संभल में अब ‘नेजा मेला’ पर खड़ा हुआ विवाद, एडिशनल एसपी बोले- लुटेरे के नाम पर नहीं लगेगा मेला!​

 उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रशासन और पुलिस ने महमूद गजनवी के भांजे और सैन्य कमांडर सैयद सालार मसूद गाजी की याद में वार्षिक ‘नेजा मेले’ के आयोजन को अनुमति देने से इनकार कर दिया.

उत्‍तर प्रदेश के संभल में लगातार एक के बाद एक विवाद सामने आ रहे हैं. अभी रमजान और होली को लेकर शुरू हुआ विवाद थमा भी नहीं था कि अब ‘नेजा मेले’ पर विवाद खड़ा हो गया. संभल में इस बार नेजा मेला नहीं लगेगा. संभल पुलिस ने इसकी इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया है. संभल पुलिस ने कहा कि सालार गाजी एक लुटेरा था, इस सच को छुपाया नहीं जा सकता. इसलिए देश को लूटने वाले शख्स की याद में कार्यक्रम की इजाजत नहीं देंगे.

‘लुटेरे की याद में बिल्कुल मेला नहीं लगेगा. अगर लगा तो आप राष्ट्रद्रोही हैं. अगर इस देश के हैं, तो ऐसी इजाजत नहीं मांगेंगे. आप ही कह रहे हैं कि सोमनाथ को लूटा था, तो ऐसे आदमी की याद में आप कार्यक्रम क्‍यों कर रहे हैं. बिल्कुल नहीं होगा, बिल्कुल नहीं होगा… फिर भी आपको लगता है कि नेजा मेला लगाना है, तो पहले जाकर एप्लिकेशन दीजिएगा.’

डंके की चोट पर नेजा मेला का विरोध करने और नहीं होने देने वाले, ये सज्जन हैं एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र. ये संभल के एडिशनल एसपी हैं, जहां पिछले कुछ समय से जामा मस्जिद का विवाद सुलगा हुआ है. और अब नया विवाद खड़ा हुआ है कि क्या नेजा मेला वहां होगा कि नहीं होगा? प्रशासन के रुख से साफ है कि इस बार नेजा मेला नहीं होगा.

किसकी याद में नेजा मेला?

दरअसल, नेजा मेला हर साल सालार गाजी की याद में मनाया जाता है. पुलिस का कहना है कि सालार गाजी एक लुटेरा था. वो महमूद गजनी का सेनापति था, जिसने सोमनाथ मंदिर को लूटा था. सालार गाजी ने पूरे देश में कत्लेआम किया था, जिसे राजा सुहेलदेव ने मार डाला था. इसके ही आधार पर एडिश्नल एएसपी श्रीश चंद्र कह रहे हैं कि मेला नहीं होगा.

नेजा मेले के लिए झंडा 18 मार्च को गाड़ा जाना था. इसके बाद मेला कमेटी ने 25, 26 और 27 मार्च को मेला लगाने का ऐलान किया था. लेकिन अब मामला खटाई में पड़ता दिख रहा है. नगर ‘नेजा मेला’ कमेटी के अध्यक्ष शाहिद हुसैन मसूरी ने पत्रकारों से कहा कि यहां पर सैकड़ों वर्ष से मेले का आयोजन किया जाता है लेकिन इस वर्ष पुलिस अधिकारियों ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि सालार मसूद गाजी आक्रांता थे और उनकी याद में मेले का आयोजन नहीं होगा. शाहिद हुसैन ने कहा कि हम वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेंगे और उनसे बात करेंगे.

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