सीरिया में बशर अल असद सरकार के तख्तापलट के बाद शिया समुदाय मोहम्मद साहब की नवासी हजरत ज़ैनब के श्राइन को लेकर काफी चिंतित है. एनडीटीवी ने सीरिया में मौजूद एक चश्मदीद से बातचीत की है, जिन्होंने बताया है कि श्राइन सुरक्षित है.
Syria Crisis : सीरिया में अब बशर अल असद की सरकार का तख्तापलट हो चुका है. ऐसे में हिंदुस्तान में रहने वाले शिया समुदाय सीरिया में मौजूद मोहम्मद साहब की नवासी हजरत ज़ैनब के श्राइन के लिए काफी चिंतित है क्योंकि इससे पहले भी आतंकी संगठनों ने श्राइन और कब्रों पर हमला किया है. साथ ही लोग जानना चाहते हैं कि असद सरकार के जाने के बाद श्राइन के क्या हालात हैं? असद सरकार के तख्तापलट को लेकर लोगों की कैसी प्रतिक्रिया है? और सीरिया में कैसी स्थिति है? ऐसे तमाम सवालों को लेकर हमारे संवाददाता अली अब्बास नकवी ने सीरिया के दमिश्क में मौजूद पाकिस्तान के कल्बे मेहदी से एक्सक्लूसिव बातचीत की है.
कल्बे मेहदी ने बताया कि मैं इस वक्त सीरिया के दमिश्क में बीबी ज़ैनब के रोज़े के पास ही होटल में हूं. अब यहां श्राइन में कोई इश्यू नहीं है. सब ठीक है, किसी भी ज़ायरीन पर कोई रोक नहीं है, वह अपने हिसाब से आ-जा रहे हैं. बस मेन ज़री का दरवाजा अभी बंद है, वो भी जल्द ही खुल जाएगा.
श्राइन में लूटपाट से किया इनकार
साथ ही श्राइन में लूटपाट के कथित वीडियो की सच्चाई पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि श्राइन के अंदर कोई भी लूटपाट नहीं हुई है, जो वीडियो वायरल है वो उन लोगों का है, जो यहां आसपास रहते थे और अपना सामान लेकर जा रहे थे. वो उनका सामान था.
साथ ही उन्होंने कहा कि बशर अल असद से लोग नाराज थे. उनके जाने के बाद लोगों ने फायरिंग करके जश्न मनाया. अब लोग बेहद खुश हैं.
उन्होंने कहा कि इस वक्त पाकिस्तान के 300 से ज्यादा लोग यहां श्राइन के आसपास होटलों में रह रहे हैं, हम लोग पाकिस्तान के दूतावास के संपर्क में हैं. हमें यहां पर हिंदुस्तानी नहीं दिखे हैं.
जायरीनों को झेलनी पड़ रही है परेशानी
उन्होंने कहा कि सीरिया में हमारे होटल महंगे हो गए हैं. एयरपोर्ट के पास कुछ लूटपाट की खबरें आई थीं और हमारी फ्लाइट भी कैंसिल हो गई. अब हमें इंतज़ार है कि हमारी फ्लाइट कब शुरू होगी.
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है क्योंकि कुछ लोगों के होटल के पैकेज खत्म हो चुके हैं और होटल वालों का कहना है कि रहना है तो पैसा देना होगा. वहीं कई होटल यहां आने वाले लोगों को पैसा लेने के बावजूद खाना और दूसरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं.
कतर ने की ईरान-रूस और नई सरकार के बीच मध्यस्थता!
सूत्रों के मुताबिक कतर ने ईरान-रूस और नई सरकार के बीच मध्यस्थता की है, जिसमें बशर अल असद को सुरक्षित निकाले जाने की मांग की गई थी. साथ ही क्रिश्चियन और शिया धर्मस्थलों को नुकसान न पहुंचाने के साथ ही आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाने की मांग शामिल थी.
ईरान के लिए सीरिया में जनाबे जैनब और जनाबे सकीना का श्राइन बहुत ही महत्पूर्ण है. उसने पहले ही कहा था कि वहां पर कोई हमला नहीं होना चाहिए. उनकी यह बात मानी गई है और अभी तक वहां पर कोई हमला नहीं हुआ है.
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