March 21, 2025
सुनीता विलियम्स को सहानुभूति की जरूरत नहीं... नील डीग्रास टायसन ने exclusive इंटरव्यू में ऐसा क्यों कहा?

सुनीता विलियम्स को सहानुभूति की जरूरत नहीं… नील डीग्रास टायसन ने Exclusive इंटरव्यू में ऐसा क्यों कहा?​

टायसन ने इंटरव्यू में कहा कि सुनीता और बुच पेशेवर अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्हें न केवल शारीरिक बल्कि भावनात्मक रूप से भी मजबूत होने के आधार पर चुना जाता है. जब आप भावनात्मक रूप से स्थिर होते हैं, तो आठ दिन की जगह नौ महीने की यात्रा भी आपके लिए परेशानी का सबब नहीं बनती.

टायसन ने इंटरव्यू में कहा कि सुनीता और बुच पेशेवर अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्हें न केवल शारीरिक बल्कि भावनात्मक रूप से भी मजबूत होने के आधार पर चुना जाता है. जब आप भावनात्मक रूप से स्थिर होते हैं, तो आठ दिन की जगह नौ महीने की यात्रा भी आपके लिए परेशानी का सबब नहीं बनती.

अमेरिका की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर की घर वापसी से पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली है. इन दोनों की यह यात्रा आठ दिनों के लिए निर्धारित थी लेकिन तकनीकी खामियों के कारण नौ महीने तक खिंच गई. लंबी यात्रा के बाद अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है धरती के गुरुत्वाकर्षण और सामान्य जीवन में फिर से ढलना. प्रसिद्ध ऐस्ट्रोफिज़िसिस्ट नील डीग्रास टायसन ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि सुनीता और बुच को ठीक होने के लिए थोड़े समय की जरूरत होगी.

टायसन ने इंटरव्यू में कहा कि सुनीता और बुच पेशेवर अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्हें न केवल शारीरिक बल्कि भावनात्मक रूप से भी मजबूत होने के आधार पर चुना जाता है. जब आप भावनात्मक रूप से स्थिर होते हैं, तो आठ दिन की जगह नौ महीने की यात्रा आपके लिए परेशानी का सबब नहीं बनती. वे घबराए नहीं और न ही ऐसा कोई कदम उठाया जिससे चालक दल की सुरक्षा खतरे में पड़ती. इसलिए मुझे उनकी सुरक्षा को लेकर कभी चिंता नहीं हुई, भले ही बाकी लोग परेशान क्यों न रहे हों. उन्हें सहानुभूति की जरूरत नहीं है वो बेहद मजबूत हैं.

अंतरिक्ष में लंबा प्रवास और शारीरिक चुनौतियां
सुनीता और बुच पिछले साल 5 जून को बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल के जरिए आईएसएस के लिए रवाना हुए थे. लेकिन कुछ समस्याओं के कारण उनकी वापसी में देरी हुई. इस दौरान अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव तक हो गए, लेकिन अंतरिक्ष यात्री धैर्य के साथ अपनी वापसी का इंतजार करते रहे. टायसन ने बताया कि आईएसएस पर एक्सरसाइज के कई तरीके उपलब्ध हैं, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों की मांसपेशियां पूरी तरह कमजोर नहीं होतीं. हालांकि, अंतरिक्ष में भारहीनता के कारण ‘ऊपर’ और ‘नीचे’ की पहचान करने की उनकी क्षमता प्रभावित होती है, क्योंकि वहां आंतरिक कान के संतुलन तंत्र का इस्तेमाल नहीं होता.

Latest and Breaking News on NDTV

टायसन ने अपने अंतरिक्ष यात्री दोस्तों के अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा, “आमतौर पर एक हफ्ते के भीतर वे ठीक हो जाते हैं. लेकिन शुरुआती दिनों में उन्हें कांच का गिलास न दें, क्योंकि उनकी मांसपेशियां कमजोर होती हैं और उनके हाथों से गिलास छूट सकता है. इसलिए पहले कुछ पेय पदार्थ प्लास्टिक के कप में देना बेहतर होगा.”

मानसिक तौर पर मजबूत होते हैं अंतरिक्ष यात्री
सुनीता और बुच की मानसिक स्थिति को लेकर उठ रहे सवालों को टायसन ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, “नासा अपने अंतरिक्ष यात्रियों को शारीरिक और मानसिक दोनों मजबूती के आधार पर चुनता है.”

Latest and Breaking News on NDTV

गुरुत्वाकर्षण का असर और पुनर्वास
धरती और अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण का स्तर अलग-अलग होता है. रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल होने वाली मांसपेशियां अंतरिक्ष में कम मेहनत करती हैं, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं. इसीलिए वापसी के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को शक्ति प्रशिक्षण और गतिशीलता व्यायाम से गुजरना पड़ता है. टायसन ने कहा कि यह प्रक्रिया सामान्य है और इसमें कोई चिंता की बात नहीं.

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.