March 19, 2025
स्पेस में 9 महीने तक सुनीता विलियम्स ने कैसे बिताए दिन, जिंदा रहने के लिए क्या क्या खाया, क्या हुईं तकलीफें, यहां जानें

स्पेस में 9 महीने तक सुनीता विलियम्स ने कैसे बिताए दिन, जिंदा रहने के लिए क्या-क्या खाया, क्या हुईं तकलीफें, यहां जानें​

अमेरिकी अंतरिक्ष साइंटिस्ट सुनीता विलियम्स ने स्पेस में 9 महीने क्या-क्या खाकर खुद को जिंदा रखा यहां जानें.

अमेरिकी अंतरिक्ष साइंटिस्ट सुनीता विलियम्स ने स्पेस में 9 महीने क्या-क्या खाकर खुद को जिंदा रखा यहां जानें.

अमेरिका स्पेस एजेंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथियों के साथ पूरे 9 महीने बाद अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक धरती पर लैंड कर चुकी हैं. वह फ्लोरिदा कोस्ट पर एक स्पेस एक्स कैप्सूल के जरिए धरती पर पहुंची हैं, जिसके वीडियो नासा ने जारी किये हैं. पृथ्वी से 254 मील ऊपर स्थित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पिछले लगभग 25 सालों से विश्व भर के अंतरिक्ष यात्रियों की मेजबानी कर रहा है. सुनीता विलियम्स के धरती पर आने से भारत और अमेरिका इसका खूब जश्न मन रहा है. सुनीता विलियम्स इंडियन-अमेरिकन एस्ट्रोनॉट हैं. स्पेस में रहना बहुत ही फिजिकली चैलेंजिंग होता है. आइए जानते हैं सुनीता विलियम्स और उनके साथियों को स्पेस में रहने के दौरान क्या-क्या तकलीफें आईं और उन्होंने क्या-क्या खाकर खुद को स्पेस में जिंदा रखा.

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स्पेस में होने वाले फिजिकल चैलेंज (Physical Challenges Living in Space)

अंतरिक्ष में महीनों तक रहने से मांसपेशियों और हड्डियों में कमजोरी, द्रव में बदलाव, जिसके कारण किडनी में पथरी भी हो सकती है, देखने में समस्या और धरती के गुरुत्वाकर्षण में वापस आने पर शारीरिक संतुलन को दोबारा कायम करने में कठिनाई जैसी तकलीफें होती हैं. हालांकि, नासा के पास इन सब समस्याओं से निपटने के लिए पहले ही पूरा प्लान तैयार है.

स्पेस में क्या-क्या खाया? (Food in ISS)

बीते साल 18 नवंबर को न्यूयॉर्क पोस्ट ने बताया था कि स्पेस स्टेशन (ISS) में सुनीता और उनके साथियों ने पिज्जा, रोस्ट चिकन, श्रीम कॉकटेल जैसी चीजों का सेवन किया था. इसके अलावा उन्होंने ब्रेकफास्ट में पॉडर मिल्क, पिज्जा, टुना, रोस्ट चिकन भी खाया था. नासा ने इन सभी अंतरिक्ष यात्रियों की कैलोरी को मैनेज करने का भी पूरा इंतजाम किया था. बता दें, 9 सितंबर 2024 को नासा ने एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें सुनीता और उनके साथी को स्पेस स्टेशन में फूड खाते देखा गया था.

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ताजा भोजन की कमी (Fresh Food Depletion)

जानकारी के मुताबिक, स्पेस में ताजे भोजन की कमी थी. बताया गया है कि स्पेस स्टेशन में जो फ्रूट्स और सब्जियां ले जाई जाती थीं, वो महज तीन महीनों के अंदर ही खत्म हो जाती थी. रिपोर्ट्स की मानें तो स्पेस में फ्रूट्स और सब्जियों को फ्रिज में और ड्राई करके रखा जाता था.

कैसे और कहां बनता था खाना? (Food Preparation)

इस मिशन के लिए सुनीता और उनके साथियों के लिए पूरे प्लान के तहत खाना तैयार किया जाता था. इसमें मीट और अंडों को धरती से पकाकर ही ले जाया जाता था. सूप, स्टू और कैसरोल जैसे डिहाइड्रेट फूड्स को आई.एस.एस. के 530 गैलन वाले ताजे वाटर टैंक के पानी से हाइड्रेट किया जाता था. स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष यात्रियों के पेशाब और पसीने को पीने के पानी में भी रिसाइकिल करता था.

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वेट लॉस की समस्या (Weight Loss Concerns)

गौरतलब है कि इस मिशन पर सुनीता विलियम्स और उनके साथियों का शारीरिक वजन भी घट रहा था, लेकिन एक्सपर्ट ने स्पष्ट किया है कि इन सभी का वजन खाने की कमी से नहीं बल्कि अंतरिक्ष के वातावरण की वजह से घटा रहा था. एक्सपर्ट ने भी दावा किया कि इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के खाने-पीने का पूरा ध्यान रखा गया. यह भी दावा किया है कि मिशन की टाइमिंग बढ़ने के मद्देनजर एक्स्ट्रा फूड का भी इंतजाम किया गया था.

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