स्मॉग की चादर में लिपटी दिल्ली की हवा जहरीली, 15वें दिन AQI 350 पार; जानें कहां कैसे हालात​

 पंजाब में 2023 में पराली जलाने की कुल 36,663 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2022 की तुलना में 26 प्रतिशत कम है. 2022 में 49,922, 2021 में 71,304, 2020 में 76,590, 2019 में 55,210 और 2018 में पराली जलाने की 50,590 घटनाएं दर्ज की गई थीं.

ठंड के बढ़ने के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर वायु प्रदूषण की चपेट में है. आलम ये है कि शहर की हवा लगातार दमघोंटू होती जा रही है. नतीजतन लगातार एक्यूआई लेवल भी बढ़ रहा है, जिससे दिल्ली वाले परेशान हो गए हैं. दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में एयर क्वालिटी में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को भी एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब’ में श्रेणी में रही. आज सुबह दिल्ली का औसत एक्यूआई 344 दर्ज किया गया. 

15वें दिन भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में एक्यूआई

दिल्ली में एयर क्वालिटी लगातार 15वें दिन भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही और एक्यूआई 344 दर्ज किया गया. शहर में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुंआ रहा. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 30 अक्टूबर से लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है. दिल्ली में 30 अक्टूबर को एक्यूआई 307 दर्ज किया गया था. शून्य से 50 की श्रेणी को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.

धान की फसल की कटाई के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए अक्सर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है. जिस पर पंजाब के राज्यपाल ने कहा,‘‘केवल पराली जलाने के लिए किसानों को दोष देना सही नहीं है. यह उनकी (किसानों की) मजबूरी है, क्योंकि उन्हें अगली फसल भी बोनी है.”

खराब श्रेणी में दिल्ली का AQI

दिल्ली के इलाकों के नामAQI@ 6.00 AMकौन सा जहरकितना औसतआनंद विहार391PM 10 का लेवल हाई386मुंडका362PM 2.5 का लेवल हाई362वजीरपुर373PM 2.5 का लेवल हाई373जहांगीरपुरी381PM 2.5 का लेवल हाई381आर के पुरम350PM 2.5 का लेवल हाई350ओखला 337PM 2.5 का लेवल हाई337बवाना382PM 2.5 का लेवल हाई382विवेक विहार354PM 2.5 का लेवल हाई354नरेला364PM 2.5 का लेवल हाई364

दिल्ली में छाया घना कोहरा

दिल्ली और आसपास के इलाकों में हल्की ठंड की शुरुआत के साथ कोहरा भी छाने लगा है. बुधवार की सुबह दिल्ली एनसीआर का इलाका स्मॉग (Smog) के साथ कोहरे (Fog) में लिपटा हुआ दिखाई दिया. जाहिर सी बात है कि इसका असर दिल्ली की आबोहवा पर पड़ना तय है. जिससे आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को भी एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही थी. 

अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को अक्सर दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. चूंकि धान की कटाई के बाद रबी की फसलों, विशेषकर गेहूं की बुवाई के लिए बहुत कम समय होता है, इसलिए कुछ किसान अगली फसल की बुवाई के लिए फसल अवशेषों को जल्दी से जल्दी साफ करने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं.

मौसम विभाग ने बुधवार की सुबह हल्का कोहरा छाए रहने तथा आसमान साफ ​​रहने का अनुमान जताया था. न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.

अगले दो दिनों तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में सबसे अधिक हिस्सेदारी वाहनों से होने वाला उत्सर्जन का होगा और यह करीब 10 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है. परिवहन के अलावा दिल्ली के प्रदूषण के अन्य कारकों में किसानों द्वारा पराली जलाना भी है.

नवंबर का महीना अभी तक रहा गर्म

10 नवंबर और 12 नवंबर को छोड़कर इस महीने एक्यूआई लगातार 350 से ऊपर रहा है. उन्होंने बताया कि 10 और 12 नवंबर को हवा की गति के कारण एक्यूआई 334 दर्ज किया गया था. इस साल नवंबर में असामान्य रूप से अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है. महीने के दूसरे सप्ताह तक दैनिक अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है जबकि रात का तापमान 16 डिग्री सेल्सियस और 18 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है. यह पिछले वर्षों के विपरीत है जब पारा सामान्यतः 10 डिग्री सेल्सियस और 15 डिग्री सेल्सियस के बीच गिर जाता था.

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