जानकारी के मुताबिक इस तरह के जैमर बेचने के लिए लाइसेंस और जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है लेकिन दुकानदार के पास कोई दस्तावेज नहीं थे. इसे बेचने के लिए कैबिनेट सेक्रेट्रिएट ने गाइडलाइंस बनाई हुई हैं.
दिल्ली के पालिका बाजार से 2 चाइनीज मोबाइल जैमर बरामद किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक इन्हें सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है. इस जैमर की क्षमता 50 मीटर है और इस मामले में दुकान के मालिक रवि माथुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. रवि ने बताया कि वो ये जैमर लाजपत राय मार्केट से 25 हजार रुपये में लाया था और यहां पर इसे ऊंचे दाम में बेचना चाह रहा था.
जानकारी के मुताबिक इस तरह के जैमर बेचने के लिए लाइसेंस और जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है लेकिन दुकानदार के पास कोई दस्तावेज नहीं थे. इसे बेचने के लिए कैबिनेट सेक्रेट्रिएट ने गाइडलाइंस बनाई हुई हैं. इस तरह के जैमर को कोई इंडिविजुअल शख्स ने नहीं बेच सकता है. दिल्ली पुलिस ने टेलीकम्युनिकेशन विभाग को जानकारी दी और अब दिल्ली के बाकी बाजारों में भी जांच की जा रही है.
हाल ही में रोहिणी में ब्लास्ट भी हुआ था और इस तरह के जैमर का इस्तेमाल कर कोई भी कम्युनिकेशन को ठप कर सकता है.
जैमर लगने से क्या होता है
यदि कहीं जैमर लगा दिया जाए तो आस-पास की सभी तरह की सेलुलर गतिविधियां जाम हो जाती हैं. इनमें इनकमिंग, आउटगोइंग कॉल, एसएमएस और फ़ोटो भेजना शामिल है. पहले से चल रही सभी कॉलें स्वचालित रूप से बाधित और कट जाती हैं. फ़ोन का डिस्प्ले “No Network” दिखाने लगता है. जैमर की वजह से आस-पास के लोगों के मोबाइल टावर से कनेक्शन नहीं हो पाता है. साथ ही इस वजह से ऑनलाइन होने वाले सारे काम ठप हो जाते हैं. किसी वारदात के लिए इस्तेमाल हुआ तो वहां का कम्युनिकेशन भी ठप हो जाता है और वारदात वाली जगह क्या कम्युनिकेशन हुआ उसे ट्रैक कर पाना मुश्किल हो जाता है.
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