Bigg Boss 18 विनर करणवीर मेहरा ने हाल में सिद्धार्थ कन्नन के साथ बातचीत में अपने बचपन के दिनों का स्ट्रगल याद किया और बताया कि किस तरह किताबें पढ़ना उनके लिए बहुत बड़ी मुसीबत होती थी.
बिग बॉस 18 विनर करणवीर मेहरा पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में छाए हुए हैं. खासतौर से ट्रॉफी हासिल करने के बाद तो केवल एक ही नाम के चर्चे हैं. अपनी प्रोफेशनल लाइफ को धीरे धीरे वापस ट्रैक पर ला रहे करण ने हाल में बताया कि उनका बचपन काफी संघर्षों भरा रहा है क्योंकि उन्हें डिस्लेक्सिया नाम की एक परेशानी थी. डिस्लेक्सिया वही जिस पर आमिर खान की तारे जमीन पर बनी थी. यानी करण को पढ़ने लिखने में दिक्कत होती थी.
सिद्धार्थ कन्नन के साथ बातचीत में करण ने बताया कि वो पार्शियल डिस्लेक्सिया से पीड़ित थे और किस तरह उनकी मां ने उन्हें हॉस्टल भेज दिया था. करण ने कहा, बड़ा तंग कर रखा था यार मैंने मम्मी को. एक होता है ना आप निकाले गए हो स्कूल से, मैं बहुत जोर से निकाला गया हूं. शरारत में नंबर वन, घर नहीं पहुंचना, दोस्तों के साथ और उस टाइम पर फोन नहीं होते थे तो मेरी मां बहुत परेशान होती थीं. उन्होंने मेरे लिए हॉस्टल ढूंढना शुरू किया और लंबे समय तक मैं जानबूझकर टेस्ट गलत देता था और पढ़ाई में मेरा बहुत ही बुरा हाल था मेरा.
डिस्लेक्सिया पर बोलते हुए करण ने कहा, पढ़ने का जब होता था क्लास तो मैं पता करता था कि मेरा कौनसा चांस आने वाला है और वो भी अगर चांस आया तो मैं कोशिश करता कि कूद कर किसी और सीट पर चला जाऊं. मैं दुआ करता था कि घंटी बज जाए मेरी बारी ना आए. अगर गलती से मेरा तैयार किया हुआ पैराग्राफ से कुछ ऊपर नीचे होता तो मुझसे पढ़ा ही नहीं जाता था. टीचर स्केल फेंककर मारते थे और बोलते थे ऐसा क्यों कर रहे हो ? मेरा तारे जमीन पर ही वाला हाल था.
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