March 21, 2025
श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मामले में 3 अप्रैल को सुनवाई, जानें हाईकोर्ट में आज क्या हुआ

श्रीकृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह मामले में 3 अप्रैल को सुनवाई, जानें हाईकोर्ट में आज क्या हुआ​

बुधवार की सुनवाई में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट से शाही ईदगाह मस्जिद को अयोध्या की तरह विवादित ढांचा घोषित करने की मांग की.

बुधवार की सुनवाई में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट से शाही ईदगाह मस्जिद को अयोध्या की तरह विवादित ढांचा घोषित करने की मांग की.

मथुरा के चर्चित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हिंदू पक्ष की 18 याचिकाओं पर लगातार सुनवाई चल रही है. वहीं इससे पहले पांच मार्च को मामले में सुनवाई हुई थी जिसमें वाद संख्या एक और 16 में वादी की तरफ से एएसआई और केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की हिंदू पक्ष की संशोधन अर्जी स्वीकार कर ली है. हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष पर पांच हज़ार रुपए जुर्माना लगाते हुए जुर्माने की राशि प्रथम विपक्षी मस्जिद कमेटी को देने का आदेश दिया है. ये आदेश जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की सिंगल बेंच ने दिया है.

ASI, भारत सरकार को पक्षकार बनाना जरूरी

वाद संख्या एक और 16 के वादी हिंदू पक्ष का कहना था कि एएसआई और भारत सरकार को पक्षकार बनाना जरूरी है क्योंकि ढांचा एएसआई द्वारा संरक्षित है. 1920 की अधिसूचना द्वारा इसे संरक्षित किया गया है. हिंदू पक्ष ने कोर्ट में दलील दी थी कि आगरा क्षेत्र के संरक्षित भवनों की सूची में भी शामिल है. विवाद के निस्तारण में दोनों को पक्षकार बनाना जरूरी है. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने संशोधन का विरोध भी किया था. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में कहा कि विवाद मंदिर और मस्जिद कमेटी के बीच का है इसमें एएसआई और केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है.

मुस्लिम पक्ष ने किस बात पर जताई आपत्ति

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि एएसआई और केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने से विवाद में किसी प्रकार का फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि हिंदू पक्ष की तरफ से कोई नई प्रार्थना या राहत की मांग नहीं की गई है. संशोधन अर्जी जुर्माने के साथ स्वीकार होने योग्य है. वहीं बुधवार को सुनवाई के दौरान जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से अयोध्या की तरह ही मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग की है जिसपर मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति व्यक्त की है. अब इस मामले में तीन अप्रैल को अगली सुनवाई होगी.

लंबित प्रार्थना पत्रों पर भी कोर्ट में सुनवाई हुई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद के हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट के समक्ष श्री कृष्ण जन्मभूमि के मूल गर्भ गृह को तोड़कर वहां पर बनाई गई मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग रखी और कहा कि इससे पहले अयोध्या में भी बाबरी मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया गया था. कई अन्य मामलों को भी विवादित ढांचा घोषित किया जा चुका है इसलिए ठीक उसी तरह मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को भी विवादित ढांचा घोषित किया जाए. उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर मस्जिद बनी हुई है वह भूमि करीब दो एकड़ से अधिक है. विभिन्न लंबित प्रार्थना पत्रों पर भी कोर्ट में सुनवाई हुई.

अन्य 7 मुकदमे भी हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की अर्जी दाखिल

वहीं मथुरा जिला अदालत से श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े अन्य सात मुकदमे भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए अर्ज़ी दाखिल की गई है. इस मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई है. 7 अप्रैल को मामले में अगली सुनवाई होगी. ये अर्ज़ी भगवान श्रीकृष्ण लला विराजमान और चार अन्य की तरफ से दाखिल की गई है. मंगलवार को हिंदू पक्ष की तरफ से अधिवक्ता रीना एन सिंह और राणा सिंह ने कोर्ट में पक्ष रखा. सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रीना एन सिंह ने बताया कि मथुरा जिला अदालत में विचाराधीन श्रीकृष्ण जन्म भूमि से जुड़े अन्य सिविल वादों की भी सुनवाई

कोर्ट ने याची को दिया ये निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट में करने की अर्जी दाखिल की गई है. कोर्ट ने याची को सिविल वादों की प्रति तीन हफ्ते में दाखिल करने का निर्देश दिया है. जस्टिस नीरज तिवारी की सिंगल बेंच ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान लला की तरफ से दाखिल अर्जी की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. मंदिर पक्ष की अधिवक्ता रीना एन सिंह ने कोर्ट को बताया कि 12 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित स्थगन आदेश इस मामले पर लागू नहीं होता, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने केवल अंतरिम आदेशों और सर्वेक्षण से जुड़े निर्देशों पर रोक लगाई है. लेकिन किसी व्यक्ति या पक्ष के संवैधानिक या विधिक अधिकारों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े सात सिविल वादों को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की प्रार्थना की गई है ताकि सभी मामलों की सुनवाई एक साथ हो सके. गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में 18 सिविल वादों की इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले से ही सुनवाई कर रहा है.

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