हेमा मालिनी ने हिंदी फिल्म इंड्स्ट्री में कई यादगार रोल किए हैं. इन यादगार रोल में सबसे पहले नाम आता है फिल्म शोल की बसंती का. जो जरूरत पड़ने पर अपने टांगे पर सवार होती थी और फिल्म का रुख बदल देती थी. बसंती का टांगा खींचने वाली घोड़ी का नाम था धन्नो.
हेमा मालिनी ने हिंदी फिल्म इंड्स्ट्री में कई यादगार रोल किए हैं. इन यादगार रोल में सबसे पहले नाम आता है फिल्म शोल की बसंती का. जो जरूरत पड़ने पर अपने टांगे पर सवार होती थी और फिल्म का रुख बदल देती थी. बसंती का टांगा खींचने वाली घोड़ी का नाम था धन्नो. दिखने में तो ये रोल बहुत फनी लगता था. असल में इसमें जोखिम बहुत था. इस जोखिम से हेमा मालिनी भी अनजान नहीं थीं. इसलिए उन्होंने ये रोल करने से पहले डायरेक्टर के सामने ही एक बड़ी शर्त रख दी थी. हेमा मालिनी ने कुछ ऐसी ही शर्त तब भी रखी थी जब फिल्म सीता गीता में उन्होंने फैन पर लटकने वाला सीन किया था.
बिना हारनेस के किया शोले और सीता गीता का ये सीन
हेमा मालिनी ने एक रिय़लिटी शो में बताया कि अपनी पुरानी फिल्मों में उन्हें किस तरह से जोखिम भरे सीन करने पड़ते थे. असल में जब हेमा मालिनी ने कुछ डांस परफोर्मेंस देखी तब परफोर्मर की सिक्योरिटी पर उन्होंने ये बात कही. हेमा मालिनी ने कहा कि जब आज के जमाने में कोई भी स्टंट किया जाता है तब सारी सिक्योरिटी रखी जाती है और कंट्रोल्ड माहौल में पूरा सीन या सीक्वेंस शूट होता है. लेकिन एक जमाने में इतनी सुविधा नहीं थी. तब स्टार्स को भी हारनेस पहनकर सीन शूट करने की सुविधा नहीं मिलती थी. सारे स्टंट्स भरपूर जोखिम के बीच शूट करने पड़ते थे.
रखी थी ये शर्त
हेमा मालिनी ने ये भी बताया कि उन्हें दो फिल्मों में बड़े जोखिम भरे सीन देने थे. जिस में से एक सीन था फिल्म सीता गीता का सीन. जिस में हेमा मालिनी को पंखे से लटकना था. और, दूसरा सीन था फिल्म शोले का धन्नो वाला सीन. हेमा मालिनी ने कहा कि उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी से ही कर दिया था कि पहले वो खुद वो सीन करके बताएं. जिसके बाद रमेश सिप्पी खुद पहले पंखे पर बैठे. इसके अलावा धन्नों की सवारी भी पहले रमेश सिप्पी ने ही की. जिस के बाद हेमा मालिनी ने वो सीन शूट किए.
NDTV India – Latest