक कार का सपना भी दिखा दिया है. नौकरी के दिनों में कार खरीदी थी. अगले साल उसका रजिस्ट्रेशन समाप्त होने वाला है. शर्मा जी ने कार लेने का इरादा ही छोड़ दिया था. वैसे शर्मा जी रहे हैं कारों के शौकीन. अपनी जिंदगी में भले ही सबसे सस्ती वाली कारें ही इस्तेमाल की हों, लेकिन कार पांच-सात सालों में ही बदल देते थे. इस बार वाली कार रिटायरमेंट के कारण लंबे समय तक रह गई. इलेक्ट्रिक कारों को देखकर शर्मा जी का मन तो ललचाता था, लेकिन सोचते थे कि क्या पता इलेक्ट्रिक वाहन लेकर लेने के देने न पड़ जाएं. वहीं पेट्रोल-डीजल कार के भविष्य को लेकर टेंशनिया जाते थे. सो, कार के सपने को तिलांजलि दे दी थी. अब वित्त मंत्री ने लिथियम-आयन बैटरी के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले पूंजीगत सामान पर शुल्क छूट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा तो शर्मा जी के अरमान जाग गए. उन्हें समझ आ गया कि बैटरी सस्ती हुई तो फिर इलेक्ट्रिक कार भी सस्ती होगी और इसे इस्तेमाल करना भी.
बड़ा बेटा तो बल्लियों उछल रहा है. इधर, इनकम टैक्स से फुर्सत मिली और साथ ही विदेशी बाइक पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी को घटाने का ऐलान हो गया. कब से विदेशी बाइक का सपना पाले था, लेकिन कस्टम ड्यूटी के कारण सपना तो सपना ही रह गया. अब लग रहा है कि सपना हकीकत बन सकता है. छोटा बेटा तीन बार मेडिकल से रह गया. वित्त मंत्री ने अगले वर्ष तक 10,000 मेडिकल सीट जोड़ने तथा अगले पांच वर्षों में 75,000 मेडिकल सीट जोड़ने का ऐलान किया तो उसका हौसला फिर से कायम हुआ है. वो फिर से तैयारी का मन बना रहा है. क्या पता अगले साल तक उसका एडमिशन हो ही जाए. नहीं तो किसी एमएसएमई में तो नौकरी मिल ही जाएगी.
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